जनवादी गणराज्य चीन
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जनवादी गणराज्य चीन 中华人民共和国 |
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राष्ट्र-गान: March of the Volunteers (अंग्रेजी) स्वयंसेवकों की रैली |
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राजधानी | पेइचिंग 39°55′ N 116°23′ E |
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सबसे बडा़ नगर | शंघाई | ||||
राजभाषा(एँ) | चीनी भाषा(मंदारिन) | ||||
सरकार | समाजवादी गणराज्य | ||||
- राष्ट्रपति | हु जिंताओ | ||||
- प्रधानमंत्री | वेन जिआबाओ | ||||
क्षेत्रफल | |||||
- कुल | ९५,९६,९६० किमी² (तीसरा) ३७,०४,४२७ मील² |
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- जल(%) | २.८ | ||||
जनसंख्या | |||||
- २००६ अनुमान | १,३१,५८,४४,००० (प्रथम) | ||||
- २००० जनगणना | १,२४,२६,१२,२२६ | ||||
- जन घनत्व | १४०/किमी² (३२२) ३६३/मील² |
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सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (पीपीपी) | २००८ अनुमान | ||||
- कुल | $७.९१६ ट्रिलियन (दूसरा) | ||||
- प्रति व्यक्ति | $७,१०० (८४वाँ) | ||||
मानव विकास सूचकांक (२००६) | ०.७६२ (मध्यम) (९४वां) | ||||
मुद्रा | रेन मिन बी (युआन) (CNY ) |
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समय मंडल | चीनी मानक समय (यूटीसी +८) | ||||
इंटरनेट टीएलडी | .सीएन | ||||
दूरभाष कोड | ++८६ |
जनवादी गणराज्य चीन जिसको प्रायः चीन से सम्बोधित किया जाता है, एशिया में स्थित एक देश है। यह समूचे विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और क्षेत्रफल की दृष्टि से इसका स्थान तीसरा है। इतने बड़े भूखंड पर स्थित होने के कारण इसके पड़ोसियों की संख्या भी अधिक है। उत्तर में रूस, कोरिया तथा मंगोलिया, पश्चिम में कजाकस्तान, भारतीय और पाकिस्तानी कश्मीर, अफ़ग़ानिस्तान तथा उत्तरी भारत दक्षिण में भारत, नेपाल तथा बर्मा तथा दक्षिण पश्चिम में थाईलैंड, कम्बोडिया तथा वियतनाम है। उत्तर पूर्व में जापान मुख्य भूमि से दूर स्थित है। चीन ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताईवान का प्रशासन खुद को स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। 1949 के गृहयुद्ध में जीत मिलने के बाद समाजवादियों ने चीन की सत्ता पर अधिकार किया और ताईवान तथा उससे सटे क्षेत्रों पर पुराने शासकों का अधिपत्य हुआ। इसके बाद से मुख्य चीन को चीन का जनवादी गणराज्य तथा ताईवान को चीनी गणराज्य कहा जाता है।
यहां की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पांपरिक तथा आधुनिक रूप दोनों प्रयुक्त होता है। प्रमुख नगरों में पेइचिंग तथा शंगहाई का नाम आता है।
अनुक्रम |
[संपादित करें] इतिहास
चीन की सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। इसका चार हज़ार वर्ष पुराना लिखित इतिहास है। यहां तरह-तरह के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक ग्रन्थ और पुरातन संस्कृति के अवशेष पाए गए हैं। दुनिया के अन्य राष्ट्रों की तरह चीनी राष्ट्र भी अपने विकास के दौरान आदिम समाज, दास समाज और सामन्ती समाज की मंजिलों से गुजरा था। ऐतिहासिक विकास के इस लम्बे दौर में, चीनी राष्ट्र की विभिन्न जातियों की परिश्रमी, साहसी और बुद्धिमान जनता ने अपने संयुक्त प्रयासों से एक शानदार और ज्योतिर्मय संस्कृति का सृजन किया, तथा समूची मानवजाति के लिये भारी योगदान भी किया। यह उन गिने चुने सभ्यताओं में एक है जिन्होंने प्राचीन काल में अपनी स्वतंत्र लेखन पद्धति का विकास किया। अन्य सभ्यताओं के नाम हैं - प्राचीन भारत(सिंधु घाटी सभ्यता), मेसोपोटामिया की सभ्यता, मिस्र और माया सभ्यता । चीनी लिपि अब भी चीन, जापान के साथ साथ आंशिक रूप से कोरिया तथा वियतनाम में प्रयुक्त होती है।
पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर चीन में मानव बसाव लगभग साढ़े बाईस लाख (22.5 लाख) साल पुराना है।
[संपादित करें] प्राचीन चीन
शिया राजवंश का अस्तित्व एक लोककथा लगता था पर हेनान में पुरातात्विक खुदाई के बाद इसके वजूद की सत्यता सामने आई। प्रथम प्रत्यक्ष राजवंश था -शांग राजवंश, जो पूर्वी चीन में 18वीं से 12 वीं सदी इसा पूर्व पीली नदी के किनारे बस गए। 12वीं सदी ईसा पूर्व में पश्चिम से झाऊ शासकों ने इनपर हमला किया और इनके क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। इन्होंने 5वीं सदी ईसा पूर्व तक राज किया। इसके बाद चीन के छोटे राज्य आपसी संघर्ष में भिड़ गए। ईसा पूर्व 221 में किन राजाओं ने चीन का प्रथम बार एकीकरण किया। इन्होंने राजा का कार्यालय स्थापित किया और चीनी भाषा का मानकीकरण किया। ईसा पूर्व 220 से 206 ई. तक हान राजवंश के शासकों ने चीन पर राज किया और चीन की संस्कृति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। यह प्रभाव अब तक विद्यमान है। हानों के पतन के बाद चीन में फिर से अराजकता का माहौल छा गया। सुई राजवंश ने 580 ईस्वी में चीन का एकीकरण किया जिसके कुछ ही सालों बाद (614 ई.) इस राजवंश का पतन हो गया।
[संपादित करें] मध्यकालीन चीन
फिर थांग और सोंग राजवंश के शासन के दौरान चीन की संस्कृति और विज्ञान अपने चरम पर पहुंच गया। सातवीं से बारहवीं सदी तक चीन विश्व का सबसे संस्कृत देश बन गया। 1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन राजवंश की स्थापना की जिसने 1279 तक सोंग वंश को सत्ता से हटाकर अपना अधिपत्य कायम किया। एक किसान ने 1368 में मंगोलों को भगा दिया और मिंग राजवंश की स्थापना की जो 1664 तक चला। मंचू लोगों के द्वारा स्थापित क्विंग राजवंश ने चीन पर 1911 तक राज किया जो चीन का अंतिम वंश था।य्६उ६६ह्ह्थ्त्थ्थ्त्थ्थ्त्जिऔइओइएर्जिज्८९ एरिओजूओजिओजिओग
[संपादित करें] आधुनिक चीन
युद्ध कला में मध्य एशियाई देशों से आगे निकल जाने के कारण चीन ने मध्य एशिया पर अपना प्रभुत्व जमा लिया, पर साथ ही साथ वह यूरोपीय शक्तियों के समक्ष कमजोर पड़ने लगा। चीन शेष विश्व के प्रति सतर्क हुआ और उसने यूरोपीय देशो के साथ व्यापार का रास्ता खोल दिया। ब्रिटिश भारत तथा जापान के साथ हुए युद्धों तथा गृहयुद्धो ने क्विंग राजवंश को कमजोर कर डाला। अंततः 1912 में चीन में गणतंत्र की स्थापना हुई।
[संपादित करें] विभाग
चीन की सरकार के नियंत्रण में कुल ३३ प्रशासनिक विभाग हैं, और इसके अतिरिक्त यह ताइवान को अपना एक प्रान्त मानता है, पर इसपर उसका नियंत्रण नहीं है।
- प्रान्त
चीन के कुल २३ प्रान्त हैं। इसके नाम हैं - अंहुई, फ़ुजियान, गांशु, ग्वांगडोंग, गुईझोउ, हेइनान, हेबेइ, हुनान, जिआंग्शु, ज्यांगशी, जिलिन, लियाओनिंग, किंगहाई, शांक्झी, शांगदोंग, शांक्षी, शिचुआन, ताईवान, युन्नान, झेज़ियांग
- स्वायत्त क्षेत्र
आंतरिक मंगोलिया, ग्वांग्शि, निंग-ऴा, बोड स्वायत्त क्षेत्र, शिंजांग स्वायत्त क्षेत्र, तिब्बत
- नगरपालिका
बीजिंग, शांघाई, चोंगिंग, त्यांजिन
- विशेष प्रशासनिक क्षेत्र
[संपादित करें] यह भी देखिए
- [चीन का इतिहास (गूगल पुस्तक)
- ताईवान
- चीन व भारत के राजनीतिक संबंध
चीन के प्रशासनिक विभाग | |||||||||||||||||
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