राधा मीना से - मिसेज शर्मा है न गधी है गधी घन्टे भर से मेरा सिर खा रही थी।
मीना - बेचारी भूखी रही होगी, सिर मे भूसा भरा देख कर रोक न सकी होगी।
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मोनू - मम्मी आपने भइया को किस भाव से खरीदा है।
मम्मी -बेटे मैने उसे खरीदा नही, जन्म दिया है (समझाते हुये)
मोनू - फिर डाक्टर साहब ने उसे तौल कर क्यों दिया।
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भिखारी - बाबुजी, अन्धे सूरदास को एक रूपया देदो।
साहब - सूरदास तो पूरे अन्धे थे, तुम्हारी एक आँख तो ठीक है।
भिखरी - तो पचास पैसे ही दे दो।
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अध्यापक - काल कितने प्रकार के होते है
राजू - काई प्रकार के
अध्यापक - (गुस्साते हुये) बताओ
राजू - मिस काल, रीसीव काल और डायल काल
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एक आदमी तेजी से बस मे चढ़ा और बोला लगता है सारे के सारे जानवर बस मे भरे है।
दूसरा आदमी बोला बस एक गधे की कमी थी वो भी पूरी हो गई।
Nov 29, 2006
Nov 26, 2006
मौसम की जानकारी देता पत्थर
कानपुर के एक मन्दिर है जहॉं एक ऐसा पत्थर है जो बिना किसी धोखे के 15 दिन पूर्व ही बारिश की जानकारी दे देता है। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर के बेहटा बुजुर्ग गांव में एक ऐसा पत्थर है जिससे मानसून आने से 15 दिन पूर्व ही पानी टपकने लगता है। पुरातात्विक विरासत को समेटे इस गांव में विशिष्ट वास्तु शैली में बने जगन्नाथ मंदिर के दो उन्नत शिखर विलक्षणता का आभास करा देते हैं। मुख्यद्वार पर प्राचीन पट है जिससे सूर्य के मुख से जंजीर निकलती दिखाई देती है। जंजीर की आखिरी कड़ी से तीन कडि़यों और फिर उससे नौ कडि़यों का विस्तार होता चला जाता है। मंदिर के गर्भगृह में दिन में भी अंधेरा छाया रहता है और इसी गर्भगृह में ही ऊपर वह पत्थर स्थित है जिसे यहां के लोग मानसून पत्थर कहते हैं। रहस्य को समेटे मानसून पत्थर की सूचना पर आस-पास के लोग खेती के बारे में निर्णय लेते हैं। मंदिर के गर्भगृह के दोनों ओर बनी छोटी छोटी कोठरियों में भगवान विष्णु की प्रतिमा है, इन्हीं में से एक में पुरावशेषों के ढेर हैं। गांव वालों का मत है कि अगर इस मंदिर और आस पास के क्षेत्र में खुदाई की जाए तो पुरातात्विक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण चीजें भी मिल सकती हैं।
साभार : दैनिक जागरण(Danik Jagran) से
श्रेणी : समाचार पत्र से
साभार : दैनिक जागरण(Danik Jagran) से
श्रेणी : समाचार पत्र से
Nov 20, 2006
Nov 13, 2006
दादागीरी
गांधीगीरी का गुण गान चारो तरफ हो रहा है, फिल्म भी हिट और सुपर हिट जा रही है। हर मुखडे पर गांधी गीरी की बाते हो रही है, मेरे घर मे भी इस फिल्म को देखने की बात चली और ले आये डीवीडी, और सायं काल 7 बजे इस को देखने की योजना बनी, यह योजना पापा जी की तरफ से भी उनका दिया हुआ समय था। चूकिं हमे पता था कि पापा जी 7 बजे तक समय नही निकाल पायेगे तो अम्मा जी ने कहा कि लगा लो तो हम लोगो ने फिल्म को लगा कर देखना शुरू कर दिया। पापा जी का आना हुआ लगभग 7:30 पर उस समय गान्धी जी को ढाल बना कर मुन्ना भाई प्यार के गीत गा रहे थे। तो आते ही पापा जी का कहना क्ि गान्धी के देश मे गांधी जी की ऐसी भी र्दुगति लिखी है। वास्तव मे एक अलग थीम को लेकर बनाई गई है यह फिल्म तथा तथा यह काफी सफल भी रही और लोगो मे नई सोच लाने मे कामयाब रही।
आज मै गान्धी गीरी की बात नही करना चाहता हूं गांधीगीरी के लिये काफी लोग है आज मे दादागीरी की बात कर रहा हूं। एक फिल्म जो हाल के कुछ वर्षो मे दादागीरी पर बनी थी वह फिल्म थी, शरारत। शायद यह फिल्म किसी को याद रही होगी। यह फिल्म दादा (वृद्वो) लोगो पर आधारित थी, वे दादा लोग जिनके गोद मे हमने कभी खेला था। पूरी फिल्म बुजुगों पर आधारित थी आज के दौर मे किस प्रकार उनकी उपेक्षा हो रही है वह पिता जो आपने जीवन काल मे सारी कमाई तथा प्यार आपने औलाद के लिये त्यज देता है और वह मां जो अपने पुत्र को के बोझ को 9 माह तक आपने कोख मे रखती है और सारा जीवन ममता न्यौछावर करती है वह मां-बाप जब वृद्व होने पर बोझ लगते है। बउी ही मार्मिक संवादो के साथ यह फिल्म बनी है, एक वाक्य ऐसे हृदय मे चोट करते है कि आखों मे पानी ला देता है। आज यह हलात है तो आने वाले हमारे समय मे हमारी क्या स्थिति होगी यह हमे सोचने पर मजबूर कर रही है। आज के दोर मे गांधीगीरी तो मात्र फिल्मों तक ही सीमित है, किन्तु इस फिल्म की कहानी लाखों करोडो परिवारो की कहनी है।
एक एक वृद्व पात्र का अपना दर्द है कोई आपने जो वास्तव मे हमारे समाज की वास्तविक स्थिति का दर्शन कराती है। इस फिल्म का एक गीत(गजल) बहुत ही सुन्दर तथा मार्मिक तरीके से गाया गया है इस गीत को मै काफी पंसद करता हूं और बार बार सुनने की इच्छा करता हूं, बस दिल से एक ही आवाज निकलती है कि
गान्धी गीरी तो सब को समझ मे आ गई की बस उस दिन का इन्तजार है कि लोग दादागीरी को कब समझेगे।
आज मै गान्धी गीरी की बात नही करना चाहता हूं गांधीगीरी के लिये काफी लोग है आज मे दादागीरी की बात कर रहा हूं। एक फिल्म जो हाल के कुछ वर्षो मे दादागीरी पर बनी थी वह फिल्म थी, शरारत। शायद यह फिल्म किसी को याद रही होगी। यह फिल्म दादा (वृद्वो) लोगो पर आधारित थी, वे दादा लोग जिनके गोद मे हमने कभी खेला था। पूरी फिल्म बुजुगों पर आधारित थी आज के दौर मे किस प्रकार उनकी उपेक्षा हो रही है वह पिता जो आपने जीवन काल मे सारी कमाई तथा प्यार आपने औलाद के लिये त्यज देता है और वह मां जो अपने पुत्र को के बोझ को 9 माह तक आपने कोख मे रखती है और सारा जीवन ममता न्यौछावर करती है वह मां-बाप जब वृद्व होने पर बोझ लगते है। बउी ही मार्मिक संवादो के साथ यह फिल्म बनी है, एक वाक्य ऐसे हृदय मे चोट करते है कि आखों मे पानी ला देता है। आज यह हलात है तो आने वाले हमारे समय मे हमारी क्या स्थिति होगी यह हमे सोचने पर मजबूर कर रही है। आज के दोर मे गांधीगीरी तो मात्र फिल्मों तक ही सीमित है, किन्तु इस फिल्म की कहानी लाखों करोडो परिवारो की कहनी है।
एक एक वृद्व पात्र का अपना दर्द है कोई आपने जो वास्तव मे हमारे समाज की वास्तविक स्थिति का दर्शन कराती है। इस फिल्म का एक गीत(गजल) बहुत ही सुन्दर तथा मार्मिक तरीके से गाया गया है इस गीत को मै काफी पंसद करता हूं और बार बार सुनने की इच्छा करता हूं, बस दिल से एक ही आवाज निकलती है कि
ना किसी की आँख का नूर हूं,
ना किसी की आँख का नूर हूं
ना किसी के दिल का क़रार हूँ।
जो किसी के काम
न आ सके,
मैं वह एक मुश्त गुबार हूँ
ना किसी की आँख का नूर हूं
न तो मैं किसी का हबीब हूँ,
न तो मैं किसी का रक़ीब हूँ,
जो बिगड़ गया वह नसीब हूँ,
जो उजड़ गया वह दयार हूँ,
ना किसी की आँख का नूर हूं
मेरा रंगरूप बिगड़ गया,
मेरा यार मुझसे बिछड़ गया,
जो चमन ख़िज़ां से उजड़ गया,
मैं उसी की फ़सले बहार हूँ
ना किसी की आँख का नूर हूं..
गान्धी गीरी तो सब को समझ मे आ गई की बस उस दिन का इन्तजार है कि लोग दादागीरी को कब समझेगे।
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Nov 7, 2006
Nov 6, 2006
टेनिस चर्चा - सोनी एरिक्सन चैम्पियनशिप
दिनांक 5/11/2006 को महाशक्ति का स्थापना दिवस था मै उस पर कुछ देना चाहता था किन्तु आज से WTA Tour Championships शुरू हो रहा है इसका देना भी जरूरी था महाशक्ति तो घर की खेती है जब मन चाहेगा काट लिया जायेगा। मुझे इसमे कुछ समस्या आई तो सर्वप्रथम कविराज की शरण मे गया उन्होने भी समाधान किया फिर दूसरी समस्या आई तो प्रतीक जी से तकनीकि सहायता मिली, देखना है कि दूरस्थ शिक्षा का मै कितना उपयोग कर पाता हूं। प्रतीक भाई का पहला प्रश्न था आज कल कम दिख रहे हो, मैने कि तबियत गडबड थी इसलिये दिखावट मे कमी आ गई थी, मुझे नही पता मुझे क्या हुआ, इतनी तकलीफ भी कि आंसू से उसकी अभिव्यक्ति हुई। आज रात भी मै नही सो पाया, पिछले 48 घन्टे मे मै मात्र 12 घन्टे ही सो पाया हू पर सीने मे दर्द के के बाद भी मै बिल्कुल मन से तरोताजा महसूस कर रहा हूं नींद मेरे आखों मे नही है। वैसे कम्प्यूटर पर भी बैठने की इच्छा नही हो रही है, पर यह लेख पूरा करना था, और इसमे प्रतीक जी के लिये ईनाम का वादा भी किया था सो इस लिये यह और महत्वपूर्ण हो गया है। यह मेरे लिये अलग काम है इसमे मैने लगभग 100 अधिक टेनिस साइटो से जानकारी का प्रयोग किया है तथा चित्र को को भी लिया है मै इन सभी साइट मालिको का भी आभार व्यक्त करता हूं। अब आप इस लेख का मजा ले।
आज से WTA Tour Championships शुरू हो रहा है, इसका आयोजन प्रत्येक वर्ष के अन्त मे होता है यह वर्ष की अन्तिम प्रतियोगिता होती है। इसमे साल भर के शीर्ष आठ खिलाडी भाग लेते है। इसमे वरीयता का कोई मतलब नही होता है, रेस वरीयता का प्रयोग होता है। अगर वरीयता मे कोई खिलाडी 7वें या 8वें स्थान मे है किन्तु वह रेस वरीयता मे नही है तो वह इसमे खेलने का हकदार नही होगा। इस बार इस प्रतियोगिता मे निम्न शीर्ष 8 खिलाडी भाग लेगी। इसके खेलने का तरीका भी नया है बिल्कुल क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसा। इसमे चार-चार खिलाडियो का ग्रुप होगा और दोनो गुप मे आपस मे खेलेगे। तथा प्रत्येक ग्रुप मे दो दो शीर्ष खिलाडी सेमी फाइनल होगा और जो जीतेगा वह फाइनल मे खेलेगी।
इस प्रतियोगिता मे खास बात यह होगी कि यह प्रतियोगिता तय करेगा कि साल की नम्बर एक खिलाडी कौन होगा, क्योकि शीर्ष तीन खिलाडियो मे वरीयता अंको का ज्यादा अन्तर नही है। अगर मरस्मो तथा शारापोवा मे जो फाईनल जीतेगा वह साल का नम्वर एक खिलाडी होगा। क्योकि मरस्मो तथा शारापोवा तथा के बीच 209 अंको का अन्तर है और जीतने वाले को मिलेगा 525 अंक और उपविजेता को मिलेगा 369 अंक, अगर मरस्मो उपविजेता भी रहती है तो वह यह उपलब्धि प्राप्त कर लेगी। जस्टिन हेनिन हडेन भी नम्बर एक की दौड मे कही पीछे नही है। इन दोनो के फाइनल मे न पहुचने तथा स्वयं खिताब जीतने पर वह भी नम्वर एक हो सकती है। और कोई खिलाडी नम्बर 1 की दौड मे नही है हां खिताबी जीत के लिये कई खिलाडी है। काफी दिन बाद ऐसा अवसर आया है कि इस प्रतियोगिता मे कोई अमेरिकी खिलाडी ही है। इस प्रतियोगिता मे टेनिस महाशक्ति रूस 4 खिलाडी लेकर आ रहा है। बेल्जियम 2, तथा स्विजरलैण्ड तथा फ्रांस के 1-1 खिलाडी है। प्रतियोगिता का ड्रा को दो भागो मे बांटा गया है पहला पीला तथा दूसरा लाल। पहले मे एमेली मरस्मो, जस्टिन हेनिन हडेन, नाडिया पेट्रोवा व मार्टीना हिगिंस तथा दूसरे मे मारिया शारापोवा, स्वेतलाना कुत्जेनेत्सेवा, एलीना डिमिन्टीवा व किम क्लिस्टर्स है इन शीर्ष खिलाडियो मे बता पाना कि कौन जीतेगा कठिन काम है। पर इतना तो कह ही सकता हूं कि किसमे कितना है दम :-
आज से WTA Tour Championships शुरू हो रहा है, इसका आयोजन प्रत्येक वर्ष के अन्त मे होता है यह वर्ष की अन्तिम प्रतियोगिता होती है। इसमे साल भर के शीर्ष आठ खिलाडी भाग लेते है। इसमे वरीयता का कोई मतलब नही होता है, रेस वरीयता का प्रयोग होता है। अगर वरीयता मे कोई खिलाडी 7वें या 8वें स्थान मे है किन्तु वह रेस वरीयता मे नही है तो वह इसमे खेलने का हकदार नही होगा। इस बार इस प्रतियोगिता मे निम्न शीर्ष 8 खिलाडी भाग लेगी। इसके खेलने का तरीका भी नया है बिल्कुल क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसा। इसमे चार-चार खिलाडियो का ग्रुप होगा और दोनो गुप मे आपस मे खेलेगे। तथा प्रत्येक ग्रुप मे दो दो शीर्ष खिलाडी सेमी फाइनल होगा और जो जीतेगा वह फाइनल मे खेलेगी।
इस प्रतियोगिता मे खास बात यह होगी कि यह प्रतियोगिता तय करेगा कि साल की नम्बर एक खिलाडी कौन होगा, क्योकि शीर्ष तीन खिलाडियो मे वरीयता अंको का ज्यादा अन्तर नही है। अगर मरस्मो तथा शारापोवा मे जो फाईनल जीतेगा वह साल का नम्वर एक खिलाडी होगा। क्योकि मरस्मो तथा शारापोवा तथा के बीच 209 अंको का अन्तर है और जीतने वाले को मिलेगा 525 अंक और उपविजेता को मिलेगा 369 अंक, अगर मरस्मो उपविजेता भी रहती है तो वह यह उपलब्धि प्राप्त कर लेगी। जस्टिन हेनिन हडेन भी नम्बर एक की दौड मे कही पीछे नही है। इन दोनो के फाइनल मे न पहुचने तथा स्वयं खिताब जीतने पर वह भी नम्वर एक हो सकती है। और कोई खिलाडी नम्बर 1 की दौड मे नही है हां खिताबी जीत के लिये कई खिलाडी है। काफी दिन बाद ऐसा अवसर आया है कि इस प्रतियोगिता मे कोई अमेरिकी खिलाडी ही है। इस प्रतियोगिता मे टेनिस महाशक्ति रूस 4 खिलाडी लेकर आ रहा है। बेल्जियम 2, तथा स्विजरलैण्ड तथा फ्रांस के 1-1 खिलाडी है। प्रतियोगिता का ड्रा को दो भागो मे बांटा गया है पहला पीला तथा दूसरा लाल। पहले मे एमेली मरस्मो, जस्टिन हेनिन हडेन, नाडिया पेट्रोवा व मार्टीना हिगिंस तथा दूसरे मे मारिया शारापोवा, स्वेतलाना कुत्जेनेत्सेवा, एलीना डिमिन्टीवा व किम क्लिस्टर्स है इन शीर्ष खिलाडियो मे बता पाना कि कौन जीतेगा कठिन काम है। पर इतना तो कह ही सकता हूं कि किसमे कितना है दम :-
- जस्टिन हेनिन हडेन प्रबल दावेदार फाइलन तक हो सकता है
- मारिया शारापोवा प्रबल दावेदार फाइलन तक हो सकता है
- एमेली मरस्मो दावेदार फाइलन तक हो सकता है
- स्वेतलाना कुत्जेनेत्सेवा दावेदार सेमी फाइलन तक हो सकता है
- नाडिया पेट्रोवा दावेदार फाइलन तक हो सकता है
- एलीना डिमिन्टीवा सफर पहले दौर मे समाप्त हो सकता है
- मार्टीना हिगिंस दावेदार फाइलन तक हो सकता
- किम क्लिस्टर्स प्रबल दावेदार फाइलन तक हो सकता है
आप इन मैचो का आनंद ‘’जी स्पोटर्स’’ पर देख सकते है।
इन महिला महाशक्तियों मे कौन कितने पानी मे है यह आप इस तथ्यो से देख सकते है सभी जानकारियो एकल मुकाबले के है और पुरस्कार राशि सभी मुकाबले के है।
जस्टिन हेनिन हडेन
JUSTINE HENIN-HARDENNE (BEL)
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ******* 5इ
- नामी राशि ******* $3,204,810
- जीत-हार ******* 56-7
सम्पूर्ण प्रदर्शन
- खिताबी जीत ******* 28
- इनामी राशि ******* $12,573,319
- जीत-हार ******* 410-98
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 रही ******* 20 अक्टूबर 2003
- नम्बर एक रही ******* 45 हफ्तो तक
मारिया शारापोवा
MARIA SHARAPOVA (RUS)
- जन्म तिथि ******** 19 अप्रेल 1987
- देश ******** रूस
- खेल रही है ******** अप्रेल 2001
- वरीयता ******** 2
- रेस वरीयता ******** 2
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ******** 2 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ******** 0 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ******** 1 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ******** 0 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ******** 5
- इनामी राशि ******** $3,424,501
- जीत-हार ******** 56-8
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ******** 15
- इनामी राशि ******** $8,097,852
- जीत-हार ******** 230-54
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 बनी ******** 22अगस्त 2005
- नम्बर एक रही ******** 7 हफ्तो तक
एमेली मरस्मो
AMELIE MAURESMO (FRA)
- जन्म तिथि ********* 5 जुलाई1979
- देश ********* फ्रान्स
- खेल रही है ********* 1994 से
- वरीयता ********* 1
- रेस वरीयता ********* 3
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ********* 2 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ********* 1 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ********* 1 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ********* 1 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 4
- इनामी राशि ********** $2,838,477
- जीत-हार ********** 48-12
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 23
- इनामी राशि ********** $12,371,232
- जीत-हार ********** 455-177
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********** 13 सितम्बर 2004
- नम्बर एक रही ********** 38 हफ्तो तक
स्वेतलाना कुत्जेनेत्सेवा
SVETLANA KUZNETSOVA (RUS)
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 3
- इनामी राशि ********** $1,848,304
- जीत-हार ********** 59-18
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 8
- इनामी राशि ********** $5,910,212
- जीत-हार ********** 244-102
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********** कभी नही
- नम्बर एक रही ********** कभी नही
नाडिया पेट्रोवा
NADIA PETROVA (RUS)
- जन्म तिथि ********** 8 जून 1982
- देश ********** रूस
- खेल रही है ********** 6 सितम्बर 1999
- वरीयता ********** 5
- रेस वरीयता ********** 5
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ********** 0 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ********** 0 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ********** 0 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ********** 0 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 5
- इनामी राशि ********** $1,848,304
- जीत-हार ********** 47-17
- सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********** 6
- इनामी राशि ********** $4,917,318
- जीत-हार ********** 360-159
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********** कभी नही
- नम्बर एक रही ********** कभी नही
एलीना डिमिन्टीवा
ELENA DEMENTIEVA (RUS)
- जन्म तिथि ********* 18 अक्टूबर 1981
- देश ********* रूस
- खेल रही है ********* 25 अगस्त 1998
- वरीयता ********* 7
- रेस वरीयता ********* 6
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ********* 0 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ********* 2 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ********* 0 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ********* 0 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 2
- इनामी राशि ********* $1,116,505
- जीत-हार ********* 47-18
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 6
- इनामी राशि ********* $7,500,221
- जीत-हार ********* 383-199
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********* कभी नही
- नम्बर एक रही ********* कभी नही
मार्टीना हिंगिस
MARTINA HINGIS (SUI)
- जन्म तिथि ********* 30 सितम्बर 1980
- देश ********* स्विजरलैण्ड
- खेल रही है ********* 14 अक्टूबर 1994(2002 मे सन्यास, 06 मे वापसी)
- वरीयता ********* 8
- रेस वरीयता ********* 7
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ********* 5 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ********* 7 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ********* 2 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ********* 2 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 2
- इनामी राशि ********* $1,029,537
- जीत-हार ********* 52-17
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 42
- इनामी राशि ********* $19,375,362
- जीत-हार ********* 523-118
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********* 31 मार्च 1997
- नम्बर एक रही ********* 209 हफ्तो तक
किम क्लिस्टर्स
KIM CLIJSTERS (BEL)
- जन्म तिथि ********* 8 जून 1983
- देश ********* बेल्जियम
- खेल रही है ********* 1999 से
- वरीयता ********* 7
- रेस वरीयता ********* 8
- ग्रैण्ड स्लैम विजेता ********* 1 एकल,
- ग्रैण्ड स्लैम उपविजेता ********* 4 एकल,
- चैम्पियनसिप विजेता ********* 2 एकल
- चैम्पियनसिप उ0वि0 ********* 0 एकल
इस वर्ष का प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 2
- इनामी राशि ********* $1,122,992
- जीत-हार ********* 36-10
सम्पूर्ण प्रदर्शन एकल
- खिताबी जीत ********* 32
- इनामी राशि ********* $14,009,637
- जीत-हार ********* 406-98
अन्य
- पहली बार नम्बर 1 ********* 11 अगस्त 2003
- नम्बर एक रही ********* 19 हफ्तो तक
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Nov 2, 2006
प्रेरक प्रंसग - सच्ची उपासना
एक बार गुरु नानक सुल्तानपुर पहुंचे। वहां उनके प्रति लोगों की श्रद्धा देख वहां के काजी को ईष्या हुई। उसने सूबेदार दौलत खां के खूब कान भरे और शिकायत की कि "यह कोई पाखण्डी है, इसीलिए आज तक नमाज पढ़ने कभी नहीं आया।''
सूबेदार ने नानकदेव को बुलावा भेजा किन्तु उन्होंने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब सिपाही दुबारा बुलाने आया, तो वे उसके पास गये। उन्हें देखते ही सूबेदार ने डांटते हुए पूछा, ´´पहली बार बुलाने पर क्यों नहीं आये?’’
´मैं खुदा का बन्दा हूं, तुहारा नहीं' - नानकदेव ने शान्ति पूर्वक उत्तर दिया।
´´अच्छा! तो तुम खुद को ´खुदा का बन्दा' भी कहते हो मगर क्या तुम्हें यह मालूम है कि किसी व्यक्ति से मिलने पर पहले उसे सलाम किया जाता है?"
´´मैं खुदा के अलावा और किसी को सलाम नहीं करता।" ´´तब फिर खुदा के बन्दे! मेरे साथ नमाज पढ़ने चल" - क्रोधित सूबेदार बोला और नानकदेव उसके साथ मस्जिद गये। सूबेदार और काजी तो नीचे बैठ कर नमाज पढ़ने लगे मगर गुरु नानक वैसे ही खड़े रहे। नमाज पढ़ते-पढ़ते काजी सोचने लगा कि आखिर उसने इस दम्भी (नानकदेव) को झुका ही दिया जबकि सूबेदार का ध्यान घर की ओर लगा हुआ था। बात यह थी कि उस दिन अरब का एक व्यापारी बढ़िया घोड़े लेकर उसके पास आने वाला था। वह सोचने लगा कि शायद व्यापारी उसका इन्तजार करता होगा इसलिए नमाज जल्दी खत्म हो, तो वह घर जाकर सौदा तय करे।
नमाज खत्म होने पर वे दोनों जब उठ खड़े हुए, तो उन्होंने नानकदेव को चुपचाप खड़े पाया। सूबेदार को गुस्सा आया। बोला, ´´तुम सचमुच ढोंगी हो। खुदा का नाम लेते हो, मगर नमाज नहीं पढ़ते।´´नमाज पढ़ता भी तो किसके साथ’’ - नानकदेव बोले, ´´क्या आप लोगों के साथ, जिनका ध्यान खुदा की तरफ था ही नहीं’’ अब आप ही सोचिए, क्या आपका ध्यान उस समय बढ़िया घोड़े खरीदने की तरफ था या नहीं? और ये काजीजी तो उस समय मन ही मन खुश हो रहे थे कि उन्होंने मुझे मस्जिद में लाकर बड़ा तीर मार लिया है।
यह सुनते ही दोनों झेंप गये और गुरु नानक के चरणों पर गिर कर क्षमा मांगी।
सूबेदार ने नानकदेव को बुलावा भेजा किन्तु उन्होंने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब सिपाही दुबारा बुलाने आया, तो वे उसके पास गये। उन्हें देखते ही सूबेदार ने डांटते हुए पूछा, ´´पहली बार बुलाने पर क्यों नहीं आये?’’
´मैं खुदा का बन्दा हूं, तुहारा नहीं' - नानकदेव ने शान्ति पूर्वक उत्तर दिया।
´´अच्छा! तो तुम खुद को ´खुदा का बन्दा' भी कहते हो मगर क्या तुम्हें यह मालूम है कि किसी व्यक्ति से मिलने पर पहले उसे सलाम किया जाता है?"
´´मैं खुदा के अलावा और किसी को सलाम नहीं करता।" ´´तब फिर खुदा के बन्दे! मेरे साथ नमाज पढ़ने चल" - क्रोधित सूबेदार बोला और नानकदेव उसके साथ मस्जिद गये। सूबेदार और काजी तो नीचे बैठ कर नमाज पढ़ने लगे मगर गुरु नानक वैसे ही खड़े रहे। नमाज पढ़ते-पढ़ते काजी सोचने लगा कि आखिर उसने इस दम्भी (नानकदेव) को झुका ही दिया जबकि सूबेदार का ध्यान घर की ओर लगा हुआ था। बात यह थी कि उस दिन अरब का एक व्यापारी बढ़िया घोड़े लेकर उसके पास आने वाला था। वह सोचने लगा कि शायद व्यापारी उसका इन्तजार करता होगा इसलिए नमाज जल्दी खत्म हो, तो वह घर जाकर सौदा तय करे।
नमाज खत्म होने पर वे दोनों जब उठ खड़े हुए, तो उन्होंने नानकदेव को चुपचाप खड़े पाया। सूबेदार को गुस्सा आया। बोला, ´´तुम सचमुच ढोंगी हो। खुदा का नाम लेते हो, मगर नमाज नहीं पढ़ते।´´नमाज पढ़ता भी तो किसके साथ’’ - नानकदेव बोले, ´´क्या आप लोगों के साथ, जिनका ध्यान खुदा की तरफ था ही नहीं’’ अब आप ही सोचिए, क्या आपका ध्यान उस समय बढ़िया घोड़े खरीदने की तरफ था या नहीं? और ये काजीजी तो उस समय मन ही मन खुश हो रहे थे कि उन्होंने मुझे मस्जिद में लाकर बड़ा तीर मार लिया है।
यह सुनते ही दोनों झेंप गये और गुरु नानक के चरणों पर गिर कर क्षमा मांगी।
शिक्षा - इस प्रेरक प्रंसग से यह शिक्षा मिलती है कि खुदा या भगवान किसी मस्जित या मन्दिर मे नही विराजते है वे विराजते है सच्चे भक्तो के हृदय मे जैसे गुरू नानक के हृदय मे थे। सच्चे मन से एक बार लिया गया नाम भी भगवान एक बार मे सुन लेते है तथा अधमने मन से 24x7 घन्टे का भजन भी व्यर्थ है। जो भी काम करो मन लगाकर करो। ईश्वर सब मे खुश रहता है।
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