जन्मदिवस पर विशेष - 11 दिसम्बर 1915
संघ के तृतीय सरसंघचालक परमपूज्यनीय मधुकर दत्तात्रेय देवरस उपाख्य श्री बाला साहब देवरस का जन्म तथा सम्पूर्ण शिक्षा नागपुर में हुई। बाल्यकाल में ही वे स्वयंसेवक बने और बीए, एलएलबी उत्तीर्ण करने के बाद प्रचारक बन गये।
परमपूज्यनीय श्रीगुरू जी के स्वर्गवास के बाद 6 जूल 1973 को सरसंघचालक के दायित्व को ग्रहण किया। उनके कार्यकाल में संघ कार्य को नई दिशा मिली। उन्होने सेवाकार्य पर बल दिया परिणाम स्वरूप उत्तर पूर्वाचल सहित देश के बनवासी क्षेत्रों के हजारों की संख्या में सेवाकार्य आरम्भ हुए।
सन् 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर संघ पर प्रतिबन्ध लगा दिया। हजारों संघ के स्वयंसेवको को मीसा तथा डी आई आर जैसे काले कानून के अन्तर्गत जेलों में डाल दिया गया और यातनाऐं दी गई। परमपूज्यनीय बाला साहब की प्रेरण एवं सफल मार्गदर्शन में विशाल सत्याग्रह हुआ और 1977 में आपातकाल समाप्त होकर संघ से प्रतिबन्ध हटा।
स्वास्थ्य कारणों से जीवन काल में ही सन् 1994 में ही सरसंघचालक का दायित्व उन्होने परमपूज्यनीय प्रो. राजेन्द्र प्रसाद उपाख्य रज्जू भइया को सौप दिया। 17 जून 1996 को उनका स्वर्गवास हो गया।
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