कल के चित्र लेख (चेतावनी - कमजोर दिल इन चित्रों का न देखे) नीरज भाई कुछ सूत्रों की मॉंग की थी, उन्हे दे रहा हूँ, किन्तु कहा जा सकता है कि यह हिन्दूवादियों वेवसाईटों का काम है पर वास्तविकता यही है कि आज की सेक्यूलर मीडिया का इन घटनाओं से कोई सरोकार नही है। क्योकि वामपंथ का यह रूप आज से नही रहा है। आज से करीब 7 -8 वर्ष पहले त्रिपुरा में भी अनेको संघ के कार्यकर्ताओं को मार दिया गया, तब पर भी यह समाचार राष्ट्रीय स्तर तक नही पहुँच पाई और आज भी हिन्दुओं का नरसंहार अपने आपको राष्ट्रीय खबर के रूप में खोज रहा है। एक ईसाई पादरी की हत्या पर पूरा भारतीय मीडिया खुशी से झूम उठता है किन्तु हिन्दुओं का कत्लेआम खबर नही बन पाती है। यही कारण है कि ये लोगों को सच्चाई का पता नही चल पाता है।
हिन्दूओं का खून-खून नही होता है, इसी लिये आज भारत में बहुसंख्यक होने के बाद भी दोयम दर्जे का नगरिक है। और किसी भी देश में दोयदर्जे के नागरिकों की कोई कद्र नही होती है। हिन्दुओं के साथ खून की होली तब खेली जायेगी तब तक कि हिन्दु अपने आपको दोयम दर्जे से अलग नही हो जाते है।
कल चित्र लेख के कुछ सूत्र
List of murdered Hindu Leaders :
- Late Sukhanand Shetty, (32) BJP leader, Manglur, Karnataka
- Late Kumar Pandey, (38) Hindu Munnani, Tenkashi, Tamilnadu
- Late Sunil Joshi, (45), RSS, Devas, Madhya Pradesh
- Shri. Kumar Pandey, Hindu Munnani, Tamilnadu
- Shri. Ravi, RSS, Thirur, Kerala
- Advt. P. P. Valsraj Kurup, RSS, Kerala
5 comments:
कल चित्र हमनें भी दॆखे थे।पता नहीं ये सब क्यूँ होता है? इंसान जानवरों जैसे कृत कैसे कर पाता है।जानवर जब भूखा होता है तभी किसी को मारता है लेकिन इंसान शायद जानवरॊं से भी ज्यादा बदतर हो चुका है।
भाई प्रमेन्द्र जी,
हिन्दुजाग्रती.कॉम को काफी अरसे से देख रहा हूँ इसलिए आँख मूँद कर तो विश्वास नहीं कर सकता | लेकिन आपकी बात सही है, इसी मुद्दे पर भारतीय संसद में भी बात उठी थी तो ये कहना कि इस कुकृत्य के बारे में चर्चा नहीं हुयी पूरी तरह से सत्य नहीं है | इस कृत्य कि जितनी भी निंदा की जाए कम है |
आपको एवं आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनायें |
बहुत दुखद है मानव हत्या। और धर्म-जाति से परे रह कर निन्दनीय भी। यह अवश्य है कि हिन्दू के मारे जाने की खबरें खबरें नहीं बनतीं। :(
प्रमेन्द्र , हिंदू एकता एवं हिंदू जाग्रति के लिए किए जा रहे आपके प्रयत्न सराहनीय हैं. सुरेश चिपलूनकर जी के ब्लॉग पर अपने स्पष्ट किया है की किस तरह कठिनाई में , समय के अभाव से जूझते हुए भी अपने कितना सहयोग हिंदू हित के कार्यों के लिए दिया है. धन्यवाद.
कुछ नही कह सकती प्रमेंद्र मै यह चित्र देख नही पा रही थी...एसा क्यों होता है आदमी आदमी का ही दुश्मन...
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