पाडकास्टिंग

मेरी ख्वाबगाह में नंदन- ज्ञानरंजन

गत 25 सितंबर को कन्हैयालाल नंदनजीका लम्बी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया। न जाने कितनी यादें हैं उनसे जुड़ी। कुछ संस्मरण पहले लिखे हैं। उनके लिंक दिये हैं नीचे। आगे कभी और लिखने का प्रयास करूंगा। अभी उनके बारे में ज्ञानरंजन जी का लिखा एक संस्मरण देखिये। ज्ञानरंजन जी और नंदनजी साथ [...]

….बगीचे के फ़ूल और पक्षियों की आवाजें

कुछ दिन पहले हमारी श्रीमतीजी ने अपने बगीचे की कुछ फ़ोटुयें खींची। आइये आपको भी दिखाते हैं! नीचे लगाई हैं! देखिये एक-एक कर करके। आराम से। हड़बड़ाइये नहीं! फ़ोटुयें भाग नहीं रही हैं। सिर्फ़ सरक रही हैं आगे की तरफ़ लेकिन आप जिसको चाहेंगे वह रुक भी जायेंगी। बड़ी अनुशासित च आज्ञाकारी फोटूयें हैं! लेकिन [...]

…मगर अब साजन कैसी होली

होली आवत देखकर ,ब्लागरन करी पुकार, भूला बिसरा लिख दिया,अब आगे को तैयार। पिचकारी ने उचक के, रंग से कहा पुकार, पानी संग मिल जाओ तुम, बनकर उड़ो फुहार। कीचड़ में गुन बहुत हैं, सदा राखिये साथ, बिन पानी बिन रंग के ,साफ कीजिये हाथ। रंग सफेदा भी सुनो ,धांसू है औजार, पोत सको यदि [...]

…जहां भी खायी है ठोकर निशान छोड आये

तीन दिन पहले ऑफ़िस में बैठे थे। पता चला सचिन 186 पर खेल रहे हैं। काम भर की शाम हो गयी थी। घर चले आये। टेलीविजन के सामने पसर गये। धोनी अपना बचपना दिखा रहे थे। हां यह बचपना ही है भाई! दूसरे छोर पर आपके साथी द्वारा इतिहास बनने का इंतजार सारा देश कर [...]