Browse: Home / इनसे मिलिये
By फ़ुरसतिया on August 26, 2009
वे हिन्दी ब्लागिंग के शुरुआती दिन थे। साथी ब्लागरों को लिखने के लिये उकसाने के लिये देबाशीष ने अनुगूंज का विचार सामने रखा। इसमें एक दिये विषय पर लोगों को लिखना था। लिखने के बाद अक्षरग्राम पर लेखों की समीक्षा होती। पहली अनुगूंज का विषय था- क्या देह ही है सब कुछ? 25 अक्टूबर को [...]
Posted in अनुगूंज, इनसे मिलिये, पूछिये फ़ुरसतिया से, संस्मरण, साक्षात्कार | Tagged features |
By फ़ुरसतिया on August 23, 2009
हरिशंकर परसाई परसाई जी तमाम प्रसंशक उनकी तमाम खूबियों और खामियों से परिचित होंगे। उनके व्यक्तित्व के कुछ ऐसे पहलू भी थे जिनसे उनके तमाम प्रसंशक नावाकिफ़ होंगे। उनके लेखन में दोहराव की बात भी होती है। परसाईजी के अभिन्न मित्र मायाराम सुरजन ने उनके बारे में लिखते हुये उनकी खूबियों और खामियों के बारे [...]
Posted in इनसे मिलिये, सूचना | Tagged features |
By फ़ुरसतिया on January 16, 2009
जबलपुर और परसाईजी हरिशंकर परसाई जबलपुर मैं पहली बार सन १९९२ में आया था। उन दिनों आर्डनेन्स फ़ैक्ट्री बोलनगीर, उड़ीसा में तैनात था। फ़ैक्ट्री नयी बन रही थी। जबलपुर की आर्डनेन्स फ़ैक्ट्री खमरिया किसी काम से आया था। उन दिनों परसाई जी को नया-नया पढ़ना शुरू किया था। उनसे मिलने का मन था। बस ये [...]
Posted in इनसे मिलिये, बस यूं ही, संस्मरण, साक्षात्कार | Tagged features |
By फ़ुरसतिया on January 12, 2009
चल जा बबुआ जबलपुर, भली करेंगे राम पिछले साल समीरलाल के बेटे की शादी निपट गयी। वे बेसुर से स-सुर हो गये। शुरुऐ से हमे बुलौवा भेज दिये थे। जब सूत-कपास का जुगाड़ नहीं था तभैहैं से आमंत्रण लट्ठ घुमा रहे थे। हम आखिरी दिन तक मनौना लेते रहे। हां नहीं किये। टिकट भी कराये [...]
Posted in इनसे मिलिये, संस्मरण | Tagged fearures |
By फ़ुरसतिया on October 26, 2008
आज प्रत्यक्षा का जन्मदिन है। इसके पिछले साल जब इसी मौके पर उनके बारे में लिखा गया था तबसे उनकी एक किताब- जंगल का जादू तिल-तिल आ चुकी है। कहानियां लिखना तो जारी ही था अब छपने भी लगीं हैं। ब्लाग लेखन उसी अनुपात में कम हो गया है। उनके बारे में पहले भी लिखा [...]
Posted in इनसे मिलिये, साक्षात्कार | Tagged प्रत्यक्षा, features |
माह के सर्वाधिक टिप्पणी प्राप्त आलेख