फ़ुरसतिया-पुराने लेख

कल की छुट्टी का सदुपयोग करके हमने फ़ुरसतिया पर अभी तक जितने भी लेख लिखे गये हैं उनकी सूची हमनें अपनी सुविधा के लिये बनाई है। यह नियमित रूप से संसोधित होती रहेगी। सूची यहाँ दी जा रही है। सुझाव आमंत्रित हैं।

मई,2007

  1. सदा रहे मंगलमय जीवन
  2. कानपुर में ब्लागर मिलन
  3. मस्त रहिये, अच्छी बातों में व्यस्त रहिये- आलोक पुराणिक
  4. आइये घाटा पूरा करें
  5. कनाडा-अमेरिका न जाओ श्याम पैंया पड़ूं…
  6. फ़ुरसतिया टाइम्स का पहला अंक
  7. ‘टेंशन नहीं लेना बेटा’ बना एनर्जी बूस्टर
  8. हाई स्कूल का टापर- प्रांजल
  9. इंक ब्लागिंग, अखबार और कार्टून

अप्रैल,2007

  1. फुरसतिया बोले हमहू साइट बनैबे
  2. जूते का चरित्र साम्यवादी होता है
  3. जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि
  4. हर सफल ब्लागर एक मुग्धा नायिका होता है
  5. हर जोर जुलुम की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है
  6. वे आये, उन्होंने चूमा और वे चले गये
  7. जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनके भी अपराध…

मार्च,2007

  1. तोहरा रंग चढ़ा तो मैंने खेली रंग मिचोली
  2. क्या नहीं कर सकूंगा तुम्हारे लिये
  3. मोहल्ले की प्रकृति और नारद
  4. फुरसतिया का इंटरव्यू
  5. अपनी फोटो भेजिये न!
  6. मेरे समकालीन- हरिशंकर परसाई
  7. दुख हैं, तो दुख हरने वाले भी हैं
  8. आयुध निर्माणियां- विनाशाय च दुष्कृताम
  9. पत्रकार ब्लागिंग काहे न करें, जम के करें!
  10. ब्लागिंग में भी रिश्ते बन जाते हैं
  11. कानपुर तेरे कितने नाम…

फ़रवरी,2007

  1. ब्लाग चोरी से बचने के कुछ सुगम उपाय
  2. घायल की गति घायल जाने
  3. बाल गिरते क्यों हैं?
  4. पुलिस और प्रार्थना
  5. ब्लाग, विकिपीडिया और हिंदी
  6. राजा दिल मांगे चवन्नी उछाल के
  7. इंडीब्लागीस चुनाव चर्चा
  8. चिट्ठाकारी- पांच सवाल, पांच जवाब
  9. मेरी पसन्द की कुछ कवितायें
  10. मीडिया: ठसक बढ़ गई, हनक जाती रही- अखिलेश मिश्र
  11. दीवाने हो भटक रहे हो मस्जिद मे बु्तखानों में

जनवरी, 2007

1.पुराने साल का लेखा-जोखा
2.पुनि-पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं
3.चल पड़े जिधर दो डग-मग में
4.सबको सम्मति दे भगवान
5..आग का दरिया, बसंती की अम्मा और कुछ हायकू
6.१८५७ के पन्ने: मदाम एन्जेलो की डायरी
7.यह कवि है अपनी जनता का
8.यह कवि अपराजेय निराला
9.ठिठुरता हुआ गणतंत्र
10.पहिला सफेद बाल
11.काव्यात्मक न्याय और अंतर्जालीय ‘चेंगड़े’
12.गांधीजी, निरालाजी और हिंदी

दिसम्बर,2006

1..एक चलताऊ चैनल चर्चा
2..जनकवि कैलाश गौतम
3..इतना हंसो कि आंख से आंसू छलक पड़े
4..हंसी तो भयंकर छूत की बीमारी है
5.देश का पहला भारतीय तकनीकी संस्थान
6.उभरते हुये चिट्ठाकार
7.बेल्दा से बालासोर

नवम्बर,2006

1..प्रत्यक्षा की कहानी- हनीमून
2..श्रीलाल शुक्ल जी एक मुलाकात
3..राग दरबारी इंटरनेट पर
4..नगर निगम चौकस हुआ, हिजड़े दिये लगाय
5..मनुष्य खत्म हो रहे हैं, वस्तुयें खिली हुई हैं
6..गीत और गीत का अर्थ

अक्टूबर,2006

1. कान से होकर कलेजे से उतर जायेंगे
2.विकिपीडिया – साथी हाथ बढ़ाना…
3.गलत हिंदी लिखने के कुछ सरल उपाय
4.चिट्ठाचर्चा,नारद और ब्लाग समीक्षा
5.मूंदहु आंख कतहुं कछु नाहीं
6.अपनी रचनायें भेजें
7.लिखिये तो छपाइये भी न!
8.जेहि पर जाकर सत्य सनेहू
9. इसे अपने तक रखना
10.सुबह की सैर के बहाने पालीथीन से मुलाकात
11.प्रत्यक्षा- जन्मदिन के बहाने बातचीत
12.हिंदी में कुछ वाक्य प्रयोग

सितम्बर,2006

1. पति एक आइटम होता है
2. गुरु गुन लिखा न जाये…
3. मेरा पन्ना के दो साल-जियो मेरे लाल
4. गालिब भी गये थे कलकत्ता…
5. मजाक,मजाक में हिंदी दिवस
6. अनूप भार्गव सम्मानित
7. …अथ लखनऊ भेंटवार्ता कथा
8. फप्सी हाट में कविता का ठाठ
9. चाह गयी चिंता मिटी…
10. चिट्ठा चर्चा के बहाने पुस्तक चर्चा

अगस्त,2006

1.हमरी लग गयी आँख,बलम का बिल्लो ले गयी रे…
2. रवि रतलामी- जन्मदिन मुबारक
3. सीखना है तो खुद से सीखो-रवि रतलामी
4. निरंतर- पढ़ सको तो मेरे मन की भाषा पढ़ो
5. लागा साइकिलिया में धक्का,हम कलकत्ता गये
6. बिहार से कलकत्ता -कुछ फोटो
7. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
8. गर्दिश के दिन -हरिशंकर परसाई
9.हरिशंकर परसाई -दो खुले खत
10. व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है- हरिशंकर परसाई
11. …और ये फ़ुरसतिया के दो साल
12.फ़ुरसतिया-पुराने लेख
13. हरिशंकर परसाई- विनम्र श्रद्धांजलि
14. मेरे पिया गये रंगून
15. वो तो अपनी कहानी ले बैठा…
16.12.फ़ुरसतिया-पुराने लेख
17. हरिशंकर परसाई- विनम्र श्रद्धांजलि
18. मेरे पिया गये रंगून
19. वो तो अपनी कहानी ले बैठा…
20. अमरीका सुविधायें देकर हड्डियों में समा जाता है.
21. सीढियों के पास वाला कमरा
22. परदे के पीछे-कौन है बे?
23. मरना कोई हार नहीं होती- हरिशंकर परसाई

जुलाई,2006

1.कन्हैयालाल नंदन- मेरे बंबई वाले मामा
2.कन्हैयालाल नंदन की कवितायें
3.बुझाने के लिये पागल हवायें रोज़ आती हैं
4.अथ कम्पू ब्लागर भेंटवार्ता
5.थोड़ा कहा बहुत समझना
6.एक पत्रकार दो अखबार
7.देखा मैंने उसे कानपुर पथ पर-
8.अनुगूंज २१-कुछ चुटकुले
9.एक मीट ब्लागर और संभावित ब्लागर की
10.उखड़े खम्भे
11.ग़ज़ल क्या है…
12.ग़ज़ल का इतिहास
13.अनन्य उर्फ छोटू उर्फ हर्ष-जन्मदिन मुबारक
14.पहाड़ का सीना चीरता हौसला

जून,2006

1.संरक्षा का आध्यात्मिक महत्व
2.अजीब इत्तफाक है…
3.यायावर चढ़े पहाड़ पर…
4.नेतागिरी,राजनीति और नेता
5.अभी उफनती हुई नदी हो…
6.रघुपति सहाय फ़िराक़’ गोरखपुरी
7.गुलजा़र की कविता,त्रिवेणी
8.गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता…
9.मौसम बड़ा बेईमान है…
10.सितारों के आगे जहाँ और भी हैं…
11.अमरीकी और उनके मिथक
12.अमेरिका-कुछ बेतरतीब विचार
13.पूर्णिमा वर्मन-जन्मदिन मुबारक
14.पूर्णिमा वर्मन से बातचीत

मई,2006

1.छीरसागर में एक दिन
2.शंकरजी बोले- तथास्तु
3.धूमिल की कवितायें
4.थेथरई मलाई तथा धूमिल की कविता
5.आरक्षण-कुछ बेतरतीब विचार
6.आवारा भीड़ के खतरे
7.अति सर्वत्र वर्जयेत्‌
8.एक पोस्ट हवाई अड्डे से
9.अथ पूना ब्लागर भेंटवार्ता कथा…
10.हम,वे और भीड़

अप्रैल,2006

1.ईश्वर की आंख
2.जरूरत क्या थी?
3.मेरे जीवन में धर्म का महत्व
4.वीर रस में प्रेम पचीसी
5.मिस़रा उठाओ यार…
6.कुछ इधर भी यार देखो
7.भैंस बियानी गढ़ महुबे में
8.अरे ! हम भँडौ़वा लिखते रहे ….

मार्च,2006

1.स्वर्ग की सेफ्टी पालिसी
2.हमने दरोगा से पैसे ऐंठे
3.भौंरे ने कहा कलियों से
4.आइडिया जीतू का लेख हमारा
5.मुट्ठी में इंद्रधनुष
6.मैं और मेरी जम्हाई
7.छत पर कुछ चहलकदमी

फरवरी,2006

1.अति सूधो सनेह को मारग है
2.हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
3.आपका संकल्प क्या है?
4.वनन में बागन में बगर्‌यो बसंत है
5.मेरे अब्बा मुझे चैन से पढ़ने नहीं देते
6.जेहि पर जाकर सत्य सनेहू

जनवरी,2006

1.सूरज निकला-चिड़ियां बोलीं
2.जो मजा बनारस में वो न पेरिस में न फारस में
3.प्रशस्त पुण्य पंथ है
4.देबाशीष चक्रबर्ती से बातचीत
5.कविता के बहाने सांड़ से गप्प
6.बिहार वाया बनारस
7.श्रीलाल शुक्ल-विरल सहजता के मालिक

दिसम्बर,2005

1.हम फिल्में क्यों देखते हैं?
2.रहिमन निज मन की व्यथा
3. (अति) आदर्शवादी संस्कार सही या गलत?
4.(अति) आदर्शवादी संस्कार सही या गलत?
5.(अति) आदर्शवादी संस्कार सही या गलत?
6.गरियाये कहां हम तो मौज ले रहे हैं!
7.क्षितिज ने पलक सी खोली
8. ‘मुन्नू गुरु’ अविस्मरणीय व्यक्तित्व
9.जाग तुझको दूर जाना!
10.मजा ही कुछ और है
11.इलाहाबाद से बनारस
12.जो आया है सो जायेगा
13.कनपुरिया अखबार की कतरन

नवम्बर,2005

1.दीपावली खुशियों का त्योहार है
2.ढोल,गंवार,शूद्र,पशु,नारी…
3.तुम मेरे होकर रहो कहीं…
4.शरमायें नहीं टिप्पणी करें
5.बड़े तेज चैनेल हैं…
6.गुम्मा हेयर कटिंग सैलून
7.एक गणितीय कवि सम्मेलन
8.हेलो हायकू टेस्टिंग

अक्टूबर,2005

1.गालियों का सामाजिक महत्व
2.रास्तों पर जिंदगी बाकायदा आबाद है
3.कमजोरी
4.मुझसे बोलो तो प्यार से बोलो
5.जहां का रावण कभी नहीं मरता
6.हमारी उम्र तो शायद सफर में गुजरेगी
7.चलो चलें भारत दर्शन करने

सितम्बर,2005

1.मरना तो सबको है,जी के भी देख लें
2. सतगुरु की महिमा अनत
3.मेढक ने पानी में कूदा,छ्पाऽऽऽक
4.जन्मदिन के बहाने जीतेन्दर की याद
5.हम घिरे हैं पर बवालों से
6.देबाशीष-बेचैन रुह का परिंदा
7.आवारा पन्ने,जिंदगी से–गोविंद उपाध्याय
8.आवारा पन्ने,जिंदगी से(भाग दो) – गोविंद उपाध्याय
9.आवारा पन्ने,जिंदगी से(भाग तीन)
10.संगति की गति
11.आओ बैठें ,कुछ देर साथ में
12.राजेश कुमार सिंह -सिकरी वाया बबुरी
13.नैपकिन पेपर पर कविता
14.सैर कर दुनिया की गाफिल
15.नयी दुनिया में
16.हम तो बांस हैं-जितना काटोगे,उतना हरियायेंगे

अगस्त,2005

1.संस्कार कैसे छोड़ दिये जायें ?
2.अधूरे कामों का बादशाह
3.हैरी का जादू बनाम हामिद का चिमटा
4.अंधकार की पंचायत में सूरज की पेशी
5.ईदगाह अपराधबोध की नहीं जीवनबोध की कहानी है
6.ऐ मेरे वतन के लोगों
7.उनका डर
8.फुरसतिया:कुछ बेतरतीब यादें
9.आशा का गीत-गोरख पांडेय की कवितायें
10.सुभाषित वचन-ब्लाग,ब्लागर,ब्लागिंग
11.इस तरह जिया यारों…

जुलाई,2005

1.तुलसी संगति साधु की
2.बदरा-बदरी के पिछउलेस
3.एक ब्लागर मीट रेलवे प्लेटफार्म पर
4.घर बिगाड़ा सालों ने
5.बारिश में भीगते हायकू का छाता

जून,2005

1.कहानी के आगे की कहानी
2.दीवारों का प्रेमालाप
3.माज़रा क्या है?

मई,2005

1.ठेलुहई की परम्परा
2.आज मेरे यार की शादी है
3.चिट्ठी चिट्ठाकारों को बमार्फत रवि रतलामी
4.चिट्ठी
5.ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
6. गिरिराज किशोरजी से बातचीत
7.आओ तुमको एक गीत सुनाते हैं

अप्रैल,2005

1.रंज लीडर को बहुत है,मगर आराम के साथ
2.ये मस्त चला इस बस्ती से
3.खेती
4.मोहब्बत में बुरी नीयत से कुछ भी सोचा नहीं जाता
5.चाय पीना छोड़ दूं ?
6.इतने भी आजाद नहीं हैं हम साथी
7.वियोगी होगा पहला कवि
8.आशा ही जीवन है

मार्च,2005

1.स्वर्ग की सेफ्टी पालिसी
2. मेरे बचपन के मीत
3.शिक्षा :आज के परिप्रेक्ष्य में
4.बुरा मान लो होली है
5.टुकुरु-टकुरु देउरा निहारै बेइमनवा

फरवरी,2005

1.हरिशंकर परसाई के लेखन के उद्धरण
2.मेरा चमत्कारी अनुभव

जनवरी,2005

1.अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है
2.प्रेमगली अति सांकरी
3.ये पीला वासन्तिया चांद

दिसम्बर,2004

1.कृपया बांये थूकिये
2. आतंक से मुख्यधारा की राह क्या हो?
3.भारत एक मीटिंग प्रधान देश है
4.साल के आखिरी माह का लेखाजोखा

नवम्बर,2004

1.झाङे रहो कलट्टरगंज
2.भारतीय संस्कृति क्या है
3.कविता का जहाज और उसका कुतुबनुमा
4.आत्मनिर्भरता की ओर
5.मेरा पन्ना मतलब सबका पन्ना

अक्टूबर,2004

1. विकल्पहीन नहीं है दुनिया
2.गुडिया जो मेले में कल दुकान पर थी
3.आधे हाथ की लोमडी,ढाई हाथ की पूंछ
4.हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे
5.सफल मनोरथ भये हमारे
6.क्या देह ही है सब कुछ?

सितम्बर,2004

1.नहीं जीतते- क्या कर लोगे?
2.हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै?
3.गालियों का सांस्कृतिक महत्व
4.ब्लाग को ब्लाग ही रहने दो कोई नाम न दो
5.तीन सौ चौंसठ अंग्रेजी दिवस बनाम एक हिंदी दिवस

अगस्त,2004

1.अब कबतक ई होगा ई कौन जानता है
2.फुरसतिया बनाम फोकटिया

फ़ुरसतिया

अनूप शुक्ला: पैदाइश तथा शुरुआती पढ़ाई-लिखाई, कभी भारत का मैनचेस्टर कहलाने वाले शहर कानपुर में। यह ताज्जुब की बात लगती है कि मैनचेस्टर कुली, कबाड़ियों,धूल-धक्कड़ के शहर में कैसे बदल गया। अभियांत्रिकी(मेकेनिकल) इलाहाबाद से करने के बाद उच्च शिक्षा बनारस से। इलाहाबाद में पढ़ते हुये सन १९८३में ‘जिज्ञासु यायावर ‘ के रूप में साइकिल से भारत भ्रमण। संप्रति भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर में अधिकारी। लिखने का कारण यह भ्रम कि लोगों के पास हमारा लिखा पढ़ने की फुरसत है। जिंदगी में ‘झाड़े रहो कलट्टरगंज’ का कनपुरिया मोटो लेखन में ‘हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै‘ कैसे धंस गया, हर पोस्ट में इसकी जांच चल रही है।

7 responses to “फ़ुरसतिया-पुराने लेख”

  1. समीर लाल

    अच्छा किये, यह पुरालेख खोजने मे मददगार रहेगा. इसे सर्वदा प्रतम पन्ना बनाये रखें, ताकि कम से कम इसे खोजना ना पड़े.

    शुभकार्य एवं छुट्टी के सदुपयोग के लिये बधाई…

  2. प्रत्यक्षा

    छुट्टी के दिन भी इतना काम ? अच्छा अब समझे , काम वाले दिन फुरसत जो मनाई जाती है । वैसे बढिया किया , पुराने पोस्ट खोजने की ज़रूरत नहीं पडेगी ।

  3. ratna

    अनूप जी,
    किताब छपवा ही दीजिए कई लोगों की फुरसत मजें में कट जाएगी।

  4. जीतू

    दादा! ये सूची को वर्डप्रेस के एक प्लग-इन से भी बना सकते हो।
    हाँ ब्लॉगस्पाट वाले लेख नही आएंगे उसमे। ब्लॉगस्पाट वाले भी यहाँ उठा लाओ, फिर लगा दो प्लग-इन। आटोमेटिक अपडेट होती रहेगी।

    उदाहरण यहाँ देख लो

  5. प्रेमलता पांडे

    धन्यवाद आसानी से लेख उपलब्ध कराने हेतु।
    -प्रेमलता

  6. Mitul

    हमे तलाश थी इस सूची की। काम आसान करने के लिए आभार। :)

  7. ई-छाया

    ये हुई ना कुछ बात, हम तो इधर उधर क्लिक करके आपका लिखा कुछ भी पढते रहते थे।
    कभी कभी कुछ लेख तो दुबारा तिबारा पढ डाले, अब खुल जाता है, तो बिना पढे काहे छोडें, हर बार मजा आता है।

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