व्यंग्यविविध | तकनीकीहिन्दीछींटें और बौछारें


इस ब्लॉग में खोजकर पढ़ें :
Custom Search

मंगलवार, १९ मई २००९

संस्कृत / हिन्दी ओसीआर

clip_image002

काम लायक हिन्दी ओसीआर की तलाश बहुतों को बहुत समय से है. संस्कृत ओसीआर नाम का एक सॉफ़्टवेयर बहुत समय से इंटरनेट पर मुफ़्त प्रयोग के लिए लंबे समय से उपलब्ध था, मगर इसका इंटरफेस जर्मन भाषा में होने के कारण इसकी उपयोगिता सीमित किस्म की थी.

अभी हाल ही में इसे अंग्रेज़ी इंटरफेस के साथ जारी किया गया. इस प्रोग्राम की जांच परख की गई तो प्रतीत हुआ कि यह काम कर सकता है. इस ओसीआर से स्कैन कर तैयार किए गए हिन्दी डिजिटाइज्ड पाठ का पहला उदाहरण चन्द्रधर शर्मा गुलेरी का यह आलेख है.

ओसीआर में रोमन में पाठ एकत्र होता है, जिसे यूनिकोड में परिवर्तित करना होता है. इसके लिए तकनीकी हिन्दी समूह के सर्वश्री अनुनाद व नारायण प्रसाद ने त्वरित सहयोग कर (इन्हें विशेष धन्यवाद,) एक परिवर्तक औजार भी तैयार कर दिया.

clip_image004

(चित्र को बड़ा कर देखने के लिए उस पर क्लिक करें)

आइए, इस ओसीआर के प्रयोग की चरण-दर-चरण विधि देखें.

(1) संस्कृत ओसीआर यहाँ से डाउनलोड कर संस्थापित करें (विंडोज प्रोग्राम – एक्सपी व 7 पर कार्य करता है)

(2) संस्कृत ओसीआर प्रोग्राम चालू करें, फ़ाइल मेन्यू में नया दस्तावेज पर क्लिक करें तथा प्रकट विंडो में यहाँ सहेजें संवाद बक्से में फ़ाइल नाम के सामने कोई फ़ाइल नाम दें तथा सहेजें पर क्लिक करें.

(3) अपना स्कैनर चालू करें. उसमें स्कैन करने के लिए हिन्दी की कोई किताब इत्यादि रखें. किताब सीधा रखें. अब फ़ाइल मेन्यू में स्कैन एन इमेज पर क्लिक करें. इमेज स्कैनर प्रोग्राम चालू हो जाएगा. इसकी सेटिंग ग्रेस्केल पर 600 डीपीआई पर सेट करें तथा पाठ को सलेक्ट कर स्कैन करें. कार्य पूरा होने पर स्कैन किया पाठ ओसीआर के ऊपरी बाएँ कोने में दिखाई देगा.

(4) ओसीआर मेन्यू में ओसीआर फंक्शन्स पर क्लिक करें तथा क्लीन इमेज पर क्लिक करें. कुछ समय के बाद स्कैन किया पाठ लाल रंग के बक्सों सहित दिखेगा.

(5) अब अगले चरण में ओसीआर फंक्शन पर क्लिक करें तथा रिकग्नीशन पर क्लिक करें. कुछ समय में यह पाठ का रोमनीकृत रूप अनुप्रयोग विंडो के निचले खंड में प्रदर्शित होगा. पाठ कुछ इस तरह का होगा –

ya¸odånandana asvaurï å8ityådi kï åtmakahånï 8å¸abda samåja rme merå samgåna kucha kama nahï 6ai / merå itanå u?ådara iai_ ki vaktå aura lekhaka loga mu?e jabaradastï ghasa¶i le jåte rhai / dina bhara meº mereŸ påsa na jåne kitane bulåve uååte rhai / sabhå sosåi¶iyoº meº jåte uååte mu?e nïda bhara sone kï bhï chu¶¶ï nahï milatï / yadi rmai binå bu?åye bhï kahåiº jå pahu»catå dŸ» to bhï sammåna ke såtha sthåna påtå h÷» /

(6) अब प्रदर्शित पाठ की नकल बनाने के लिए मेन्यू में रिकग्नाइज्ड टैक्स्ट में क्लिक करें व क्लिपबोर्ड चुनें. पाठ आपके क्लिपबोर्ड में नकल हो चुका है.

(7) गूगल समूह के हिन्दी तकनीकी खंड के फाइल खंड में स्थित इस संस्कृत ओसीआर-यूनिकोड परिवर्तक फाइल को ब्राउजर में खोलें, व नकल किए पाठ को यूनिकोड में बदलने के लिए ऊपरी इनपुट बक्से में भरें तथा कनवर्ट टू यूनिकोड बटन को क्लिक करें.

परिवर्तित पाठ कुछ ऐसा दिखेगा –

यशोदानन्दन अस्वौरी आ8इत्यादि की आत्मकहानी 8आशब्द समाज र्मे मेरा सम्गान कुछ कम नही है / मेरा इतना उ?आदर इऐ_ कि वक्ता और लेखक लोग मु?ए जबरदस्ती घसटि ले जाते र्है / दिन भर में मेरेŸ पास न जाने कितने बुलावे आते र्है / सभा सोसाइटियों में जाते आते मु?ए नीद भर सोने की भी छुट्टी नही मिलती / यदि र्मै बिना बु?आये भी कहाइं जा पहुँचता द्Ÿँ तो भी सम्मान के साथ स्थान पाता हूँ

(8) अब अंतिम चरण में, यूनिकोडित पाठ की त्रुटियाँ दूर करने हेतु इसे संपादित करें व काम में लें.

---.

रविवार, १७ मई २००९

वोलफ्रेम अल्फ़ा – अभी हिन्दी में उपलब्ध नहीं है, मगर अंग्रेज़ी में तो मस्त है?

बहु प्रतीक्षित, अपने तरह का नया सर्च इंजिन, जिसे माना जा रहा है कि वो गूगल को गले से पकड़ने की ताक़त रखता है,  वोलफ्रेम अल्फ़ा इंटरनेट पर कल जारी हो गया. हिन्दी में जांच परख के लिए मैंने उससे पूछा – भारत की जनसंख्या क्या है? उसने बताया कि वोलफ्रेम अल्फ़ा अभी हिन्दी में उपलब्ध नहीं है.

wolfram alfa

मैं थोड़ा निराश हुआ, मगर चलो फिर वही प्रश्न मैंने अंग्रेज़ी में पूछा. उत्तर निम्न आया -

 

wolfram alfa english

फिर मैंने पूछा कि भारत का प्रधान मंत्री कौन है? (जाहिर है, अंग्रेज़ी में,) तो उत्तर मिला -

wolfram alfa english2

है न मस्त?

मंगलवार, १२ मई २००९

ब्लॉगर ब्लॉगस्पाट के नए रूप रंग के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं

image

लंबे समय के बाद ब्लॉगर को लगता है कुछ अकल आई है. और उसने अपने आप को सजाने-संवारने और बेहतर बनाने के लिए आम प्रयोक्ताओं से खुला सुझाव मांगा है. इसकी घोषणा होने के कुछ ही समय के भीतर कोई डेढ़ हजार सुझावों के ऊपर साठ हजार के आसपास वोट दर्ज हो चुके हैं. ब्लॉगर को और बेहतर बनाने के लिए आप अपने भी सुझाव दर्ज कर सकते हैं या फिर पहले से दर्ज सुझावों के ऊपर अपना मत दर्ज कर सकते हैं.

मैंने कुछ अत्यंत जरूरी सुझाव दर्ज किए हैं वो हैं -

 

1) टिप्पणी बक्से में भी गूगल इंडिक ट्रांसलिट्रेशनल औजार का टॉगल बटन लगाया जाए

2) वर्डप्रेस शैली में पोस्ट हेडिंग में हिन्दी पाठ सक्षम किया जाए. अभी गूगल के पोस्ट यूआरएल हेडिंग में हिन्दी नहीं आता है.

3) वर्डप्रेस शैली में टिप्पणी संपादन की सुविधा दें.

 

आप अपने सुझाव 14 मई तक दर्ज कर सकते हैं.

सुझाव दर्ज करने के लिए निम्न कड़ी पर जाएँ. ध्यान दें कि आपको अपने गूगल खाते से साइन-इन करना पड़ेगा.

http://productideas.appspot.com/#15/e=e828&t=d15f

सोमवार, ११ मई २००९

भारत का बेस्ट जॉब

indias best job

दुनिया का बेस्ट जॉब भले ही ब्रिटेन के बेन साउदल को मिल गया हो, पर भारत के बेस्ट जॉब के बारे में आपका क्या खयाल है?

वैसे, विशुद्ध भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखें तो भारत के कुछेक बेस्ट जॉब ये हो सकते हैं-

  1. पटवारी
  2. इंसपेक्टर (कोई सा भी – पुलिस से लेकर इनकमटैक्स, कस्टम्स इत्यादि...)
  3. मंत्री (पीएम हो तो क्या कहने!)
  4. किसी बड़े अफसर का चपरासी (भई, बड़े बड़े लोग साहब से मिलने टाइम मांगने उस चपरासी के सामने दया का हाथ बांधे खड़े रहते हैं)
  5. कोर्ट में पेशी की तारीख लगाने वाला बाबू
  6. इत्यादि... (‘इत्यादि’ इसलिए कि यदि आप अपने आसपास नजर डालें तो ऐसे दर्जनों बेस्ट जॉबधारी इंडियन लॉर्ड नजर आएंगे...)

---

शुक्रवार, ८ मई २००९

हिन्दी ब्लॉग सर्वेक्षण : परिणाम हाजिर हैं

वैसे तो किसी सर्वेक्षण की सफलता या ये कहें कि उसकी परिशुद्धता उसके सैंपलिंग की मात्रा के समानुपाती होती है, तो इस आधार पर अनुमानित 10 हजार हिन्दी चिट्ठाकारों में से कम से कम 1 हजार चिट्ठाकार इस सर्वे में भाग लेते तो आंकड़ों पर दमदारी से कुछ कहा जा सकता था. फिर भी, इस सीमित सर्वेक्षण में कुछ ट्रैंड तो पता चले ही हैं. तो प्रस्तुत है हिन्दी ब्लॉग सर्वेक्षण के परिणाम:

 

(1) हिन्दी चिट्ठाकारी में अचानक टपक पड़ने वाले अधिकांश (57.4%) का मानना है कि वे इंटरनेट सर्च के माध्यम से यकायक इस दुनिया से परिचित हुए. बहुत से चिट्ठाकारों ने अपने ब्लॉग का हर संभव प्रचार प्रसार अपने मित्रों के बीच किया, और वे भी अपने मित्रों (27.9%) को हिन्दी ब्लॉग दुनिया में खींच लाने में सफल हुए.

survey

एक चिट्ठाकार की मजेदार प्रतिक्रिया रही : हमें तो हिन्दी चिट्ठाकारी के बारे में पता ही नहीं था जी, अपने आप को फन्ने खां समझ रहे थे हिन्दी ब्लॉग चालू करके जब दूसरे लोगों ने आकर भ्रम तोड़ा!! ;)

 

(2) चिट्ठाकारों के बीच हिन्दी में लिखने का सबसे सुलभ तरीका (52.5%), जाहिर है – फोनेटिक कुंजीपट ही बना हुआ है:

survey2

 

(3) हिन्दी में लिखने के लिए चिट्ठाकार अपने पसंद व हिसाब से सरल औजार का प्रयोग करते दीखते हैं. अधिकांश चिट्ठाकार वेब इंटरफेस जैसे कि गूगल इंडिक ट्रांसलिट्रेटर अथवा यूनिनागरी जैसे औजारों का प्रयोग करते पाए गए हैं:

hindi blog survey

बहुत से चिट्ठाकारों ने कैफ़ेहिन्दी टाइपिंग टूल के बारे में बताया है कि वे इस अच्छे औजार का प्रयोग करते हैं.

 

(4) हिन्दी ब्लॉगों में किस विषय को सबसे ज्यादा पढ़ा जाता है और किन विषयों पर सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है? चिट्ठाकारों की पसंदगी की बातें करें तो समसामयिक टीकाएँ (51.6%) उन्हें ज्यादा लुभाती हैं उसके बाद हास्य व्यंग्य आकर्षित करता है.

hindi blog survey4

एक चिट्ठाकार की प्रतिक्रिया थी : ज्ञान विज्ञान से परिपूर्ण आलेख तथा सकारात्‍मक सोच की सामग्री। एक निवेदन है कृपया पांच नम्‍बर कॉलम में 'आम बोलचाल की भाषा' का आप्‍शन भी बढाएं।. एक अन्य चिट्ठाकार ने मजेदार बात लिखी: वो जो मुझे अच्‍छा लगता है, सब फालतू ही लिखते है, और उनमें मै भी हूँ. यकीन मानिए, आपके साथ तो मैं भी हूं. :)

 

(5) आपको अपनी चिट्ठाकारी की भाषा पर ध्यान देने का वक्त आ गया लगता है. क्योंकि अधिकांश चिट्ठाकारों ने (65.2%) अखबारी और प्रचलित अंग्रेज़ी शब्दों से भरपूर भाषा को पसंद करते हैं. शुद्ध भाषा के भी अपने दीवाने हैं, परंतु मुम्बइया टपोरी किस्म की भाषा यदि आप लिखते हैं, तो सचेत हो जाइए, इस स्टाइल के लेखन के लेवाल कम ही हैं:

hindi blog survey5

 

(6) शत प्रतिशत कस्टमाइजेशन की सुविधा प्रदान करने के कारण, भले ही ब्लॉगर ब्लॉगस्पाट कई मामलों में वर्डप्रेस से पीछे हो, मगर यह अधिकांश (95.6%) हिन्दी ब्लॉगरों का पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म बना हुआ है:

hindi blog survey6

 

(7) चंद खांटी ब्लॉगरों को छोड़ दें, जिन्हें ब्लॉगिरी के लिए 24 घंटे भी कम पड़ते हैं, तो आमतौर पर जनता (49.3%) 1-3 घंटे की ब्लॉगिंग में ही संतुष्ट हो लेती है. 29 प्रतिशत ब्लॉगर 1 घंटे से कम समय दे रहे हैं. इनसे निवेदन है कि अपने ब्लॉगिंग घंटे बढ़ाएँ, कुछ अतिरिक्त पढ़ें, लिखें, टीपें व टिपियाएँ :

hindi blog survey7

(8) आठ नंबर के प्रश्न से तो यह पता चलता है कि चिट्ठाकार इमानदारी से ऑफिस में काम निपटाते हैं, और चिट्ठाकारी में टाइम खोटी वो घर पर (79.1%) ही करते हैं. अनुमान लगाया जा सकता है कि चिट्ठाकारों का घरेलू जीवन कितना कांव-कांव भरा होगा:

hindi blog survey8

 

(9) वैसे तो जनता डेस्कटॉप पीसी (64.2%) से ही आमतौर पर चिट्ठों पे चिट्ठे लिखते चले आ रहे हैं, पर कुछ तबका लैपटॉप व नोटबुक से भी लैस हो गया है और मोबाइल उपकरणों पर हिन्दी सुविधा उपलब्ध हो जाने से थोड़ी मात्रा में ही सही, हिन्दी चिट्ठाकार इनसे भी ब्लॉगिंग करने लगे हैं:

hindi blog survey9

एक पाठक को अभी भी कापी कलम दवात के जरिए ब्लॉग लेखन सुहाता है.

 

(10) चिट्ठाकारों के बीच ब्लॉग लेखन के लिए सर्वमान्य रूप से सर्वाधिक प्रचलित सहायक उपकरण – विंडोज लाइव राइटर (47.5%) बना हुआ है:

hindi blog survey10

इस प्रश्न पर पाठकों की मिली जुली प्रतिक्रियाएँ रही हैं – एक चिट्ठाकार की प्रतिक्रिया थी - कोई प्लगिन टूलबार नहीं प्रयोग करते जी, सीधे ही ब्लॉग पर ठेलते हैं। जब वर्डप्रैस वालों ने इतना बढ़िया चकाचक इंटरफेस बना के दिया हुआ है तो काहे कुछ और इस्तेमाल करें। और इंटरफेस को चाटना थोड़े ही है, बस ब्लॉग पोस्ट नोटपैड से कॉपी कर वर्डप्रैस में चिपकाई और छाप दी, 5 मिनट भी ना रहते इंटरफेस में!! ;). एक अन्य चिट्ठाकार ने लिखा : वर्ड में लिख कर सीधे वर्डप्रेस आधारीत ब्लॉग पर पोस्ट करता हूँ.

 

हिन्दी ब्लॉग सर्वे में भाग लेने के लिए आप सभी का दिली शुक्रिया.

---

(टीप: बहु विकल्प उत्तर में से बहु विकल्प चुनने की सुविधा के कारण उत्तरों का कुल प्रतिशत योग 100 से अधिक हो सकता है)

बुधवार, ६ मई २००९

हिन्दी ब्लॉग सर्वे में भाग लीजिए

clip_image002

अपने तरह के पहले, हिन्दी में बने हिन्दी ब्लॉग सर्वे में भाग लें और अपनी पसंदगी-नापसंदगी दर्ज करें. नोट करें कि सर्वे पहले आएँ पहले पाएँ के आधार पर प्रथम 100 रेस्पांस के लिए ही खुली है (मुफ़्त का जुगाड़ है, जिसमें सीमा है, क्या करें) अत: देर न करें.

 

सर्वे में भाग लेने के लिए -

इस कड़ी पर चटका लगाएं

 

सर्वे का परिणाम इन्हीं पृष्ठों पर जल्द ही…

मंगलवार, ५ मई २००९

विंडोज 7 रिलीज कैंडीडेट : समर्थित भाषा से हिन्दी ग़ायब?

विंडोज 7 का बीटा संस्करण जब पहली दफा जारी किया गया था तो चंद पाँच-छः भाषाओं में हिन्दी का भी नाम था. ये बात जुदा थी कि इसके मूलभूत इंटरफेस को छोड़कर बाकी का मसाला – यानी कि हेल्प फ़ाइल इत्यादि सारा कुछ बहुत ही हास्यास्पद मशीनी अनुवाद था जो कि हमें गूगल के अंग्रेज़ी-हिन्दी अनुवाद में मिलता है.

clip_image002

इस बार इसके रिलीज कैंडीडेट में हिन्दी का नाम सिरे से ग़ायब है. इसके लैंगुएज पैक में उम्मीद करें कि हिन्दी उपलब्ध हो और जब इसका अंतिम संस्करण जारी हो तो इसमें हेल्प फ़ाइलों समेत सारा का सारा मसाला हिन्दी में हो.

वैसे, इसमें अपने पूर्ववर्ती संस्करण की तरह हिन्दी पढ़ने लिखने के लिए अंतर्निर्मित समर्थन मौजूद है. बस आपको हिन्दी भाषाई वातावरण तथा हिन्दी कुंजीपट को चालू करना होता है. एक बात और अखरती है वो ये है कि इसमें सिर्फ पारंपरिक हिन्दी इनस्क्रिप्ट कुंजीपट ही है. और तमाम – फ़ोनेटिक से लेकर रेमिंगटन कुंजीपटों के लिए आपको फिर से वन-टू-का-फोर करना होगा. जबकि आजकल आमतौर पर तमाम लिनक्स के बड़े रिलीज (जैसे कि उबुन्टु, रेडहैट, डेबियन, सूसे इत्यादि में) में स्किम इनपुट मैथड के साथ हिन्दी के लिए इनस्क्रिप्ट, रेमिंगटन, फोनेटिक इत्यादि हिन्दी कीबोर्ड अंतर्निर्मित आ रहे हैं.

विंडोज 7 में हिन्दी कुंजीपट सक्षम करने के लिए आपको कंट्रोल पैनल>क्लाक लैंगुएज एंड रीजन>रीजन एंड लैंगुएज>कीबोर्ड्स एण्ड लैंगुएज में जाकर जनरल टैब पर क्लिक करना होगा फिर इंस्टाल्ड सर्विसेस खंड में एड बटन को क्लिक कर हिन्दी (इंडिया) चुनकर फिर हिन्दी ट्रेडिशनल या हिन्दी इनस्क्रिप्ट कुंजीपट में से कोई एक चुनना होगा.

win 7 1

विंडोज 7 में बहुत सी अन्य खासियतें भी हैं, जिनमें से एक है इसके साथ आए अलग अलग थीमों में कुछ मजेदार वालपेपर -

win 7

जांच परख के लिए विंडोज 7 रिलीज कैंडीडेट आप भी http://www.microsoft.com/windows/windows-7/download.aspx से डाउनलोड कर सकते हैं.

दया के पात्र कौन?

clip_image002[5]

आधुनिक सन्दर्भों में दया के पात्र कौन कौन हो सकते हैं भला? आइए, एक नजर डालते हैं –

· एम-पी, एमएलए जिनके पास 100 करोड़ से कम घोषित-अघोषित सम्पत्ति है.

· वर्तमान, पूर्व-मंत्री जिनके पास 1000 करोड़ से कम घोषित-अघोषित सम्पत्ति है.

· सरकारी अफसर जिसके बँगले की कीमत (इंटीरियर अलग,) 1 करोड़ से कम है.

· सरकारी बाबू जिसकी मासिक ऊपरी आय उसके अधिकतम वेतनमान से चार गुना कम है.

· संपूर्ण जीत की संभावना वाले तमाम बाहु-बली जिन्हें ऐन-केन-प्रकारेण पार्टी टिकट नहीं मिला.

· संपूर्ण हार की संभावना वाले हाई-प्रोफ़ाइल नेता जिन्हें ऐन-केन-प्रकारेण पार्टी टिकट जबरन मिल गया.

· मार्क्सवादी, सपा, बसपा, तीसरा-चौथा मोर्चा....

वैसे तो ये सूची हाई फ्लैक्जिबल सिलिकॉन रबर की माफ़िक लंबी खिंचती चली जाएगी और कभी टूटेगी ही नहीं, मगर इरादा आपको एकता के सीरियलों की तरह खींच कर बोर करने का भी नहीं है. लिहाजा, व्यंज़ल मुलाहिजा फरमाएँ:

 

व्यंज़ल

 

दया बांटने वाला खुद हो गया है दया का पात्र

आदमी के सामने ईश बना हुआ है दया का पात्र

 

अभी हँस लो यारों उन बेवकूफ़ी भरी चालों पर

नतीज़े जल्द बताएंगे कि कौन है दया का पात्र

 

सख़्त से सख़्त सज़ा उसको मिलनी ही चाहिए

आज का आदमी हरगिज नहीं है दया का पात्र

 

सीमेंट कंक्रीट के जंगलों में अपने को कैद कर

खुद को आदमी ने बना लिया है दया का पात्र

 

यार चलो चलें कहीं किसी और ब्रह्मांड में रवि

अगरचे यहां बनके नहीं रहना है दया का पात्र

---.

सोमवार, ४ मई २००९

ट्रेवियन : लोकप्रिय ऑनलाइन स्ट्रेटेजी खेल अब हिन्दी में

ऑनलाइन खेल ट्रेवियन का पूरा हिन्दी कृत ऑनलाइन गेमसर्वर अब हम हिन्दी प्रेमी खिलाड़ियों के लिए पिछले महीने ही जोरशोर से चालू किया गया है. इंटरफेस से लेकर टिप्स / युक्तियों तक सब कुछ हिन्दी में. परंतु एक समस्या है – आप यूनिकोड हिन्दी में पंजीकृत नहीं हो सकते. पंजीकरण के लिए यूजरनेम रोमन में ही देना होगा.

travian4

 

ट्रेवियन एक स्ट्रेटेजी / सिमुलेटर किस्म का खेल है जहाँ आप अपनी दुनिया रचते हैं, अपना साम्राज्य खड़ा करते हैं और दूसरों के साम्राज्य में आक्रमण कर उन्हें अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाते हैं. जिसका जितना ज्यादा बड़ा साम्राज्य होगा, वो वहां उतना ही बड़ा खिलाड़ी होगा.

travian5

शुरूआत में तो हो सकता है ये खेल कुछ बोरिंग सा लगे, क्योंकि शुरू में आपके पास एक छोटा सा ही गांव होता है. उस गांव को आपको बसाना होता है – बड़ा करना होता है, शहर और महानगर में बदल कर विशाल साम्राज्य बनाना होता है. ये सब थोड़े कठिन भी लग सकते हैं परंतु एक दफा इस तरह के खेलों में दिलचस्पी जाग जाए और स्ट्रेटेजी जमाने के गुर आ जाएं तो फिर ये खेल बड़े ही एडिक्टिव किस्म के होते हैं. 31 हजार खिलाड़ी पहले ही इसमें पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 24 हजार खिलाड़ी सक्रिय हैं!

तो क्या आप तैयार हैं, एक और एडिक्शन अपनाने को?

शनिवार, २ मई २००९

क्या आप ब्रेड पिट या हृतिक रोशन जैसे लगते हैं?

 am i brad pit 1

कम से कम आपके अपने प्रोफ़ाइल में? चलिए, आपसे दूसरे तरीके से प्रश्न पूछते हैं. यदि आपके मेल बक्सों में कुछ इस तरह के ईमेल आने लगे तो अपने आप को आप क्या समझेंगे? –

My aim here is to meet some one that will be my love…

Hello from Ms vivian shaka, I am writing with the earnest prayer that my attention will meet favorably with you. I don't know quite where to begin. Let me start by saying, simply, that I am inspired to sending you this e-mail in my quest for you for some one I could call my own. With opportunity that will be mutual benefit to two of us, However, I am Ms.vivian shaka by name and I am 30 years of age from Benguela Province In the Republic of Angola. I am lady with a pure heart and I am also born again Christian. My aim here is to meet some one that will be my friend and we grow into a full fleshed relationship and then we can move to the next level which is love. I am not here for any games, and I am not looking for a player either, so please if you are player don't bother to write me back as i will not like to be fulled arround, but if you are seriously looking for a serious relationship like I do then lets make it happen. I will email you my picture once i receive permission that we can go on and be friends.Looking Forward to hearing from you as soon as possible.

I believe we can move from here. Please remember that distance or color does not matter but love matters a lot in life. Waiting to hear from you.

Yours vivian shaka

या कुछ ऐसे ईमेल मिलें –

Hi! My name is Ulia Znakova and I am live in Moscow, Russia. I am looking for a friend.


I have a photo if you want. No need to reply here as


this is not my email. Write me at : UliaZnakova@gmail.com. I am waiting.


Ulia.


कुछ इस तरह के भी मिलने लगें –



am i brad pit



एक और उदाहरण –



am i brad pit 3



तो, ऐसे ईमेलों के बारे में सोच सोच कर अपनी रातें मत खराब करिए, और न ही ऐसे ईमेलों का जवाब दीजिए. ये तो बस आपको फिशिंग (आमतौर पर ऐसे ईमेल स्पैम छन्नी के जरिए छान दिए जाते हैं, मगर कुछेक तो छन्नी से बचकर आपके आवक-डब्बे में घुस ही आते हैं ) के जरिए फांसने की साजिशें हैं. आपसे कुछ ऐं-वैं पत्राचार कर कुछ-न-कुछ खर्चों की राशि वसूली जाएगी – जैसे कि प्लेन का टिकट इत्यादि का (ताकि आकर मिल लें!) और जहाँ आपको दो-पाँच लाख का चूना लगा कि ये खरगोश के सिर पर सींग (आजकल गधे हाईप्रोफ़ाइल हो गया है ना!, उनके उदाहरणों का फ़ैशन आउटऑफ फ़ैशन हो गया है,) की तरह ग़ायब हो जाएंगे.



am i brad pit 2



ऐसे ईमेलों को बन पड़े तो एंटीफ़िशिंग.ऑर्ग को reportphishing एट antiphishing.org ईमेल पते पर संलग्न कर भेजें (यदि आप कोई ईमेल क्लाइंट प्रयोग करते हैं) या फिर वेब मेल से फारवर्ड करें. जैसे कि मैं करता हूं. क्योंकि, मुझे मालूम है, मेरी प्रोफ़ाइल की असलियत. मैं ब्रैड पिट या हृतिक रोशन जैसा नहीं हूं. कतई नहीं.



---.

शुक्रवार, १ मई २००९

स्वाइन फ़्लू के इंटरनेटी ख़तरे

आप इस बात से निश्चिंत न रहें कि स्वाइन फ़्लू का पदार्पण आपके इलाके में नहीं हुआ है और आप इसके खतरे से बचे हुए हैं. नहीं. यदि आप इन पंक्तियों को पढ़ पा रहे हैं तो खतरा आपके लिए भी बना हुआ है. स्वाइन फ्लू संबंधी समस्या इंटरनेट के जरिए भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है.

अलबत्ता ये खतरा दूसरी किस्म का है. इंटरनेटी उचक्कों व डाकुओं ने इंटरनेट पर मासूम प्रयोक्ताओं को लूटने के लिए स्वाइन फ्लू को भी नहीं छोड़ा है. बल्कि स्वाइन फ़्लू उनके लिए एक तरह से वरदान बनकर आया है.

स्वाइन फ्लू संबंधी ताजा जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट से बड़ा और बढ़िया साधन और क्या हो सकता है भला? तो यदि आप स्वाइन फ़्लू के नाम से इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो आपको हजारों पन्ने मिलेंगे. हाल ही में स्वाइन फ़्लू के नाम से मिलते जुलते सैकड़ों डोमेन नामों का पंजीकरण हुआ है. क्यों? स्वाइन फ़्लू जैसी डरावनी बीमारी के बारे में हर कोई जानना समझना चाहता है. ऐसे में अवसरवादियों की तो चाँदी है. स्वाइन फ़्लू शब्द से सर्च इंजिन ऑप्टीमाइज्ड किए गए इन साइटों पर कुछ पन्नों पर आपको दस-बीस डॉलर कीमत में स्वाइन फ़्लू से बचने के स्वाइन फ़्लू सर्वाइवल गाइडों के जरिए 100% तरीके व देसी औषधियों के बारे में जानकारी देने का वादा किया जा रहा है.

इसी प्रकार, अवसर वादियों ने ईमेल को स्वाइन फ्लू विषयक स्पैम से पाट दिया है. स्वाइन फ्लू से बचने के तरीके व औषधियों की जानकारी देने बाबत कुछ साइटों के लिंक लिए ये स्पैम जाहिर है, प्रयोक्ताओं को उल्लू बनाने के लिए भारी मात्रा में भेजे जा रहे हैं. स्पैमरों ने 2003 में सार्स वायरस के समय भी यही कारनामा किया था. और, इस बात में कोई शक नहीं कि दुनिया में जितने व्यक्ति सचमुच के स्वाइन फ्लू से संक्रमित होंगे उससे कई गुना इन स्पैमरों, इंटरनेटी चोरों-उचक्कों-लुटेरों के शिकार बनेंगे.

आप भी सावधानी बरतें. इंटरनेटी स्वाइन फ्लू के शिकार होने से बचें.

कुछ अच्छे चुनिंदा हिंदी ब्लॉग पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ

आपकी प्रतिक्रियाएँ