26/08/11

मैं गुनहगार हूँ

क्योंकि मैनें ऐसी सरकार को चुना है, जिसके राज में अपने ही देश की संसद के सामने भारतमाता की जय और वंदेमातरम बोलने पर मुँह बंद कर दिया जाता है। 
अभी-अभी न्यूज में दिखाया जा रहा है कि रोहतक का रहने वाला मनजीत नामक व्यक्ति संसद के गेट नंO 1 पर खडा था। उसके कपडों पर मैं अन्ना हूँ लिखा था। जैसे ही उसने वंदेमातरम का नारा लगाया, वहां मौजूद सिक्योरिटी ने उसे पकड लिया। ठीक है कि सुरक्षाकर्मी को अपना कर्त्तव्य करना चाहिये और उसे गिरफ्तार करना चाहिये, क्योंकि गेट नंO 1 केवल वी वी आई पी, मंत्रियों और सांसदों के लिये है। शायद संसद की सुरक्षा की दृष्टी से उसे यहां नहीं होना चाहिये था। लेकिन उसे हथकडी पहनाने के बजाये, उसका मुँह बंद करना, बाल खींचना, गर्दन दबोचना क्या उचित है???

मनजीत का मुँह इसलिये बंद किया जा रहा था कि वह भारतमाता की जय और वंदेमातरम के नारे लगा रहा था और अन्ना समर्थक था।

20/08/11

लोकपाल बिल और जनलोकपाल बिल में फर्क

लोकपाल बिल (सरकारी) और जनलोकपाल बिल (अन्ना) में क्या फर्क है।
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मुझे शिकायत हे !!!

मुझे शिकायत हे !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए उन्हें बहू भी मत दीजिये।