कल बोर हो रहे थे। सोचा क्या किया जाये। जहां सोचने लगे तो बोरियत का वोल्टेज डाउन हो गया। सोचा कि सोचने का काम किया जाये। इससे बोरियत अपने आप कम हो जायेगी। जहां सोचना शुरु किया तो मामला और आगे बढ़ गया। सोचा सोच को साझा किया जाये। साझा करने के लिये आज दुनिया में सबसे तेज चैनल ट्विटर और फ़ेसबुक हैं। सो वहां पहुंचकर सोच को जग जाहिर करते रहे। आप भी देख लीजिये।
- जिन क्षणों के बारे में हमने ट्विट नहीं किया वे अनंत में ब्लैक होल की तरह हैं जिनके बारे में कोई सूचना दुनिया को नहीं मिलती।
- बरामदे में बईठ के सुबह की दूसरी चाय पी रहे हैं। सामने फ़ूल गरदना हिला रहा है, कुछ पक्षी बोल रहे हैं। शायद कह रहे हैं -तीसरी मत मंगाना अब!
- मंत्रीजी का कहना है कि छात्र पिटने पर काबिल बनते हैं। आम जनता ने मंत्रियों को काबिल बनाने के लिये प्रौढ़ शिक्षा अनिवार्य करने की मांग की है।
- उत्तर प्रदेश में मंसूरपुर थानातर्गत दूधाहेड़ी गाव में लड़कियों का नाखून न बढ़ाने के फ़ैसले को कुछ लोग नेलकटर कंपनी- प्रायोजित बता रहे हैं।
- लड़कियों को मोबाइल-वंचित रखने के बावजूद कुछ जगह प्रेम विवाह होते देख एक पंचायत ने फ़तवा जारी किया- लड़कियां अठारह साल बाद बोलना सीखेंगी।
- पुराने लोकप्रिय ग्रंथ/किताबें अक्सर आपको अपनी बेवकूफ़ सोच को सही साबित करने के लम्पट बहाने मुहैया करने में भी सहयोग करते हैं।
अपना का ट्विट एकाउंट फ़ेसबुक से जुड़ा है। जहां ट्विटर पर मामला आता है वो फ़ौरन उसको फ़ेसबुक के हवाले कर देता है। सो एक के साथ एक फ़्री वाले अंदाज में मामला जगजाहिर हो जाता है।
आम आदमी इसी में गच्च रहता है कि उसकी बात दुनिया भर में फ़ैल रही है। कोई ध्यान दे या न दे। ट्विट की दुनिया भी मजेदार है। आदमी किसी एक घटना की रिपोर्टिंग करने में इत्ता मशगूल रहता है कि तमाम दूसरी घटनायें उसको बगलिया के निकल जाती हैं। मामला हाइजनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धांत की तरह का हो जाता है- या तो देख लो या ट्विट कर लो।
कोई एक ऊटपटांग ट्विट करने के बाद मन कुछ देर शान्त रहता है। इसके बाद मन करता है एक और किया जाये यार! किया जाता है। फ़िर एक और। मतलब मामला ये दिल मांगे मोर वाला होता जाता है।
ट्विट लोग अपनी प्रवृत्ति के हिसाब से करते हैं। जैसा मन वैसा ट्विट। बड़े लोग बड़ी-बड़ी बातें लिखते हैं ट्विट में। उन बातों को बड़े लोग ही समझ पाते हैं। अब आप यह तो जानते ही हैं कि दुनिया में बड़े लोग कित्ते हैं। आपसे क्या छिपाना।
मुझे लगता है कुछ लोग अपने ट्विट लिखने के लिये कुछ लोगों को अपने यहां तैनात भी रखते होंगे। जैसे सिनेमा के लिये संवाद लेखक होते हैं वैसे ही बड़े लोगों के लिये ट्विट लेखक होते होंगे।
कभी-कभी क्या मुझे अक्सर ही लगता है कि ट्विट लिखना आदमी का पवित्र हो जाना है। जो मन में होता है वह लिख देता है। एक बात ट्विटिया दी शान्त हो गये। दूसरी आ गयी उसको भी मौका दे दिया जा बेटी ट्विट संसार में कूद जा। हमारे मन के मुकाबले तो वहां सुरक्षित ही रहेगी। यहां पता नहीं कौन सा आइडिया कैसा सुलूक करे तेरे साथ।
इत्ता लिखने के बाद आगे लिखने को बहुत कुछ बचा है अभी। लेकिन एक ठो आइडिया आया है। दिमाग की मेज खटखटा रहा है। कह रहा हमको ट्विट करो फ़िर अपना काम करते रहना। देखते हैं कि है तो चिरकुट सा लेकिन अकड़ ऐसा रहा है जैसे किसी बहुत बड़े आइडिया का बाप हो। खैर आते हैं जरा इसको ठिकाने लगा के फ़िर आपसे आगे बतियाते हैं।
तब ताक आप ऊपर वाली फ़ोटो दुबारा देखिये। इसे ज्ञानजी ने अपने ट्विटर पर लगाया है सुबह सवा पांच बजे और साथ में ट्विट भी है-आज सवेरे 5:15 इलाहाबाद के प्लेटफॉर्म 1 पर उतर कर घर के लिये चला तो पार्सल ऑफिस के बाहर अखबार वितरक यह भीड़ लगाये थे! !
आप कहीं जाइयेगा नहीं। हम बस ये गये ये आये। ठीक है न!
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नहीं जायेंगे, आज का वेतन भिजवा दीजियेगा
संजय अनेजा की हालिया प्रविष्टी..बहुत कठिन है डगर पनघट की …..
बढ़िया है,ट्विटीयाते रहें !
संतोष त्रिवेदी की हालिया प्रविष्टी..वर्षा गीत !
इस पूर्णांग-दर्शन की सिर्फ कड़िए ट्विटियाई जा सके है ।(हृस्व इ की मात्रा क्यों गड़बड़ा रई है?)
अफलातून की हालिया प्रविष्टी..खेत में दबाये गये दाने की तरह / कविता / भवानीप्रसाद मिश्र
आपकी इस पोस्ट के बारे में मेरी ट्वीट यहां देखें –
https://twitter.com/eswami/status/225435577833635840
eswami की हालिया प्रविष्टी..कटी-छँटी सी लिखा-ई
ट्वीटर श्वीटर हाय रब्बा !!!!
देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..ना जीना ना मरना
हम भी कभी कभी ट्विट करके पवित्र हो लेते हैं
विवेक रस्तोगी की हालिया प्रविष्टी..हमारे शौक ही हमारी सोच को बदल देते हैं
वैसे इंस्टेंट भड़ास निकालने का माध्यम है या यूँ कह लें इंस्टेंट सत्य परोस सकते हैं ।
विवेक रस्तोगी की हालिया प्रविष्टी..हमारे शौक ही हमारी सोच को बदल देते हैं
यूनीफ़ाइड फील्ड थियरी की तरह ये सब – ब्लॉग-ट्विटर-फेसबुक एक ही ऊर्जा-द्रव्य के भिन्न अपरूप हैं! यह ज्ञान जिसे हो गया मानो वह सोशल मीडिया का डाक्टरेट पा गया!
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..कारू मामा की कचौरी
आपकी टूईटरिया बातें बरी twisted है. पॉइंट न. ६ खतरनाक टाइप है.
बकिया, दरी-पाटिया यहीं लगाई लिए हैं………आप फिर से आईये….
प्रणाम.
हम का करें? हमारा तो ट्विटर एकाउंट ही हैक हो गया
aradhana की हालिया प्रविष्टी..More Widgets For Your Blog
बहुत शुरू में मेरा अकाउण्ट ट्विटर ने सीज़ कर दिया था। दो चार ई-मेल भेजने के बाद खुला था।
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..कारू मामा की कचौरी
हमने अकाउंट तो बनाया पर ट्विटियाया आजतक नहीं ..अब सोच रहे हैं एक ट्राई मारा ही जाए.:)
सही है…
ट्विटराते चलिए…
ये एक पर एक फ्री वाला जुगाड अच्छा है…
सोच रहा हूँ मैं भी कनेक्ट कर ही लूं फेसबुक और ट्विटर को…
हम तो ट्वीट में व्यस्त बने रहते हैं, फुरसत का काम तो रहा नहीं।
प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..उर्वशी, एक परिक्रमा
कब के गये हैं अभी तक आये नहीं! ट्वीट से क्वीट करिये और ब्लॉग पर जम जाइये।
Abhishek की हालिया प्रविष्टी..यूँ ही…कुछ परिभाषाएँ !