संस्मरण

एक मुलाकात रवि रतलामी से

एक मुलाकात रवि रतलामी से

पिछले दिनों एक मीटिंग के सिलसिले में दिल्ली जाना हुआ। जबलपुर से दिल्ली सुबह हवाई जहाज उड़ता है। रोज किंगफ़िशर न तो एयर इंडिया। लेकिन उड़ानें नखरीली हैं। कभी भी कह देती हैं -आज न जायेंगे। मीटिंग जरूरी थी। जरूरी मतलब ऐसे कि पहुंच गये तो हाजिरी लग गयी। न पहुंचे तो डांट कि आये [...]

हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से बातचीत

हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से बातचीत

पिछले हफ़्ते हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से आनलाइन मुलाकात हुई। अचानक मन किया कि उनसे ब्लॉगिंग के शुरुआती दौर के बारे में कुछ बातचीत की। वे आजकल लंदन में हैं। हमसे साढ़े पांच घंटे के समयान्तराल पर। इस चैटालाप में मेरे सवाल ब्लॉगिंग के आसपास टहल रहे थे लेकिन आलोक के जबाब अंतर्जाल [...]

टुनटुन टी स्टॉल, बमबम पान भंडार और सौंन्दर्य की नदी नर्मदा

टुनटुन टी स्टॉल, बमबम पान भंडार और सौंन्दर्य की नदी नर्मदा

कल इतवार को छुट्टी थी सो अपन उठाये मोटरसाइकिल चले गये भेड़ाघाट। दोस्तों ने कुल दूरी बताई गयी 25 किमी। जहां-जहां पूछते गये वहां तक तो मामला सीधा रहा। एक जगह पूछा नहीं- मारे कान्फ़ीडेंस के मारे । बस वहीं आगे निकल गये। जहां मुड़ना था वहां से दस किलोमीटर आगे निकल गये। आत्मविश्वास की [...]

अमृतलाल वेगड़जी से मुलाकात

दो दिन पहले वेगड़जी से मिलना हुआ। वेगड़जी की किताब ’तीरे-तीरे नर्मदा’ पढी तो मन किया उनकी बाकी दो किताबें भी पढ़ी जायें। पता चला कि किताबें या यूनिवर्सल में मिल सकती हैं या फ़िर वेगड़जी के यहां। सोचा जब लेनी ही हैं तो वेगड़जी से ही क्यों न ली जायें। उनसे मिलना भी हो [...]

….एक और कलकतिया यात्रा

….एक और कलकतिया यात्रा

घर से बाहर निकलते ही आदमी ’स्टेटस जागरूक’ हो जाता है। क्षण-क्षण अपना ’स्टेटस’ अपडेट करता है। खुद अपना प्रवक्ता बन जाता है। घुमा-फ़िरा के दुनिया भर को बताता है कि हम यहां हैं, वहां हैं, ये कर रहे हैं, वो कर रहे हैं। उसको लगता है कि अगर उसने दुनिया भर को अपनी स्थिति [...]