संस्मरण

इति श्री वर्धा ब्लॉगर एवं सोशल मीडिया सम्मेलन

इति श्री वर्धा ब्लॉगर एवं सोशल मीडिया सम्मेलन

पहले दिन के तीसरे सत्र की चर्चा का विषय था- सोशल मीडिया और राजनीति। इसके संचालक थे हर्षवर्धन त्रिपाठी। वक्ताओं में शामिल थे- संजीव सिन्हा, कार्तिकेय मिश्र, अनिल सिंह, अनूप शुक्ल, पंकज कुमार झा, शकुंतला शर्मा। हर्षवर्धन के चुस्त संचालन में बहुत राजनीति हुई सोशल मीडिया पर। पंकज कुमार झा ने राजनीति बुरी चीज नहीं […]

ब्लॉगिंग, फ़ेसबुक और ट्विटर तिकड़ी- विकल्प या पूरक  ?

ब्लॉगिंग, फ़ेसबुक और ट्विटर तिकड़ी- विकल्प या पूरक ?

उद्घाटन सत्र के बाद अगला सत्र चर्चा सत्र था। चर्चा का विषय था- ब्लॉग, फ़ेसबुक, टिव्टर की तिकड़ी: एक दूसरे के विकल्प या पूरक। चर्चा रेल की ड्राइवरी करनी थी अपन को। चर्चा में भाग लेने वाले महारथी थे- प्रवीण पाण्डेय, सिद्धार्थ त्रिपाठी, अविनाश वाचस्पति, डॉ. अरविन्द मिश्र, संतोष त्रिवेदी और डॉ. बलिराम धापसे। डॉ […]

वर्धा राष्ट्रीय संगोष्ठी -कुछ यादें

वर्धा राष्ट्रीय संगोष्ठी -कुछ यादें

और ये तीसरा ब्लॉगिंग सेमिनार, कार्यशाला, गोष्टीं संपन्न हुयी। पहला 2009 में इलाहाबाद में – न भूतो न भविष्यतनुमा। दूसरा 2010 में वर्धा में जहां हमने आलोकधन्वा, जो ब्लॉगिंग को सबसे कम पाखण्ड वाली विधा मानते हैं, की कविता सुनी: “हर भले आदमी की एक रेल होती है जो माँ के घर की ओर जाती […]

...और ये फ़ुरसतिया के नौ साल

…और ये फ़ुरसतिया के नौ साल

….और मजाक-मजाक में फ़ुरसतिया के नौ साल भी पूरे हुये। आज के ही दिन नौ साल पहले 20 अगस्त, 2004 को पहली पोस्ट लिखी थी। कुल जमा नौ शब्द में लिखा था: अब कब तक ई होगा ई कौन जानता है इन नौ शब्दों से शुरु हुई खुराफ़ात को हुये नौ साल निकल गये। अनगिनत […]

नमो नर्मदे मैया रेवा

नमो नर्मदे मैया रेवा

अमरकंटक यात्रा के दौरान माई की बगिया में कई नर्मदा परकम्मावासियों से मुलाकात हुई। उनमें से एक दल सुबह स्नान के बाद नर्मदा भजन करने लगा। अपने मोबाइल कैमरे में उस भजन को हमने रिकार्ड कर लिया। वाद्ययंत्र तम्बूरा और डब्बा जिसमें रेजगारी से संगत दी जा रही थी। हमारे साथ के लोग भी संगत […]

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