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- नये साल में और गये साल में कुछ मुलाकातें 0 comments
- तुलसी संगति साधु की 1 comment
हरिशंकर परसाई परसाई जी के चुटीले और बेधक व्यंग्य लेखन के पीछे क्या कारण थे और एक हाई स्कूल का मास्टर किस तरह देश का प्रख्यात व्यंग्य लेखक बना यह जानने के लिये परसाईजी पर उनके समकालीन साथियों के संस्मरण बहुत अच्छा जरिया हैं। हिन्दी दैनिक देशबन्धु के प्रकाशक मायाराम सुरजन भी उनके ऐसे ही […]
हरिशंकर परसाई आज परसाई जी का जन्मदिन है। आज अगर परसाई जी जीवित होते तो 85 साल के हो लिये होते। उनकॊ स्कूल के दिनों में पढ़ी रचनाओं (निन्दा रस) को छोड़ दिया जाये परसाई जी को मैंने आज से करीब बीस साल पहले से पढ़ना शुरू किया और वे तबसे ही मेरे सबसे पसंदीदा […]
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