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Friday, June 28, 2013

मुस्कुरा दो यार




इन आफतों को भुला दो यार
इस हालत में मुस्कुरा दो यार
दुनिया चाहती है मायूस देखना
तुम ज़रा खिलखिला दो यार
सर पर सवार है फतूर बनके
हिलाकर गर्दन गिरा दो यार
अकड़ है आसमान सी जिनकी
धूल  उनको चटा दो यार
कमज़ोर कहा करते है अक्सर
कुर्सियां उनकी हिला दो यार
निबट लेंगे जुल्म-ज़माने से
एक ज़रा हौसला बढ़ा लो यार