# हरित-लाल # केदारनाथ # भाषा-भास्‍कर # समलैंगिक बाल-विवाह! # लघु रामकाव्‍य # गुलाबी मैना # मिस काल # एक पत्र # विजयश्री, वाग्‍देवी और वसंतोत्‍सव # बिग-बॉस # काल-प्रवाह # आगत-विगत # अनूठा छत्तीसगढ़ # कलचुरि स्थापत्य: पत्र # छत्तीसगढ़ वास्तु - II # छत्तीसगढ़ वास्तु - I # बुद्धमय छत्तीसगढ़ # ब्‍लागरी का बाइ-प्रोडक्‍ट # तालाब परिशिष्‍ट # तालाब # गेदुर और अचानकमार # मौन रतनपुर # राजधानी रतनपुर # लहुरी काशी रतनपुर # रविशंकर # शेष स्‍मृति # अक्षय विरासत # एकताल # पद्म पुरस्कार # राम-रहीम # दोहरी आजादी # मसीही आजादी # यौन-चर्चा : डर्टी पोस्ट! # शुक-लोचन # ब्‍लागजीन # बस्‍तर पर टीका-टिप्‍पणी # ग्राम-देवता # ठाकुरदेव # विवादित 'प्राचीन छत्‍तीसगढ़' # रॉबिन # खुसरा चिरई # मेरा पर्यावरण # सरगुजा के देवनारायण सिंह # देंवता-धामी # सिनेमा सिनेमा # अकलतरा के सितारे # बेरोजगारी # छत्‍तीसगढ़ी # भूल-गलती # ताला और तुली # दक्षिण कोसल का प्राचीन इतिहास # मिक्‍स वेज # कैसा हिन्‍दू... कैसी लक्ष्‍मी! # 36 खसम # रुपहला छत्‍तीसगढ़ # मेला-मड़ई # पुरातत्‍व सर्वेक्षण # मल्‍हार # भानु कवि # कवि की छवि # व्‍यक्तित्‍व रहस्‍य # देवारी मंत्र # टांगीनाथ # योग-सम्‍मोहन एकत्‍व # स्‍वाधीनता # इंदिरा का अहिरन # साहित्‍यगम्‍य इतिहास # ईडियट के बहाने # तकनीक # हमला-हादसा # नाम का दाम # राम की लीला # लोक-मड़ई और जगार # रामराम # हिन्‍दी # भाषा # लिटिल लिटिया # कृष्‍णकथा # आजादी के मायने # अपोस्‍ट # सोन सपूत # डीपाडीह # सूचना समर # रायपुर में रजनीश # नायक # स्‍वामी विवेकानन्‍द # परमाणु # पंडुक-पंडुक # अलेखक का लेखा # गांव दुलारू # मगर # अस्मिता की राजनीति # अजायबघर # पं‍डुक # रामकोठी # कुनकुरी गिरजाघर # बस्‍तर में रामकथा # चाल-चलन # तीन रंगमंच # गौरैया # सबको सन्‍मति... # चित्रकारी # मर्दुमशुमारी # ज़िंदगीनामा # देवार # एग्रिगेटर # बि‍लासा # छत्‍तीसगढ़ पद्म # मोती कुत्‍ता # गिरोद # नया-पुराना साल # अक्षर छत्‍तीसगढ़ # गढ़ धनोरा # खबर-असर # दिनेश नाग # छत्तीसगढ़ की कथा-कहानी # माधवराव सप्रे # नाग पंचमी # रेलगाड़ी # छत्‍तीसगढ़ राज्‍य # छत्‍तीसगढ़ी फिल्‍म # फिल्‍मी पटना # बिटिया # राम के नाम पर # देथा की 'सपनप्रिया' # गणेशोत्सव - 1934 # मर्म का अन्‍वेषण # रंगरेजी देस # हितेन्‍द्र की 'हारिल'# मेल टुडे में ब्‍लॉग # पीपली में छत्‍तीसगढ़ # दीक्षांत में पगड़ी # बाल-भारती # सास गारी देवे # पर्यावरण # राम-रहीम : मुख्तसर चित्रकथा # नितिन नोहरिया बनाम थ्री ईडियट्‌स # सिरजन # अर्थ-ऑवर # दिल्ली-6 # आईपीएल # यूनिक आईडी

Wednesday, August 25, 2010

मेल टुडे में ब्‍लॉग

'पीपली में छत्‍तीसगढ़' ब्‍लॉग पेज को अखबारों, पत्रिकाओं, चैनलों ने अपनी चर्चा का विषय बनाया. कुछ ने पूछा, किसी ने बताया, कुछ औरों ने बताया, हो सकता है कुछ की जानकारी मुझे अब तक न हो.
लेकिन 'मेल टुडे', दिल्‍ली के 9 अगस्‍त, पेज-7 का हिस्‍सा यहां लगा रहा हूं, जिन्‍होंने छापने के पहले न सिर्फ पूछा बल्कि ब्‍लॉग के उपयुक्‍त उल्‍लेख सहित यह प्रकाशित किया.

10 comments:

  1. बधाईयाँ. मेल टुडे वाले बड़े शरीफ हैं. साधारनतया मीडिया वाले पूरी सामग्री तो प्रकाशित करते हैं परन्तु ब्लॉग का उल्लेख करने में उन्हें शर्म आती है.

    ReplyDelete
  2. सिंह साहब मैंने कटिंग पर क्लिक किया लेकिन रेखांकित अंश अपठनीय बने रहे ! संभवतः ये ब्लॉगों के नाम होंगे ! बाकी टिप्पणी सुब्रमनियन जी से सहमति वाली !

    ReplyDelete
  3. अखबार के चित्र का साईज बड़ा लगभग(1500)चौड़ाई में अपलोड करने से पढा जा सकता है।
    वैसे सुब्रमनियन जी ने सही कहा है। यहां तो ब्लाग सामग्री धड़ल्ले से छाप देते हैं और पता ही नहीं चलता कौन ले गया। मुफ़्त का माल लेने वाले बहुत से शिकारी यहां नित शिकार ढुंढते मिलते हैं।
    ब्लाग जगत की सामग्री के भरोसे ही कईयों की पत्रिकाओं की दुकान चल रही है। कुछ भी नहीं करना पड़ता, बस कापी पेस्ट से पत्रिका बन जाती है4 घंटे में।

    शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  4. रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
    आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
    मेल टुडे में ब्लॉग का उल्लेख हुआ इस बात की मुझे बेहद ख़ुशी हुई! आपको ढेर सारी बधाइयाँ!

    ReplyDelete
  5. matalab yah ki naitikataa zinda hai...

    ReplyDelete
  6. औसत दरजे के स्‍थानीय स्‍तर के मीडिया भी ऐसे उल्‍लेख से बचते है. इस प्रतिष्ठित अखबार ने ब्‍लॉग और ब्‍लॉगर का बकायदा उल्‍लेख कर अपने अनुकूल स्‍तर का काम किया है. समाचार पत्र और संवाददाता दोनों की जितनी तारीफ की जाए कम है.
    -किशोर साहू

    ReplyDelete