चेत राम

दीर्घा

This gallery contains 5 photos.


मैं उन्हे गंगा किनारे उथले पानी में रुकी पूजा सामग्री से सामान बीनने वाला समझता था। स्केवेंजर – Scavenger. मैं गलती पर था। कई सुबह गंगा किनारे सैर के दौरान देखता हूं उन्हे एक सोटा हाथ में लिये ऊंचे स्वर … Continue reading

About these ads

गोरखपुर रेलवे कॉलोनी में सवेरे की सैर

दीर्घा

This gallery contains 6 photos.


सवेरे की सैर का मजा गोरखपुर रेलवे कॉलोनी में उतना तो नहीं, जितना गंगाजी के कछार में है। पर वृक्ष और वनस्पति कछार की रेत, सब्जियों की खेती और चटक सूर्योदय की कुछ तो भरपाई करते है हैं। आजकल फागुन … Continue reading

परमेश्वर

दीर्घा

This gallery contains 3 photos.


सवेरे साढ़े छ बजे जब मैं घूमने निकला तो वह मुझसे आगे चल रहा था। घुटने तक धोती, मटमैला/सफेद कुरता – गेरुआ नहीं, एक काली जाकेट, बदन पर ओढा चादर जो सिर पर भी ढंकने का काम कर रहा था, … Continue reading

छोटे बिजनेस मॉडल

दीर्घा

This gallery contains 3 photos.


ठेले पर मसाला पीसने वाला चलता है। फेरीवाले की तरह। लोग अपने मसाले पिसवाते हैं। गीली दाल पिसवा कर पीठी बनवाते हैं। परसों हमारे चीफ सेफ्टी अफसर श्री एनके अम्बिकेश ऐसे और बिजनेस मॉडल बता रहे थे। पंजाबी सरदार वाशिंग … Continue reading

दो बच्चे और बेर

दीर्घा

This gallery contains 1 photo.


“विशिष्ट व्यक्ति रेस्ट हाउस” के सामने पोलोग्राउण्ड की चारदीवारी के पास बैठे थे वे दोनो बच्चे। आपस में बेर का बंटवारा कर रहे थे। बेर झरबेरी के नहीं, पेंड़ वाले थे। चालीस-पचास रहे होंगे। एक पॉलीथीन की पन्नी में ले … Continue reading

आस-पास एक चक्कर – गोरखपुर

दीर्घा

This gallery contains 3 photos.


शनिवार को ड्राइवर साहब को बुलाया दस बजे। आस-पास एक चक्कर लगा जगहें चीन्हने को। एक घण्टे का समय व्यतीत किया। गूगल मैप पर वापस आने पर देखा तो लगभग 9 किलोमीटर का चक्कर लगाया था मैने। ड्राइवर बहुत सहायक … Continue reading

रेल इंस्पेक्शन स्पेशल

दीर्घा

This gallery contains 12 photos.


परसों 21 फरवरी को मैं गोण्डा-लखनऊ खण्ड में निरीक्षण के लिये बने दल में बतौर परिचालन विभाग के विभागाध्यक्ष, शामिल था। इस क्षेत्र से परिचय का मेरा पहला मौका। श्री के के अटल, महाप्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे ने दस दिन पहले … Continue reading

क्या कहूं?

दीर्घा

This gallery contains 1 photo.


प्रियंकर कहते हैं, मैं कवि हृदय हूं; भले ही कितना अपने आप को छिपाने का प्रयास करूं। मैं सहमत होने का जोखिम नहीं लूंगा। ढेर सारे कवियों की कवितायें सुनने और उन्हे एप्रीशियेट करने का बर्डन उसमें निहित है। दूसरे … Continue reading