माह के लोकप्रिय आलेख
- अनुगूंज २१-कुछ चुटकुले 0 comments
- हर जोर जुलुम की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है 0 comments
- सीखना है तो खुद से सीखो-रवि रतलामी 1 comment
- नये साल में और गये साल में कुछ मुलाकातें 0 comments
- तुलसी संगति साधु की 1 comment
पिछले लेख में बात शुरू हुई थी जनभाषा से और फ़िर वह सरकायी , धकेली जाती हुयी हिन्दी, संस्कृति, अंग्रेजी , मैकाले, फ़ैकाले होते हुये बरास्ते संस्कृति और विनम्रता आदि होते हुये हिन्दी दिवस पर जाकर खड़ी हो गयी। इसी सिलसिले में मुझे श्रीलाल शुक्लजी का एक लेख याद आया जो हिन्दी पर दो टिप्पणियां […]
भाषा ज्ञानजी की पोस्ट सुबह-सुबह देख रहे थे। जानकारी दिहिन हैं रेल की-डरते-डरते। हम टिपियाये- “सुन्दर। हम भी कटियाज्ञानी हो गये। कटियाज्ञानी बोले तो जैसे कि आपके ब्लाग पर ज्ञान करेंट बह रही थी हम उसमें कटिया फ़ंसा के सप्लाई ले लिये। सब ले रहे हैं! न पैसा दिया न छदाम,मुलु बनिगा अपना सारा काम!” […]
समीरलालजी कल समीरलालजी नेट पर मिले। बोले -भाई साहब हम आपसे बात नहीं करेंगे। आपसे नाराज हैं आप आजकल हमसे मौज नहीं लेते। यह कहते हुये वे बहुत देर तक बात करते रहे। हमने कहा ऐसा क्या हुआ जो आप बात न करते हुये हमारा घंटा खराब कर दिये। वो बोले आजकल आप हमसे मौज […]
जीतेन्द्र आज नौ सितम्बर है। जीतेन्द्र का जन्मदिन आज के ही दिन पड़ता है। वे भी हमारी तरह सितम्बरी लाल हैं। कहते हैं कि सितम्बर में पैदा हुये लोग कलात्मक प्रतिभा से युक्त होते हैं। लेकिन जीतेन्द्र को देखकर लगता नहीं कि वे उन पर इस सितम्बरी प्रदूषण का कोई असर है। लगता है कि […]
आज शिक्षक दिवस है। लोग कहते हैं कि शिक्षा का स्तर गिर गया है। पतित हो गयी है शिक्षा व्यवस्था। हर तरफ़ ट्यूशन का बोलबाला है। जितने मुंह उससे चार गुनी बातें! हर जागरूक व्यक्ति का हर मामले में कुछ न कुछ “मेरा तो यह मानना है” रहता है । जागरुक चाहे एक बार भले […]
माह के सर्वाधिक टिप्पणी प्राप्त आलेख