By फ़ुरसतिया on November 26, 2012
ये भी देखिये: 1. इंक ब्लॉगिंगः हुनर हाथों का 2.डिजिटल इंक ब्लॉगिंग….. 3.इंक ब्लॉगिंग एक लफ़ड़ा….. 4.इंक-ब्लागिंग के कुछ फुटकर फ़ायदे 5.अमिताभ का अ कितना खूबसूरत है 6.फुरसतिया टाईम्स न फुरफरिया टाईम्स- ये है चिट्ठाचर्चा टाईम्स
Posted in इंक-ब्लागिंग, बस यूं ही |
By फ़ुरसतिया on November 25, 2012
बहुत दिन बाद आज एक पन्ना हाथ से लिखे। देखिये जरा कईसा लगता है। अगर छोटा लगे तो Ctrl+ दबा के बड़ा करके बांचिये तो जरा। ब्लॉगिंग की ये खुराफ़ात सभ्य भाषा में इंकब्लॉगिंग कहलाती है। इसमें हम अखबार भी निकाल चुके हैं। देखिये जरा आप भी। अखबार की प्रस्तावना तो देख ही लीजिये न […]
Posted in इंक-ब्लागिंग, बस यूं ही |
By फ़ुरसतिया on September 12, 2008
[करीब चार साल पहले जब मैंने रविरतलामी का अभिव्यक्ति पत्रिका में ब्लाग के बारे में लेख पढ़ा तो अनायास अपना ब्लाग शुरू करने के लिये कसमसा उठा। जैसे तैसे अपना ब्लाग रजिस्टर करा और लिखने के लिये छटपटाने लगा। की-बोर्ड कहीं मिल के नहीं दे रहा था। खोजते-खोजते फ़िर देबू के पुराने ब्लाग पर छहरी […]
Posted in इंक-ब्लागिंग, इनसे मिलिये, साक्षात्कार | Tagged देबाशीष, निरंतर, नुक्ताचीनी, पाडभारती, features |
By फ़ुरसतिया on August 22, 2008
प्रिय भैया शिव जी, आपकी चिट्ठी मिली। हम उसको कई बार पढ़े। कागजी चिट्ठी की तरह उलट-पुलट के , सहला-उहला के पढ़ने का मन किया तो हम लैपटाप उलट दिये। देखा पीछे सब ’करिया’ था। अचकचा के सामने आ गये। आपकी मुस्कराती छवि दिखी। मन खुश हो गया। आपने लिखा कि हमने आपके नाम, ’शिव’ […]
Posted in इंक-ब्लागिंग, कविता, बस यूं ही, लेख | Tagged features |
By फ़ुरसतिया on January 27, 2008
आजकल ब्लाग-जगत में बेटियों की के बारे में कई अच्छी-अच्छी पोस्टें आयी हैं। विमल वर्मा जी अपनी बिटिया प्यारी पंचमी के जन्मदिन पर पोस्ट लिखी। वहीं से मैं बेटियों के ब्लाग पर पहुंचा। इसकी एक बेहतरीन पोस्ट में रवीशकुमार जी ने अपनी बिटिया के बारे में लिखते हुये उसके कारण अपने जीवन में आये बदलाव […]
Posted in इंक-ब्लागिंग, पाडकास्टिंग |
माह के सर्वाधिक टिप्पणी प्राप्त आलेख