By फ़ुरसतिया on April 26, 2010
पिछली पोस्ट में कुछ साथियों ने बताया कि उनको उसके पीछे की बात पता नहीं है। आराधनाजी ने तो लिखा भी: आज तो हम घूम गये ये लेख पढ़कर…सीधे-सीधे चींटी और छछून्दर की बात तो कर नहीं रहे आप…इत्ते सीधे तो हैं नहीं…और पीछे वाली बात क्या है ये मेरी समझ में आ नहीं रहा…क्योंकि […]
Posted in बस यूं ही | Tagged आंख, चमेली, छ्छूंदर, तेल, नयनसुख |
By फ़ुरसतिया on April 24, 2010
चीटी चढ़ी पहाड़ पर, सर पर लादे नौ मन तेल, मिली छ्छूंदर एक वहां, उसके सर पर दिया उड़ेल। अब बताइये चीटीजी की इस हरकत को आप क्या कहेंगे? छछूंदरजी के प्रति बहनापा, परदुखकातरता जैसे उद्दात मानवीय गुणों का विज्ञापन या चींटीजी द्वारा आउटसोर्सिंग के बहाने अपनी बला दूसरे पर टालने की कातिलाना अदा। चीटी […]
Posted in बस यूं ही | Tagged चींटी, छछूंदर, तेल |
माह के सर्वाधिक टिप्पणी प्राप्त आलेख