इनसे मिलिये

किसी के जैसा होना मुझे  पसंद नहीं- शिखा वार्ष्णेय

किसी के जैसा होना मुझे पसंद नहीं- शिखा वार्ष्णेय

शिखा वार्ष्णेय के बारे में कुछ लिखते हुये सोच रहे हैं कि उनको जानी-पहचानी (लम्बी नाक वाली) ब्लॉगर लेखिका कहें या कि लोकप्रिय चिट्ठाकार या फ़िर फ़्री लांसर पत्रकार। इंटरप्रेटर या फ़िर अनुवादक। यह सोचना झमेले का काम है। आप अपना हिसाब आप तय करो हम तो उनके बारे में अपनी कही बात दोहरा देते […]

हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से बातचीत

हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से बातचीत

पिछले हफ़्ते हिन्दी के प्रथम चिट्ठाकार आलोक कुमार से आनलाइन मुलाकात हुई। अचानक मन किया कि उनसे ब्लॉगिंग के शुरुआती दौर के बारे में कुछ बातचीत की। वे आजकल लंदन में हैं। हमसे साढ़े पांच घंटे के समयान्तराल पर। इस चैटालाप में मेरे सवाल ब्लॉगिंग के आसपास टहल रहे थे लेकिन आलोक के जबाब अंतर्जाल […]

चलो न मिटते पद चिन्हों पर अपने रस्ते आप बनाओ- भगवती प्रसाद दीक्षित उर्फ़ घोड़ेवाला

चलो न मिटते पद चिन्हों पर अपने रस्ते आप बनाओ- भगवती प्रसाद दीक्षित उर्फ़ घोड़ेवाला

कानपुर मे एक प्रत्याशी हुआ करते थे (थे नही है भाई) भगवती प्रसाद दीक्षित। लोग इनको घोड़ेवाला दीक्षित कहा करते थे, ये घोड़े पर घूमा करते थे। चुनाव चाहे मोहल्ले का हो, या फिर राष्ट्रपति का, हर जगह नामांकन करते थे। जाहिर है, हर जगह हारते थे, लेकिन इनकी सभाओं मे भीड़ सबसे ज्यादा हुआ […]

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