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- नये साल में और गये साल में कुछ मुलाकातें 0 comments
- तुलसी संगति साधु की 1 comment
आज चंचल जी की वाल पर एक चर्चा देखी। उसमें शेष नाराय़ण सिंह जी के एक लेख का लिंक था – जवाहर लाल नेहरू के शिष्य थे डॉ राम मनोहर लोहिया । लेख मधु लिमये जी के लेखन के हवाले से लिखा गया था। फ़ेसबुक पर हुई बातचीत में यह बात भी आयी कि डॉ. […]
’पूछो परसाई से’ में पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों में परसाई जी की तार्किकता, सरलता, सहजता और आत्मीयता के दर्शन होते थे। जाने कितने उकसाने वाले प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने पूरी सहजता से दिये हैं। उदाहरणार्थ, एक प्रश्न है- ’आपके पास हर प्रश्न का जबाब है। क्या आप अक्ल के जहाज हैं?’ परसाई […]
सोशल मीडिया पर यदा-कदा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बुराई करने वाले उनकी नीतियों और निर्णयों के अलावा उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी बातों की चर्चा करके उनकी आलोचना करते हैं। ऐसा ही एक चर्चित विषय है नेहरू-एडविना प्रेम संबंध। नेहरू-एडविना के संबंधों को लेकर अनेक किताबें लिखी गयीं हैं। परसाई जी […]
हरिशंकर परसाई जी देशबन्धु समाचार पत्र में ’पूछो परसाई से’ स्तम्भ के अन्तर्गत पाठकों के सवालों के जबाब देते थे। ’पूछो परसाई से’ सम्भवत: सबसे लम्बे समय तक प्रकाशित होने वाला नियमित स्तम्भ है। इस स्तम्भ में देश के कोने-कोने से जिज्ञासु पाठक परसाई को पत्र लिखकर प्रश्न पूछते थे। परसाई अपनी विशिष्ट भाषा शैली […]
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