< Browse > Home

| Mobile | RSS

भेड़ियों के देश में

इसे पढ़ते पढ़ते सोचकर देखिये, आप एक दिन पास के ही सुंदर से जंगल में भ्रमण का विचार बनाते हैं और निकल पड़ते हैं अकेले ही। खुबसूरत वादियों, झरनों, पेड़ों से मंत्रमुग्ध होकर चलते आपके सामने अचानक कुछ भेड़िये आ जाते हैं। उन भेड़ियों से बचने के लिये आप बेतहाशा भागने लगते हैं और अंत [...]

अनोखा विज्ञापन: जब यू-ट्यूब विडियो से निन्जा बाहर कूद पड़े

बहुत सालों पहले, जब यू-ट्यूब नही था तब एक जावा स्क्रिप्ट बहुत पोपुलर थी जो वेब पेज में लिखे हुए को इधर उधर घुमा देती थी, फोटुओं वाले पेज की फोटो बिखरा देती थी। शायद उसी को याद करके पैट्रिक बोयविन ने नेक्सस वन (Nexus One) फोन के लिये ये विज्ञापन बनाया जिसमें एक एक [...]

[ More ] February 2nd, 2011 | 6 Comments | Posted in जरा हट के, विडियो |

घर की जोगन जोगनी आन गाँव की सिद्ध

इस पोस्ट को आगे बढ़ाने से पहले ये बेहतर होगा कि इस टाईटिल का मतलब समझ लिया जाय, जस्ट इन केस अगर किसी को समझ ना आये। दरअसल ये एक हिन्दी मुहावरा है ‘घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध” चूँकि मैं बात महिला की करने वाला हूँ इसलिये जोगन जोगनी कर दिया, इसका [...]

[ More ] November 20th, 2010 | 3 Comments | Posted in समाज और समस्‍या |

काला शुक्रवार

काला शब्द वैसे अगर दिन के आगे लगे तो वो अशुभ दिन समझा जाता है लेकिन अगर अमेरिका में ये नवंबर के चौथे बृहस्पतिवार के बाद वाले शुक्रवार के आगे लगे तो इससे अच्छा कोई दिन नही। नवंबर का चौथा बृहस्पतिवार यानि थैंक्सगिविंग, और इसका अगला दिन काला शुक्रवार (ब्लैक फ्राईडे) यानि शोपिंग का सबसे [...]

[ More ] November 15th, 2010 | 1 Comment | Posted in देश दुनिया |

जालिमों ने हमें भी नही बख्शा

जालिमों के जुल्म के आखिर हम भी शिकार हो ही गये, ट्रकों के पीछे सही लिखा रहता है – सावधानी हटी दुर्घटना घटी। पिछले १-२ सालों से पर्सनल और आफिस के कामों की व्यवस्तता ने दिमाग का दही करके रखा था जिस वजह से ब्लोगस से ध्यान बिल्कुल ही हटा हुआ था, नतीजा – अपनी [...]

[ More ] October 27th, 2010 | 15 Comments | Posted in Announcement |

मुक्केबाज हो तो मेरी जैसी

भारत में क्रिकेट के अलावा बाकि खेलों की दशा दिनप्रतिदिन दयनीय होती जा रही है, ऐसे में १-२ प्रतिभायें हैं जो आशा की किरण बन कर हल्की सी उम्मीद को जिंदा रखती है। इन्हीं में से एक हैं महिला मुक्केबाज एम सी मेरी कॉम (M C Mary Kom) जिन्होंने विश्व मुक्केबाजी में लगातार पाँचवी बार [...]

[ More ] September 20th, 2010 | 2 Comments | Posted in sports, खेल खिलाड़ी |

माइक्रो पोस्टः बदलते रिश्ते

कह नही सकता ये बदलते दौर का असर है या बदलते रिश्तों का, फेसबुक जैसी सोशियल नेटवर्किंग साईट में दोस्तों का आंकड़ा भले ही १०० के ऊपर हो लेकिन अपने अपने पड़ोस में एक घर छोड़ कौन रहता है ये शायद ही किसी को मालूम हो। अपने पड़ोसी का शाम के वक्त घर आना गवारा [...]

[ More ] September 14th, 2010 | 3 Comments | Posted in बस यूँ ही |

रस्सी जल गयी पर बल नही गया

पाकिस्तान के ऊपर ये कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है, हाल ही में आयी बाढ़ ने पाकिस्तान के एक हिस्से का जन-जीवन तहस नहस कर दिया है। तकदीर के मारे उन लोगों को पाकिस्तान सरकार उतनी तेजी से जरूरत के हिसाब से राहत मुहया नही करा पा रही है, इसके बाद भी उस देश के हुकुमरानों [...]

किसी और के पिया का संदेश गलती से आ जाये तो

आज मैं कटाई छँटाई कर रहा था अपनी ईमेल के इनबॉक्स में, एक मेल देखकर एक पुराना गीत याद आ गया। डाकिया डाक लाया, डाक लाया, डाकिया डाक लाया, साथ ही याद आया पुराना जमाना, ईमेल से पहले का जमाना। तब अगर डाकिया गलती से शर्माजी की चिट्ठी पड़ोस में वर्माजी को दे जाये तो [...]

[ More ] August 26th, 2010 | 9 Comments | Posted in चुटकुले |