By फ़ुरसतिया on September 26, 2013
पहले दिन के तीसरे सत्र की चर्चा का विषय था- सोशल मीडिया और राजनीति। इसके संचालक थे हर्षवर्धन त्रिपाठी। वक्ताओं में शामिल थे- संजीव सिन्हा, कार्तिकेय मिश्र, अनिल सिंह, अनूप शुक्ल, पंकज कुमार झा, शकुंतला शर्मा। हर्षवर्धन के चुस्त संचालन में बहुत राजनीति हुई सोशल मीडिया पर। पंकज कुमार झा ने राजनीति बुरी चीज नहीं […]
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By फ़ुरसतिया on September 24, 2013
उद्घाटन सत्र के बाद अगला सत्र चर्चा सत्र था। चर्चा का विषय था- ब्लॉग, फ़ेसबुक, टिव्टर की तिकड़ी: एक दूसरे के विकल्प या पूरक। चर्चा रेल की ड्राइवरी करनी थी अपन को। चर्चा में भाग लेने वाले महारथी थे- प्रवीण पाण्डेय, सिद्धार्थ त्रिपाठी, अविनाश वाचस्पति, डॉ. अरविन्द मिश्र, संतोष त्रिवेदी और डॉ. बलिराम धापसे। डॉ […]
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By फ़ुरसतिया on September 23, 2013
और ये तीसरा ब्लॉगिंग सेमिनार, कार्यशाला, गोष्टीं संपन्न हुयी। पहला 2009 में इलाहाबाद में – न भूतो न भविष्यतनुमा। दूसरा 2010 में वर्धा में जहां हमने आलोकधन्वा, जो ब्लॉगिंग को सबसे कम पाखण्ड वाली विधा मानते हैं, की कविता सुनी: “हर भले आदमी की एक रेल होती है जो माँ के घर की ओर जाती […]
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By फ़ुरसतिया on August 20, 2013
….और मजाक-मजाक में फ़ुरसतिया के नौ साल भी पूरे हुये। आज के ही दिन नौ साल पहले 20 अगस्त, 2004 को पहली पोस्ट लिखी थी। कुल जमा नौ शब्द में लिखा था: अब कब तक ई होगा ई कौन जानता है इन नौ शब्दों से शुरु हुई खुराफ़ात को हुये नौ साल निकल गये। अनगिनत […]
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By फ़ुरसतिया on February 12, 2013
अमरकंटक यात्रा के दौरान माई की बगिया में कई नर्मदा परकम्मावासियों से मुलाकात हुई। उनमें से एक दल सुबह स्नान के बाद नर्मदा भजन करने लगा। अपने मोबाइल कैमरे में उस भजन को हमने रिकार्ड कर लिया। वाद्ययंत्र तम्बूरा और डब्बा जिसमें रेजगारी से संगत दी जा रही थी। हमारे साथ के लोग भी संगत […]
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