भारतीय वन्य जीव स्लाइड शो
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ तथा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा २० से २१ अगस्त, २०१० को नई दिल्ली में 'दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन संबंधी कानून एवं आभशासन पर एक सम्मेलन का आयोजना किया जा रहा है । फोरम का उक्तेश्य, देश के प्रमुख नीति निर्धारको व निर्णायको द्वारा, जलवायु परिवर्तन के बड़े खतरे से निपटने के लिए हम कानूनी-तंत्र का प्रयोग कैसे करे, इस प्रश्न का समाधान करने के लिए, उन्हें एक साथ लाकर सूचित चर्चाओं हेतु एक मंच उपलब्ध कराना है ।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय-भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम इंटर्नशिप कार्यक्रम २०१०)
भोपाल २८ जुलाई, २०१०
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के प्रतिभावान छात्रों को ग्रीष्म इटंर्नशिप परियोजनाओं के रूप में 'वन क्षेत्र के वनेत्तर उपयोग की मानीटरिंग और मूल्यांकन' नामक परियोजना को स्वीकृत किया गया ।
परियोजना विनियमन में नव परिवर्तन हेतु कार्य योजना पर आयोजित कार्यशाला
नई दिल्ली, २१ जुलाई २०१०
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पर्यावरणीय विनियमों हेतु आभनव साधनो पर, आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन आयोजित किया । सम्मेलन को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री श्री जयराम रमेश ने कहा कि ''पर्यावरणीय विनियमों के लिए पारंपरिक तंत्र से हटकर चलना और एक ऐसी भूमिका की तलाश करना बहुत जरूरी है, जो वास्तविक डाटाबेस, लेखा परीक्षा और बाजार तत्रों में तीसरे पक्ष को शामिल कर सके ।
ग्रीन एक्शन फार नेशनल डांडी हेरिटेज इनीशिएटिव (जीएएनडीएचआई) मेमोरियल प्रोजेक्ट शुरू किया गया
दांडी, ७ जुलाई, २०१०
केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री, श्री जयराम रमेश और दांडी स्मारक (मेमोरियल ) समिति के अध्यक्ष श्री गोपाल कृष्ण गांधी द्वारा आज राष्ट्रीय दांडी विरासत पहल (गांधी) स्मारक परियोजना का उद्घाटन किया गया । दांडी मार्च के बाद अस्सीवें वर्ष में यह २५ करोड़ रुपये की लागत की यह परियोजना, दांडी और इसके समीपवर्ती गांवों में सदावहनीय विकास हेतु गांधी जी के स्वप्न को बढ़ावा देगी ।
सुनम्य नियमावली की संस्तुति के लिए मंत्रालय विशेषज्ञ दल गठित करता है ।
नई दिल्ली, ३० अप्रैल, २०१०
प्रारूप सुनम्य नियमावली, २००९ की जांच करने के लिए तथा प्राप्त टिप्पणियों और सारे समस्त राष्ट्रीय अनुभवों पर आधारित सस्तुतियां करने के लिए आज एक विशेषज्ञ दल गठित किया गया था । यह दल प्लास्टिक थैलियों के पर्यावरण हितैषी विकल्पों के संवर्द्धन के लिए आर्थिक सहायता की जांच भी करेगा ।
भारत में चीतों के पुनः लाये जाने की संभावना पर पुनः लाए जाने के तीन संभावित स्थलों का सुझाव देते हुए एक विस्तृत मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की है । चीता पर्णपाती शुष्क भूमि/घास भूमि पारिव्यवस्था की एक पत्लैगशिप प्रजाति है जो १९६० में भारत से लुप्त हो गई 'चीता' शब्द संस्कृत के शब्द चित्राकाया से लिया गया है । .
सांसदों से मिलने के लिए पश्चिमी घाट पारिस्थितिकीय विशेषज्ञ पैनल
२ अगस्त, नई दिल्ली २०१०
मंत्रालय द्वारा मार्च २०१० में गठित पश्चिमी घाट पारिस्थितिकीय विशेषज्ञ पैनल पश्चिमी घाट क्षेत्र की प्राथमिकताओं संबंधी विचारों पर चर्चा करने के लिए १७ अगस्त २०१० को पश्चिमी घाट क्षेत्र के सांसदों से मुलाकात करेगा । इस समय पैनल द्वारा पश्चिमी घाट पारिस्थितिकीय संबंधी सभी उपलब्ध सूचनाओं के समेकन और पश्चिमी घाट क्षेत्र की पारिस्थितिकीय संवदेनशील क्षेत्रों के स्तरों के मानचित्र तैयार करने में लगा है ।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा २४ मई २०१० कंो राष्ट्रीय हरित भारत मिशन हेतु एक प्रारूप मिशन दस्तावेज जारी किया गया जो कि जून २००८ में प्रधानमंत्री द्वारा जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत घोषित आठ मिशनों में से एक मिशन था । यह घोषणा की गई कि जून २०१० से जुलाई २०१० के दौरान देशभर में किए जा रहे जन परामर्शों के बाद मिशन दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जाएगा १४५० से आधक लोगों ने इन परामर्शो में भाग लिया । माननीय मंत्री जी ने सभी सात स्थलों का व्यक्तिगत रूप से दौरा किया और सभी विचार विमर्शो की अध्यक्षता की । जन सभा सत्रों से सभी विचारों का मिलान, विश्लेषण और प्रारूप मिशन दस्तावेजों के विभिन्न खंडो को सुझाए गए संशोधनों के रूप में संपादकीय समावेशन किया गया ।
मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के अंतर्गत आठ मिशनों में से एक ' राष्ट्रीय हरित भारत मिशन ' के लिए प्रारुप मिशन दस्तावेज जारी किया । दिनांक ११ जून से देश भर में किए जाने वाले व्यापक सार्वजनिक विचार-विमर्शों के बाद मिशन को अंतिम रुप दिया जाएगा । मंत्रालय मिशन दस्तावेज पर प्रतिपुष्टि और टिप्पणियां आमंत्रित करता है ।