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पिता ने की आरुषि की हत्या: पुलिस
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भारत की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले दिनों हुए आरुषि हत्याकांड के बारे में पुलिस का दावा है कि आरुषि
की हत्या उसी के पिता ने की है.
पंद्रह वर्षीय आरुषि तलवार की 16 मई की सुबह को अपने ही घर में लाश पड़ी मिली थी. पुलिस ने प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक कहा था उनकी गर्दन पर किसी तेज़ हथियार या किसी अन्य चीज़ से वार हुआ था. ऐसी ही परिस्थितियों में तलवार परिवार के नौकर का शव भी एक दिन बाद पड़ोसी की घर की छत पर पड़ा मिला था. दिल्ली के मीडिया में इस मामले की ख़ासी चर्चा थी और कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. इस बारे में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन किया जिसमें आरुषि के पिता डॉक्टर राजेश तलवार की गिरफ़्तारी की घोषणा की गई. तलवार ही मुख्य अभियुक्त उत्तर प्रदेश पुलिस में मेरठ रेंज के आईजी गुरदर्शन सिंह के अनुसार जाँच के आधार पर पाया गया है कि चिकित्सक राजेश तलवार इस मामले में मुख्य अभियुक्त हैं और अब तक के साक्ष्यों के आधार पर डॉक्टर राजेश तलवार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
हालांकि पुलिस ने अपने बयान में सबूतों और गिरफ़्तारी के आधार की पुष्ट जानकारी नहीं दी और इतना ही कहा है कि जो अभी तक की विवेचना है उसी के आधार पर मृतक लड़की के पिता को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने अभी किसी और संदिग्ध या अभियुक्त को गिरफ़्तार नहीं किया है और अभी इस मामले की जाँच चल रही है. नौकर के ख़िलाफ़ पर्चा
छात्रा आरुषि के माता-पिता चिकित्सक हैं और आरुषि दिल्ली पब्लिक स्कूल, नोएडा की छात्रा थीं. आरुषि की हत्या के बाद उसके पिता ने जो प्राथमिकी दर्ज कराई थी उसमें अपने नौकर हेमराज को नामजद किया था. पुलिस ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर राजेश ने घर पर पुलिस को न टिकने देने के लिए भावुकता का सहारा लिया और पुलिस से कहा कि उनके घर को छोड़कर हत्यारे की तलाश पर ज़ोर दिया जाए. पर एक दिन बाद यानी 17 मई को दिन में पुलिस ने नौकर हेमराज का शव भी डॉक्टर राजेश तलवार के पड़ोसी की छत से बरामद कर लिया. दोनों ही शवों के पोस्टमार्टम के बाद यह तथ्य सामने आया कि दोनों की ही हत्या में एक तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया है. अनसुलझे सवाल आईजी गुरदर्शन सिंह का कहना है कि अभी तक कि विवेचना के मुताबिक यह पता चला है कि डॉक्टर राजेश तलवार ने अपने कुछ संबंध - जिनकी जानकारी उनकी बेटी आरुषि को थी - उन्हें छिपाने के लिए ऐसी घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरुषि के अलावा डॉक्टर तलवार के नौकर को भी उनके इन संबंधों की जानकारी थी. हालांकि पुलिस इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कर सकी कि इस दोहरे हत्याकांड को राजेश तलवार ने अकेले अंजाम दिया या फिर उसके साथ कोई और भी था. एक अन्य सवाल ये है - हत्या के बाद डॉक्टर ने नौकर का नाम क्यों लिया और यदि उसकी हत्या की तो उसका शव क्यों नहीं ग़ायब किया? उसे छत पर ही क्यों छोड़ दिया जहाँ शव से उठनेवाली दुर्गंध उनके लिए समस्या बन सकती थी? पुलिस अभी तक यह दोहरा रही है कि हत्या में हथौड़ी और सर्जिकल चाकू का इस्तेमाल हुआ है पर पुलिस अभी तक कोई भी हथियार बरामद नहीं कर सकी है. पुलिस के पास इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं है. कई सवाल अभी भी अनसुलझे ही हैं और पुलिस उनपर कोई साफ़ तर्क नहीं रख सकी है. |
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