CSAT Row : Marks of English paper will not be included for merit

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सीसैट विवाद : सरकार ने कहा, मेरिट में नहीं जोड़े जाएं अंग्रेजी के अंक

CSAT Row : Marks of English paper will not be included for merit

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CSAT Row : Marks of English paper will not be included for merit
8/5/2014 10:07:22 AM
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से चल रहे संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेस (प्राथमिक) परीक्षा (सीसैट) पर विवाद को लगाम लगाते हुए सरकार ने सीसैट को खत्म न करने का फैसला लिया है, लेकिन सीसैट के दूसरे पार्ट यानी कि अंग्रेजी कॉम्प्रीहैंसिव पार्ट के अंक मैरिट में नहीं जुड़ेंगे। लोकसभा में कार्मिक मंत्री डॉ. जीतेंद्र सिंह ने बयान दिया कि विद्यार्थियों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि मैरिट में अंग्रेजी के पेपर के 20 अंक नहीं जोड़े जाएंगे।
इसके साथ ही जीतेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 में परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को 2015 में एक और मौका दिया जाएगा, यानी कि वर्ष 2011 में आईएएस की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को दूसरा मौका मिलेगा। गौरतलब है कि सीसैट की परीक्षा का प्रारूप वर्ष 2011 में ही बदला गया था।
यह है विवाद
गोरतलब है कि छात्र पिछले कुछ दिनों से सीसैट को हटाने की मांग को लेकर जगह जगह आंदोलन कर रहे थे। एस के खन्ना कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सेवा का प्रारूप बदला गया था जिसके तहत प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट जोड़ दिया गया था। 200 अंक की इस नई परीक्षा में अंग्रेजी और एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाता है जिसमें ढाई-ढाई अंक के कुल 80 प्रश्न होते हैं। इनमें से 8 सवाल अंग्रेजी कॉम्प्रीहैंशन के होते हैं, जबकि रीजनिंग, अंकगणित और फैसले लेने की क्षमता पर आधारित 32 सवाल होते हैं।

आंदोलन कर रहे छात्रों की मानें तो पेपर के 40 सवाल अंगे्रजी में होते हैं जिनका हिंदी अनुवाद समझने लायक नहीं होता। ऎसे में अंग्रेजी माध्यम वाले तो इसमें बाजी मार जाते हैं लेकिन हिंदी माध्यम वालों को नुकसान होता है। साथ ही छात्रों का यह भी दावा है कि इस पेपर को इस तरीके से सेट किया जाता है कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्र इसे आसानी से सॉल्व कर लेते हैं और आर्ट्स वाले पिछड़ जाते हैं, लिहाजा इस परीक्षा को ही बंद किया जाए।
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