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राजनीतिक नेताओं के व्यक्तित्व-कृतीत्व सहित उनकी उपलब्धियों को दर्शाता ब्लॉग

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क्यों अमिताभ बच्चन को लेना पड़ा प्रधानमंत्री के सिफ़ारिशी ख़त का सहारा

पोस्टेड ओन: 14 Oct, 2014 जनरल डब्बा में

भारत में सिफारिश के आधार पर रोजगार कोई नई बात नहीं है. कभी-कभी ये समाज में गलत संदेश देते हैं तो कभी इससे किसी का व्यक्तित्व और निखर कर सामने आता है. बॉलीवुड और राजनीति के क्षेत्र में ऐसी नामचीन हस्तियाँ हुई हैं जिनके कॅरियर में सिफारिशी पत्र का बड़ा योगदान रहा है. जानिए कौन हैं वो हस्तियाँ?


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अमिताभ बच्चन


उत्तर प्रदेश में पढ़ाई पूरी करने के बाद अमिताभ बच्चन फिल्मों में किस्मत आजमाने मुंबई गए. पर वहाँ उन्हें फिल्मों में काम नहीं मिल रहा था. उनकी माँ तेजी बच्चन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की बहुत अच्छी दोस्त थी.


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तेजी बच्चन के कहने पर इंदिरा गाँधी ने एक संस्तुति पत्र लिखा जिसके आधार पर अमिताभ बच्चन को फिल्म रेशम और शेरा में काम करने का मौका मिल पाया. हालांकि, ऐसा भी कहा जाता है कि संस्तुति पत्र के आधार पर उन्हें सात हिन्दुस्तानी में काम करने का मौका मिला था.


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डॉ के आर नारायणन


भारत के राष्ट्रपति डा०के०आर० नारायणन ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से पढ़ाई की. वहाँ प्रोफेसर रहे हैराल्ड लॉस्की ने भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम एक खत लिखा और ड़ा० के० आर० नारायणन को उन तक पहुँचाने को कहा.



भारत आकर डॉ० नारायणन ने प्रधानमंत्री नेहरू से मिलने का समय लिया. उन्हें एक टाइम-स्लॉट दिया गया. नेहरू से मिलने का समय खत्म होते पर उन्होंने लॉस्की का लिखा पत्र पं० नेहरू को दिया और जाने लगे.


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अभी वो कुछ ही दूर गए थे कि उन्हें नेपथ्य में नेहरू की आवाज सुनाई दी. वो पीछे मुड़े तो देखा कि नेहरू उन्हें बुला रहे था. पास आते ही नेहरू ने उनसे पूछा कि ये पत्र उन्होंने पहले क्यों नहीं दिया. इस पर नारायणन ने कहा कि मुझे लगा कि आपसे मिलकर जाते वक्त यह पत्र आपको देना चाहिए.



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इसके बाद कुछ ही दिनों में नेहरू के आग्रह करने पर डॉ० के० आर० नारायणन ने भारतीय विदेश सेवा में अपना योगदान दिया. इस तरह से भारतीय विदेश सेवा में सम्मिलित होकर उन्होंने भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर विदेशों में अपनी सेवा दी.



इसी दौरान वो राजनीति के क्षेत्र में आए और अंत में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद अर्थात राष्ट्रपति के पद तक पहुँचे.



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sabir khan के द्वारा
October 20, 2014

knowledge news

irfan hasan के द्वारा
October 16, 2014

यह जिंदगी जीवन मैं झटके पे झटके देते है i

kanhaiya singh के द्वारा
October 15, 2014

jindgi me aage badne ke liye shara ka jarurat padta hai but wo sahi insan ho “samay se pahle aur kismat se aadik kisi ko kuch nhi milta hai”




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