मऊ : बिहार के मुख्यमंत्री व गरीबों एवं मजलूमों के नायक रहे कर्पूरी ठाकुर के रहते ही अति पिछड़ों को हक मिल सका है। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होने जिस सादगी के साथ गरीबों का उत्थान किया, वैसी मिसाल कहीं और देखने को नहीं मिली। यह बातें हिंदी भवन के सभागार में शनिवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित गोष्ठी में जनवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होने अति पिछड़ों को हक दिलाने के लिए मुंगेरी लाल आयोग का गठन किया।
दूसरी बार वे मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। सभा को कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा.अंगद प्रसाद ने भी संबोधित किया। कहा कि कर्पूरी ठाकुर की कर्कश आवाज हमेशा जुल्म एवं ज्यादती पर उठती थी। उनका मानना था कि जो भी काम करो, उसमें किसी प्रकार का दिखावा नहीं होना चाहिए। एक गरीब परिवार से निकलकर राजनीति के ऊंचे शिखर पर पहुंचे श्री ठाकुर जब तक जिंदा रहे, बिहार में रहने वाले अकलियत समाज के रहे हो अथवा दलित समाज के सभी लोग उनके मुरीद रहे। उन्होंने राजनीति की जो धारा बहाई उसकी मिसाल शायद और कही नहीं मिलती।
दीनानाथ शर्मा, कल्पनाथ ठाकुर, सोचन, प्रमोद, उमाशंकर, न्याज अहमद, हिम्मत अली, अनिरूद्ध शर्मा, रामचंदर, राजमणि, पन्ना आदि मौजूद रहे।
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