पेंशन की योजना द्वारा वृद्धावस्था के दौरान उस समय वित्तीय सुरक्षा और स्थायित्व दिया जाता है, जब लोगों के पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं होता है। सेवा निवृत्ति योजना द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि लोगों के पास प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जीने और अपनी उम्र के बढ़ते वर्षों में अपना जीवन स्तर किसी समझौते के बिना अच्छा बनाए रखने की सुविधा हो। पेंशन योजना से लोगों को निवेश करने और अपनी बचत संचित करने का अवसर मिलता है जो सेवा निवृत्ति के समय वार्षिक योजना के रूप में एक नियमित आय के तौर पर उन्हें एक मुश्त राशि दे सके।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा वर्तमान 65 वर्ष से बढ़कर 2050 तक 75 वर्ष पहुंच जाने की आशा है। देश में बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता परिस्थितियों से जीवन अवधि बढ़ गई है। इसके परिणाम स्वरूप सेवा निवृत्ति के पश्चात के वर्षों की संख्या भी बढ़ गई है। इस प्रकार जीवन की बढ़ती लागत, स्फीति और जीवन प्रत्याशा ने सेवा निवृत्ति की योजना को आज के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। अधिक से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली आरंभ की है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं स्थापित किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।
आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्यक्तियों (सशस्त्र सेना बलों के अलावा) के लिए आरंभ की गई थी। एनपीएस 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान की गई है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सेवा निवृत्ति के लिए असंगठित क्षेत्र को स्वैच्छिक बचत का बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बचट 2010-11 में एक सह अंश दान पेंशन योजना स्वावलंबन योजना - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं आरंभ की। स्वावलंबन योजना - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के तहत सरकार प्रत्येक एनपीएस अंश दाता को 1000 रुपए की राशि प्रदान करेगी जो न्यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 12000 रुपए का अंश दान प्रति वर्ष करता है। यह योजना वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2016-17 तक लागू है।
अभिदाता को सेवा निवृत्ति के लिए बचत में सहायता देने हेतु एनपीएस की ओर से निम्नलिखित महत्वपूर्ण विशेषताएं प्रस्तावित की जाती हैं :
- अभिदाता को एक विशिष्ट स्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) प्रदान की जाएगी। यह विशिष्ट खाता संख्या अभिदाता के शेष जीवन तक स्थायी बनी रहेगी। इस विशिष्ट पीआरएएन को भारत में किसी भी स्थान पर उपयोग किया जा सकेगा।
पीआरएएन द्वारा दो व्यक्तिगत खातों तक पहुंच बनाई जाएगी :
- टायर 1 खाता: यह सेवा निवृत्ति की बचत के लिए बनाया गया खाता है जिससे आहरण नहीं किया जा सकता है।
- टायर 2 खाता: यह एक स्वैच्छिक बचत सुविधा है। अभिदाता अपनी इच्छानुसार इस खाते से अपनी बचत आहरित करने के लिए स्वतंत्र है। इस खाते पर कोई कर लाभ उपलब्ध नहीं हैं।
विनियामक और एनपीएस की इकाइयां
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) : पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं एक स्वायत्त निकाय है जिसकी स्थापना भारत में पेंशन बाजार के विकास और विनियमन हेतु की गई है।
उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) : उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) एनपीएस संरचना के साथ अंत:क्रिया के प्रथम बिंदु हैं। एक पीओपी की अधिकृत शाखाएं उपस्थिति के बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी - एसपी) संग्रह बिंदु के रूप में कार्य करेंगे और एनपीएस अभिदाता को अनेक ग्राहक सेवाएं प्रदान करेंगे। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, निजी वित्तीय संस्थानों और डाक विभाग - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं सहित नागरिकों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खोलने के लिए उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) के रूप में 58 संस्थानों को अधिकृत किया है।
केंद्रीय अभिलेखन एजेंसी (सीआरए) : एनपीएस के सभी अभिदाताओं के अभिलेखों के रखरखाव और ग्राहक सेवा कार्य नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा संभाले जाते हैं, जो एनपीएस के लिए केंद्रीय अभिलेख रखरखाव केंद्र के रूप में कार्य करता है।
वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) : वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं एनपीएस से निकलने के बाद अभिदाता को नियमित रूप से मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में कौन भाग ले सकता है?
केंद्र सरकार के कर्मचारी
एनपीसी केंद्रीय सरकार सेवा (सशस्त्र सेनाओं के अलावा) के तथा 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आने वाले केंद्रीय स्वायत्त निकायों के सभी नए कर्मचारियों पर लागू है। अन्य कोई सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत अनिवार्य रूप से शामिल नहीं है, वह भी उपस्थिति बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी - एसपी) के माध्यम से "सभी नागरिक मॉडल" के तहत भी अभिदान कर सकता है।
-
अभिदान की प्रक्रिया
-
केंद्र सरकार के कर्मचारी निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से एनपीएस (टायर - 1) के लिए अभिदान कर सकते हैं :
-
एनपीएस में अभिदान
-
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अपने नोडल कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अभिदान करना अनिवार्य है। प्रत्येक माह उसके वेतन का 10 प्रतिशत (मूल वेतन+ महंगाई भत्ता) और इसके समकक्ष राशि सरकार द्वारा एनपीएस में निवेश की जाएगी।
राज्य सरकार के कर्मचारी
एनपीएस राज्य सरकारों के सभी कर्मचारियों पर लागू होता है, जो संबंधित राज्य सरकारों की अधिसूचना की तारीख के बाद द्वारा राज्य स्वायत्त निकायों सेवाओं में शामिल होते हैं। अन्य कोई सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत अनिवार्य रूप से शामिल नहीं है, वह भी उपस्थिति बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी - एसपी) के माध्यम से "सभी नागरिक मॉडल" के तहत भी अभिदान कर सकता है।
-
अभिदान की प्रक्रिया
-
राज्य सरकार के कर्मचारी निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से एनपीएस (टायर - 1) के लिए अभिदान कर सकते हैं :
-
एनपीएस में अभिदान
-
राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अपने नोडल कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अभिदान करना अनिवार्य है। प्रत्येक माह उसके वेतन का 10 प्रतिशत (मूल वेतन+ महंगाई भत्ता) और इसके समकक्ष राशि सरकार द्वारा एनपीएस में निवेश की जाएगी।
कॉर्पोरेट
कॉर्पोरेट जगत में निवेश का विकल्प चुनने की नम्यता है और वे अपने सभी अभिदाताओं के लिए अभिदाता स्तर पर या नैगम स्तर पर केंद्रीय रूप से इसे अपना सकते हैं। कॉर्पोरेट या अभिदाता 'सभी नागरिक मॉडल' के तहत उपलब्ध पेंशन निधि प्रबंधक (पीएफएम) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं में से किसी एक को चुन सकते हैं और साथ ही विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में आबंटित निधियों का प्रतिशत चुन सकते हैं।
-
कॉर्पोरेट के लिए लाभ
-
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)-कॉर्पोरेट मॉडल में कर्मचारी की पेंशन के लिए सह अभिदान हेतु कॉर्पोरेट को एक मंच प्रदान किया जाता है। कॉर्पोरेट पेंशन कार्यों के लिए स्वयं प्रशासन पर होने वाले व्यय में भी बचत कर सकते हैं, जैसे पृथक न्यास की स्थापना, अभिलेख रखना, निधि प्रबंधन, वार्षिक प्रदान करना आदि। एनपीएस के तहत कॉरपोरेट अपने कर्मचारियों के लिए पीएफएम के विकल्प का उपयोग कर सकते हैं, (तीन परिसंपत्ति वर्गों के बीच कोष का आबंटन) या कर्मचारियों के पास इसका विकल्प छोड़ सकते हैं।
एनपीएस पारदर्शी निवेश मानदंडों के साथ एक विवेकपूर्वक रूप से विनियमित योजना है, एनपीएस न्यास द्वारा पीएफआरडीए के समग्र पर्यवेक्षण में नियमित रूप से निधि प्रबंधकों के प्रदर्शन की निगरानी और समीक्षा की जाती है। कॉर्पोरेट और सरकार के बॉन्ड इक्विटी में निवेश मिश्रण के विकल्प के संदर्भ में भरपूर नम्यता (50 प्रतिशत तक) प्राप्त होती है।
जो वित्तीय रूप से अवगत नहीं है या झुकाव नहीं रखते वे एनपीएस में जीवन चक्र निधि का विकल्प अपनाकर निष्क्रिय रूप से निधि का प्रबंधन कर सकते हैं, जिसमें प्रतिवर्ष 50 प्रतिशत की इक्विटी की राशि दो प्रतिशत घटकर निवेशक के 35 वर्ष के हो जाने तक 10 प्रतिशत रह जाती है। इसमें उच्च जोखिम उच्च लाभ पोर्टफोलियो मिश्रण के लिए विकल्प की कार्यनीति जीवन में जल्दी अपनाने का ध्यान रखा जाता है, जब किसी संभावित दुर्घटना को संभालने के लिए पर्याप्त समय होता है। व्यक्ति धीरे धीरे सेवानिवृत्ति तक पहुंचने के समय तक नियत लाभ अल्प जोखिम पोर्टफोलियो अपना सकता है। साथ ही इसमें पीएफएम का विकल्प है और निवेश के पैटर्न वर्ष में एक बार बदले जा सकते हैं।
नियोक्ता वेतन की 10 प्रतिशत राशि तक (मूलभूत और महंगाई भत्ता) कर्मचारी की पेंशन में योगदान के लिए दी जाने वाली राशि पर कर लाभ का दावा कर सकता है, जो आईटी अधिनियम की धारा 36 (1) के तहत लाभ और हानि खाते से व्यापार व्यय के रूप में लिया जाता है।
-
अभिदाताओं के लिए लाभ
-
नपीएस से 18 वर्ष की उम्र से लेकर 40 वर्ष की उम्र तक कॉपर्स संचित किया जा सकता है, चाहे वे किसी भी स्थान पर रहते हों और नियोक्ता प्रतिस्पर्द्धी उपभोक्ता व्ययों के लिए आहरण के रूप में न्यूनतम व्यय के साथ एक पीआरएएन खाते में कर रियायतों के संयुक्त प्रभाव और अल्प शुल्क का लाभ दे सकते हैं, और व्यावसायिक रूप से प्रबंधित निधि के साथ व्यक्ति के जोखिम को पूरा कर सकते हैं, संचित अवस्था से सेवानिवृत्ति संपत्ति के अबाधित अंतरण से 60 वर्ष की आयु पहुंचने तक एक व्यक्ति के विकल्प के अनुसार सात आईआरडीए - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं विनियमित वार्षिक सेवा प्रदाताओं (एएसपी) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं में से किसी एक को चुन सकते हैं।
अतिरिक्त कर लाभ कर्मचारी को आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार एनपीएस में शामिल होने के बाद मिल सकता है जो इस योजना की सबसे अहम विशेषता है। एनपीएस टायर 1 में अभिदाता का योगदान वेतन के 10 प्रतिशत (मूल + मंहगाई भत्ता) धारा 80 सीसीडी (i) के तहत कर से छूट है, जिसमें धारा 80 सीसीई के तहत एक लाख रुपए की सीमा निर्धारित की गई है। इसके अलावा वेतन के 10 प्रतिशत तक कर्मचारी अभिदान पर भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी (2) के तहत कर्मचारी को कर से रियायत दी जाती है। यह रियायत 1 लाख रुपए की सीमा से ऊपर है, अत: एनपीएस इस कर उपचार के लिए एक विशिष्ट विकल्प बन जाता है।
अत: एनपीएस में योगदान द्वारा नियोक्ता कोई अतिरिक्त कंपनी व्यय (सीटीसी) किए बिना वेतन संरचना में पुनर्गठन द्वारा कर्मचारी को अतिरिक्त कर लाभ दे सकता है।
-
अभिदान की प्रक्रिया
-
कॉर्पोरेट समझौता ज्ञापन के माध्यम से किसी भी अनुमोदित पीओपी के साथ गठबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों को एनपीएस प्रदान कर सकता है। एक पात्र नैगम इकाई पीओपी के साथ प्रभार में मोल तोल के लिए स्वतंत्र है, जहां पीओपी - एसपी सभी नागरिक मॉडल के अनुसार संपूर्ण डेटा अपलोड करने का कार्य करेगा।
कॉर्पोरेट निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से एनपीएस के लिए पंजीकृत कर सकते हैं:
-
एनपीएस में अंशदान
-
एक कॉर्पोरेट को अभिदाता स्तर या नैगम स्तर पर केन्द्रीय रूप से अपने सभी अभिदाताओं के लिए निवेश योजना प्राथमिकता (पीएफएम और निवेश विकल्प) चुनने की नम्यता होगी।
व्यक्ति
भारत के सभी नागरिक चाहे वे निवासी हों या अनिवासी 18 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक उपस्थिति बिन्दु (पीओपी) / उपस्थिति बिन्दु - सेवाप्रदाता (पीओपी- एसपी) एनपीएस में आवेदन जमा करने की तिथि से एनपीएस में शामिल हो सकते हैं।
-
अभिदान की प्रक्रिया
-
कोई व्यक्ति निम्नलिखित प्रक्रिया द्वारा एनपीएस में अभिदाता के रूप में पंजीकरण करा सकता है:
-
अभिदान
-
टायर 1 और टायर 2 खातों में अंशदान के लिए अभिदाता को पंजीकरण हेतु आवेदन के समय अपना पहला अंशदान (टायर 1 के लिए न्यूनतम 500 रुपए और टायर 2 के लिए 1000 रुपए का अंशदान) किसी पीओपी -एसपी के साथ एनसीआईएस (एनपीएस अंशदान अनुदेश पर्ची) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है प्रपत्र में करना होगा।
एनपीएस अभिदाता को निम्नलिखित शर्तों के तहत अंशदान करना होगा।
- खाता खोलने के समय न्यूनतम राशि - 500 रुपए
- अंशदान के प्रति न्यूनतम राशि - 500 रुपए
- प्रति वर्ष न्यूनतम अंशदान - 6000 रुपए
- एक वर्ष में अंशदान की न्यूनतम संख्या - एक
एक अभिदाता पूरे वर्ष अपनी सुविधा के अनुसार अंशदान आवृत्ति तय कर सकता है। इसके लिए कोई अधिकतम सीमा अधिदेशित नहीं है।
टायर 2 के लिए न्यूनतम अंशदान आवश्यकताएं हैं:
- खाता खोलने के समय न्यूनतम अंशदान - 1000 रुपए
- अंशदान के प्रति न्यूनतम राशि - 250 रुपए
- एक वर्ष में अंशदान की न्यूनतम संख्या - एक
- प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में 2000 रुपए की न्यूनतम राशि बनाए रखना।
स्वावलंबन योजना - असंगठित क्षेत्र के कामगार
भारत के नागरिक अपने आवेदन जमा करने की तिथि के समय 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच होने चाहिए, जो असंगठित क्षेत्र के है या जिनके पास केंद्र अथवा राज्य सरकार में नियमित रोजगार नहीं है या वे केंद्र या राज्य सरकार के एक स्वायत्त निकाय / सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में कार्यरत है तो वे एनपीएस - स्वावलंबन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं खाता खोल सकते हैं। एनपीएस - स्वावलंबन खाते के अभिदाता सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत नहीं आने चाहिए जैसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948, सीमेंस भविष्य निधि 1966 और असम चाय बागान भविष्य निधि तथा पेंशन निधि योजना अधिनियम, 1955 और जम्मू और कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1961 ।
-
अंशदान
-
एनपीएस लाइट खाते के अभिदाताओं को पंजीकरण के समय अंशदान करना होता है और आगे चलकर एग्रीगेटर के माध्यम से वे इसे जमा कर सकते हैं। किए गए अंशदान निम्नलिखित शर्तों के अधीन होते हैं:
- पंजीकरण के समय न्यूनतम अंशदान की राशि - 100 रुपए
- जबकि प्रति वर्ष कोई न्यूतनम अंशदान आवश्यकता नहीं है, फिर भी स्वावलंबन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं लाभ उठाने के लिए प्रतिवर्ष 1000 रुपए के न्यूनतम अंशदान की सिफारिश की जाती है। जबकि इससे याद रखा जाए कि अधिक अंशदान की राशि से पेंशन की राशि भी अधिक होगी और चूंकि स्वावलंबन के लाभ 12000 रुपए के अंशदान तक उपलब्ध है, अत: आपके एनपीएस - स्वावलंबन खाते में अधिक राशि की बचत की आवश्यकता होती है।
-
आहरण
-
सामान्य तौर एनपीएस - स्वावलंबन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं खाते से बाहर आने की आयु 60 वर्ष है। जबकि, कुछ विशेष शर्तों के अधीन जल्दी आहरण के अनुमति दी जाती है। एनपीएस लाइट खाते से साठ वर्ष की आयु पर आहरण के लिए अभिदाता को वार्षिकी की खरीद हेतु संचित बचतों (पेंशन संपत्ति) की न्यूनतम 40 प्रतिशत राशि का निवेश करने की आवश्यकता होती है। इससे वापस जाते समय, 1000 रुपए की मासिक पेंशन देने का प्रयास किया जाता है। यदि 40 प्रतिशत राशि 1000 रुपए की पेंशन देने के लिए पर्याप्त नहीं है तो अधिक प्रतिशत या संपूर्ण पेंशन संपत्ति का वार्षिकीकरण किया जाएगा। तब साठ वर्ष की आयु से पहले आहरण के समय अभिदाता को संचित बचत की न्यूतनतम 80 प्रतिशत राशि वार्षिकी की खरीद में निवेश करनी होगी। वह शेष 20 प्रतिशत राशि का आहरण कर सकता है।
अभिदाता की मृत्यु के मामले में संपूर्ण राशि नामित / कानूनी वारिस को अंतरित की जाएगी। नामित / कानूनी वारिस अनिवार्य दस्तावेजों जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, नामित व्यक्ति की पहचान का प्रमाण आदि लेकर एग्रीगेटर से संपर्क करेंगे।
एनपीएस के लाभ
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कुछ लाभ हैं:
- यह पारदर्शी है - एनपीएस पारदर्शी और लागत प्रभावी प्रणाली है जिसमें पेंशन के अंशदन का निवेश पेंशन निधि योजनाओं में किया जाता है और कर्मचारी दैनिक आधार पर निवेश का मूल्य जान सकते हैं।
- यह सरल है - सभी अभिदाताओं को अपने नोडल कार्यालय में खाता खोलना होता है और एक स्थाय सेवा निवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) लेना होता है।
- यह अंतरण योग्य है - प्रत्येक कर्मचारी को एक विशिष्ट संख्या से पहचाना जाता है और उसकी एक पृथक पीआरएएन होती है जो अंतरण योग्य है, अर्थात् यह कर्मचारी के किसी अन्य कार्यालय में स्थानांतरित होने पर भी समान बनी रहती है।
- यह विनियमित है - एनपीएस का विनियमन पारदर्शी निवेश मानकों के साथ पीएफआरडीए - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा तथा एनपीएस न्यास - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा निधि प्रबंधक की नियमित निगरानी और निष्पादन समीक्षा के साथ किया जाता है।
कर लाभ
वर्तमान में टायर 1 खाते में किए गए अंशदान के लिए कर उपचार में छूट है - छूट प्राप्त कर (ईईटी) अथात् संपूर्ण अभिदान राशि पर 1.00 लाख रुपए की सीमा तक सकल कुल आय से कटौती की पात्रता है (अन्य निर्दिष्ट निवेशों के साथ) धारा 80सी के अनुसार (आय कर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार, जिन्हें समय समय पर संशोधित किया जाता है)।
वार्षिकी खरीदने के लिए अभिदाता द्वारा प्रयुक्त राशि और अभिदान पर मूल्य वृद्धि का योग्य नहीं है। एक अभिदाता द्वारा केवल साठ वर्ष की आयु के बाद आहरित राशि ही कर योग्य है।
प्रभार
टायर 1 खाते के जुड़े सभी प्रभारों सहित वार्षिक पीआरए रखरखाव प्रभार का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाता है। टायर 2 के खाते के मामले में सक्रियण प्रभार और लेनदेन प्रभार का भुगतान अभिदाता द्वारा किया जाता है।
पीओपी प्रभार और सीआरए प्रभार निम्नलिखित तालिका में दिए गए हैं:
माध्यमिक |
प्रभार शीर्ष |
सेवा प्रभार* |
कटौती की विधि |
सीआरए |
पीआरए आरंभिक प्रभार |
50 रु. |
प्रत्येक तिमाही के अंत में इकाइयों के संग्रह के माध्यम से |
वार्षिक पीआरए अनुरक्षण लागत प्रति खाता |
190 रु. |
प्रति लेन देन प्रभार |
4 रु. |
पीओपी (प्रत्येक अभिदाता के लिए अधिकतम अनुमत प्रभार) |
आरंभिक अभिदाता पंजीकरण |
100 रु. |
अपफ्रंट संग्रह के लिए |
आरंभिक अभिदान अपलोड |
अभिदाता के आरंभिक अभिदान की 0.25 राशि न्यूनतम 20 रु. से अधिकतम 25,000 रु. के बीच |
अभिदान अपलोड सहित आगे कोई लेन देन |
एनपीएस अभिदाता के आरंभिक अभिदान की 0.25 राशि न्यूनतम 20 रु. से अधिकतम 25,000 रु. के बीच |
अभिदाता से अभिदान शामिल नहीं करते हुए अन्य कोई लेन देन |
20 रु. |
*सेवा कर और अन्य लागू वसूलियां मौजूदा कर कानून के अनुसार की जाएंगी।
संबंधित लिंक्स