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रामदेव के ट्रस्टों से आयकर विभाग ने मांगे 58 करोड़

 
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नई दिल्ली: योग गुरू रामदेव को आयकर चुकाने से मिली छूट खत्म हो गई है। उनके ट्रस्टों को 58 करोड़ रुपए चुकाने का नोटिस थमाया गया है। आयुर्वेदिक दवाएं बेचने से हुई कमाई पर आयकर चुकाने के लिए रामदेव के ट्रस्टों को यह नोटिस जारी किया गया है।

हालांकि, इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने की कई कोशिशों के बावजूद रामदेव के प्रवक्ता एस के तिजारावाला से संपर्क नहीं हो सका।

सूत्रों ने बताया कि आकलन वर्ष 2009-2010 के दौरान हुई 120 करोड़ रुपए की कमाई पर कर चुकाने के लिए हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट को नोटिस जारी किया गया है। आयकर विभाग ने इन्हें ‘वाणिज्यिक गतिविधियां’ मानकर नोटिस दिए हैं।

विदेशों में जमा भारतीय नागरिकों के काले धन को देश में वापस लाने की मुहिम चला रहे रामदेव एक ऐसे संगठन के प्रमुख हैं जो भारत और दूसरे देशों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण और बिक्री का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट संचालित करता है। परमार्थ कार्य करने वाले संगठनों से जुड़े प्रावधानों के तहत पिछले कुछ सालों से उनके ट्रस्टों को आयकर चुकाने से छूट मिली हुई थी।

विभागीय सूत्रों ने कहा कि रामदेव की ओर से किए जाने वाले सभी कारोबार की ऑडिटिंग करने वाले आयकर विभाग ने जांच के दौरान पाया कि आयुर्वेदिक दवाओं और इससे जुडी दूसरी पाचन सामग्रियों की बिक्री एक वाणिज्यिक गतिविधि है और इन्हें आयकर चुकाने से छूट नहीं मिलनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग के आकलन से रामदेव के ट्रस्टों के खिलाफ विदेश विनिमय कानूनों के उल्लंघन के आरोपों की जांच को भी मजबूती मिलेगी। यह जांच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही है।

विभागीय सूत्रों ने कहा कि रामदेव के ट्रस्टों की दूसरी नियमित ऑडिट और स्रोत पर हुई कर में कटौती को जमा करने का काम भी जारी है। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने रामदेव के ट्रस्टों की ओर से किए गए प्रेषण में विदेश विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत सात करोड़ रुपए के कथित उल्लंघन का भी पता लगाया है और इससे जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रहा है।

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