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क्या अमेरिका में मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी और नवाज़ शरीफ?

 
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क्या अमेरिका में मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी और नवाज़ शरीफ?

न्यूयार्क की द वाल्डॉर्फ एसटोरिया होटल।

न्यूयार्क: न्यूयार्क में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की कोई मुलाकात तय नहीं है लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी बन रहीं हैं कि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या इन दोनों की किसी भी तरह की कोई मुलाकात संभव है।

कयास की सबसे पहली और बड़ी वजह है दोनों प्रधानमंत्रियों का एक ही होटल में ठहरना। न्यूयार्क के पार्क एवेन्यू की 51वीं गली में स्थिति द वाल्डॉर्फ एसटोरिया होटल में भारतीय प्रधानमंत्री जहां 24 तारीख को अल सुबह पहुंचेगे वहीं दोपहर तक नवाज़ शरीफ तशरीफ लाएंगे। भारत और पाकिस्तान के अलावा यहां करीब 14 और देशों के राष्ट्राध्यक्ष ठहर रहे हैं। लेकिन मोदी और शरीफ के ठहरने की खास चर्चा है तो इसकी अपनी वजहें हैं।

न तो भारतीय विदेश मंत्रालय और न ही पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से किसी तरह की ऐसी कोई सूचना है कि दोनों प्रधानमंत्रियों की कोई मुलाकात हो सकती है। हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी साफ कहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है। बाहर कुछ हो तो अलग बात है। साथ में वे यह भी जोड़ते हैं कि कि रूस के शहर उफा में दोनों प्रधानमंत्री मिले तभी रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली और दोनों देशों के बीच बातचीत की डोर जुड़ी।

हालांकि उफा में जो तय हुआ वह पूरा नहीं हो पाया। हुर्रियत से मुलाकात और कश्मीर विवाद पर बातचीत के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बातचीत रद्द हो गई। रिश्ते में एक नई खटास आ गई। लेकिन उफा में जारी साझा बयान के मुताबिक बीएसएफ डीजी और पाकिस्तान रेंजर्स के डीजी के बीच दिल्ली में चार दिनों की बात हुई। सहमतियां भी उत्साह पैदा करने वाली बनीं। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव घटाने के लिए फ्लैग मीटिंग भी तय हुई। सीज़फायर के लगातार उल्लंघन के बीच बातचीत की कोई नई पहल दोनों देशों में से किसी की भी तरफ से होती नज़र नहीं आ रही, लेकिन फिर भी उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों का राजनीतिक नेतृत्व मौके की अहमियत को समझेगा और टूटी बातचीत को जोड़ने की तरफ कदम बढ़ाएगा।

राजनयिक स्तर पर बेशक कुछ भी तय न हुआ हो, लेकिन दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के दिमाग में क्या चल रहा है यह भी किसी को नहीं पता। क्या जैसे काठमांडू में मुशर्रफ से वाजपेयी ने हाथ मिला लिया था, कुछ इसी तरह की नई बात यहां भी हो सकती है? एक होटल में ठहरने के अलावा 25 तारीख को संपोषनीय विकास पर हो रहे सम्मिट के दौरान मोदी और नवाज शरीफ यूनएन में मौजूद रहेंगे। फिर 28 सितंबर को दोपहर में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की तरफ से दी जा रही दावत में भी दोनों मौजूद रहेंगे। फिर शाम साढ़े चार बजे पीस कीपिंग पर हो रही सम्मिट में भी दोनों प्रधानमंत्री शिरकत करेंगे। कुल मिला कर ऐसे कई मौके हैं जहां दोनों प्रधानमंत्री चंद मीटर की दूरी पर होंगे। देखना है कि किसी की तरफ से हाथ बढ़ता या नहीं, कोई अपने कदम बढ़ाता है कि नहीं।

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