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थोक मुद्रास्फीति शून्य से 4.95 फीसदी नीचे के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर

 
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थोक मुद्रास्फीति शून्य से 4.95 फीसदी नीचे के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर
नई दिल्ली: दाल और प्याज के दाम ऊंचे रहने के बावजूद थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान लगातार 10वें महीने जारी रहा। अगस्त में सस्ते ईंधन एवं सब्जियों के मद्देनजर यह शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे के ऐतिहासिक स्तर पर आ गई। इससे आरबीआई पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बढ़ेगा।

थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे थी। नवंबर, 2014 से थोक मुद्रास्फीति लगातार शून्य से नीचे बनी हुई है। अगस्त 2014 में यह 3.85 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य अवधि के दौरान प्याज 65.29 प्रतिशत और दालें 36.40 प्रतिशत मंहगी हुई।

हालांकि, खाद्य खंड में मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने शून्य से 1.13 प्रतिशत नीचे के स्तर पर रही। आलू की मदद से सब्जियों की कीमत शून्य से 21.21 प्रतिशत नीचे रही। आलू की मंहगाई दर शून्य से 51.71 प्रतिशत नीचे रही।

ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति शून्य से 16.50 प्रतिशत नीचे रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में शून्य से 1.92 प्रतिशत नीचे रही। दलहन और प्याज के अलावा अगस्त में महंगे होने वाले खाद्य उत्पादों में अंडा, मांस-मछली (3.30 प्रतिशत), दूध (2.08 प्रतिशत) और गेहूं (2.05 प्रतिशत) शामिल हैं।

जून का मुद्रास्फीति का आंकड़ा संशोधित होकर शून्य से 2.13 प्रतिशत नीचे आ गया, जबकि अस्थायी अनुमान शून्य से 2.40 प्रतिशत नीचे का था। रिजर्व बैंक आम तौर पर मौद्रिक नीति का फैसला करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के ध्यान में रखती है। केंद्रीय बैंक अगली समीक्षा 29 सितंबर को करने वाला है।

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