दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के बस्तों का बोझ घटेगा, पाठ्यक्रम में कटौती की तैयारी
Reported by Parimal Kumar , Edited by Suryakant Pathak , Last Updated: शनिवार सितम्बर 5, 2015 09:58 PM IST
नई दिल्ली: अगले महीने से दिल्ली में 8वीं तक के बच्चों के बस्तों का बोझ कम होने जा रहा है। दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में 8वीं तक के पाठ्यक्रम में 25 फीसदी कटौती करने की तैयारी पूरी कर ली है। इसे अगले महीने यानी अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की बात कही थी। शिक्षा विभाग ने पहले 8वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में 25 फीसदी कमी करने की दिशा में काम शुरू किया। विभाग ने अनेक शिक्षाविदों, अध्यापकों, अभिभावकों और अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। अगले महीने से हम इसे सरकारी स्कूलों में लागू कर देंगे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों का बचपन बस्तों के बोझ से दबा जा रहा है। इस विषय पर देश भर में काफी दिनों से चर्चा हो रही थी। दिल्ली में हम इस बोझ को कम करने जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि शिक्षा सत्र के बीच में क्या यह फैसला लागू करना ठीक है? इस पर आम सहमति बनी कि चूंकि पाठ्यक्रम में कटौती की जानी है, इसलिए ऐसा आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे विषय हैं जिनकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं है, इसलिए बच्चों को अनावश्यक रूप से उन्हें पढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि खेल, कला, साहित्य, संगीत, थिएटर जैसी विधाओं में भी उसकी भागीदारी बढ़े। भारी-भरकम पाठ्यक्रम के कारण बच्चों को इसके लिए समय नहीं मिल पाता।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की योजना अगले सत्र से 9वीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भी 25 फीसदी की कमी करने की है। इसकी जगह स्किल डेवलपमेंट, थिएटर, कला, संगीत, खेलकूद आदि को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाएगा। शिक्षा विभाग इस दिशा में काम कर रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ अपनी एक मुलाकात के दौरान उनके सुझाव का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि कलाम साहब ने कहा था कि स्कूली परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद बच्चों को दो सर्टिफिकेट दिए जाने चाहिए। पहला शैक्षणिक योग्यता का और दूसरा कौशल विकास से जुड़ी योग्यता का। इससे बच्चों को 12वीं के बाद ही रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे और वे आगे की पढ़ाई भी कर सकेंगे। सिसोदिया ने कहा कि सरकार कलाम साहब के इन सुझावों की दिशा में पहले से ही काम कर रही है। इसी क्रम में अगले साल 12वीं तक के पाठ्यक्रम में एक चौथाई कटौती करके स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा दिए जाने की योजना है।
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First Published:
सितम्बर 5, 2015 07:56 PM IST
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