आरक्षण आंदोलन के जवाब में गुजरात सरकार का आर्थिक पैकेज घोषित

आरक्षण आंदोलन के जवाब में गुजरात सरकार का आर्थिक पैकेज घोषित

पटेल आंदोलन का फाइल फोटो।

अहमदाबाद:

राज्य में पिछले दो महिने से ओबीसी में शामिल करने और आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर हो रहे पाटीदार आंदोलन की काट के तौर पर गुजरात सरकार ने गुरुवार को एक आर्थिक योजना की घोषणा की। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस नई योजना को नाम दिया 'मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना'।

आरक्षण के कारण नुकसान उठाने वाले छात्रों की फीस भरेगी सरकार
इस योजना के तहत सबसे पहले तो मेडिकल और इंजीनियरिंग कोलेजों में अनारक्षित कोटे में जो आरक्षित छात्र प्रवेश लेंगे और उसकी वजह से जितने अनारक्षित छात्रों को सरकारी कालेजों की जगह सेल्फ फाइनेंस कालेजों में दाखिला लेना पड़ेगा, उनकी फीस सरकार भरेगी। इसके अलावा जिन छात्रों ने 90 पर्सेन्टाइल मार्क प्राप्त किए हैं उन्हें सेल्फ फाइनेंस कालेजों में मेडिकल और इंजीनियरिंग में फीस का 50 प्रतिशत या सालाना 2 लाख रुपये दिए जाएंगे।

4.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वालों को लाभ
इसके अलावा सरकारी स्कूलों में जो फायदे आरक्षण में शामिल बच्चों को मिलते हैं वैसे ही लाभ अनारक्षित छात्रों को भी दिए जाएंगे। उन्हें भी मुफ्त गणवेश और मुफ्त किताबें दी जाएंगी। कुल मिलाकर गुजरात सरकार ने सालाना 1000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। ज्यादातर योजनाओं का लाभ सिर्फ उन्हें ही मिलेगा जिनकी सालाना आय 4.5 लाख रुपये से कम होगी।

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भाजपा ने किया घोषणा का स्वागत
इस योजना की घोषणा के बाद बीजेपी ने जगह-जगह पटाखे छोड़कर इसका स्वागत किया, जिससे थोड़ा विवाद हुआ। आंदोलनकारी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने इस योजना को सरकारी लॉलीपाप करार दिया और कहा कि यह पहले से घोषित आर्थिक तौर पर पिछड़े छात्रों के पैकेज में थोड़ा संशोधन भर है। उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम प्रतिक्रिया सभी नेताओं से मिलकर दी जाएगी। उन्होंने पटाखे छोड़ने की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि थोड़े दिन पहले पाटीदार युवा मारे गए, ऐसे में पटाखे छोड़ना गलत है।