पंडित जी ने पत्नी की और एक नजर से देखा फिर बिना किसी जवाब के वो घर से चल दिए शाम को वो जब वापिस लौटकर आये तो भोजन के समय थाली में कुछ उबले हुई चावल और... और पढ़ें »
अकबर बीरबल के मजेदार किस्से... और पढ़ें »
लाहौर के पागलखानों में जब इस तबादले की खबर पहुंची तो बड़ी दिलचस्प चीमेगोइयां होने लगी। एक मुसलमान पागल जो बारह बरस से हर रोज बाकायदगी के साथ जमींदार प... और पढ़ें »
खडग़सिंह उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे। होते-होते सुल्तान की कीर्ति उसके कानों तक भी पहुँची। उसका हृदय उसे देखने के लिए अध... और पढ़ें »
वह अपूर्व सुंदरी थी। उसकी बंद आंखों में सपने थे। सपने में साजन थे, साजन सेज पर थे और सेज महमह कर रही थी।और पढ़ें »
पास-पड़ोस में तो सब नन्हीं-बड़ी के पैरों में आप वही पाजेब देख लीजिए। एक ने पहनी कि फिर दूसरी ने भी पहनी। देखा-देखी में इस तरह उनका न पहनना मुश्किल हो ... और पढ़ें »
राजा सिर से पैर तक पैसे के मद में डूबा था; परंतु उसकी रानी बड़ी बद्विमती थी। वह पैसे को तुच्छ और बुद्वि को श्रेष्ठ समझती थी। रानी की चतुराई के कारण रा... और पढ़ें »
रातभर नाग अपने भोजन की तलाश में रहता और दिन निकलने पर अपने बिल में जाकर सो रहता। धीरे-धीरे वह मोटा होता गया। वह इतना मोटा हो गया कि बिल के अंदर-बाहर आ... और पढ़ें »
गर्भावस्था में यदि किसी स्त्री को हंस का मांस खाने को मिल जाये तो उसकी होने वाली संतान अत्यंत मेधावी, तेजस्वी और भाग्यशाली होती है।और पढ़ें »
जहांपनाह! मेरे हाथ का तो पत्नी के हाथों से दिन में एक-आध बार स्पर्श होता है, लेकिन आपका हाथ तो आपकी मूंछ पर दिन में दस या पांच बार तो अवश्य लगता है। भ... और पढ़ें »
मैं राजा का सबसे प्यारा हाथी था और कहां आज मामूली मजदूर हूं। यह सोचकर जोर-जोर से चिंघाड़ता और उछलता। आखिर एक दिन उसे इतना जोश आया कि उसने लोहे की जंजी... और पढ़ें »
जब सब लोग आ गये तो काजी ने उन सबको एक एक छड़ी देते हए कहा कि ये लो ये विशेष छडिय़ाँ है जिनकी मदद से मैं चोर को पहचान लेता हूँ। और पढ़ें »
क्यों चलते-चलते किसी के फिसलकर गिर पडऩे और चोटिल हो जाने पर सहारा देकर उठाने के बजाय लोग उस पर हंसें? क्या यही है मानवता!और पढ़ें »
पत्नी ने बहुत सोचा लेकिन इतनी ऊंची मीनार पर रेशम का सूत पहुंचाने का कोई भी विचार उसकी समझ में नहीं आया । और पढ़ें »
बहेलिये ने सोचा कि मेरी उम्र बीत गयी है पक्षियों को पकड़ते-पकड़ते लेकिन आज तक ऐसा आश्चर्यजनक घटना नहीं देखी कि पक्षी की बीट से स्वर्ण बन जाता हो। और पढ़ें »
महाराज आपको अपने कर्मो का फल अवश्य मिले' रोज-रोज के ये कड़वे वचन सुनकर राजा अपनी दूसरी पुत्री से तंग आ गया था और पढ़ें »
राजा ने तुरंत तेनालीराम को खोजने के लिए अपने सैनिकों को भेजा। आसपास का पूरा क्षेत्र छान मारा पर तेनालीराम का कोई अता पता नहीं चला। और पढ़ें »
पिटने की, दुत्कारे जाने की और अत्याचारों को सहने की भी कोई तो सीमा होती है उसके आगे होता है-विद्रोह...और पढ़ें »
मैं डरा हुआ था, तभी मुझे अपने पापा की कही बात याद आई कि नए रास्ते पर जाते समय रास्ते की कुछ चीजें या पहचान याद रखनी चाहिए, ताकि हमे रास्ता ढूंढऩे में ... और पढ़ें »
आश्रम के प्रधान साधू ने कहा जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे छोड़ दो। परमात्मा को पाना तो बहुत ही सरल है तो राजा ने यही किया और अपनी सारी सम्पति जो है वो ग... और पढ़ें »