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मलेशिया की क्यू नेट कंपनी पर महाराष्ट्र में 12 केस दर्ज, लोगों से करोड़ों की ठगी

BhaskarHindi.com | Last Modified - February 07th, 2018 14:53 IST

मलेशिया की क्यू नेट कंपनी पर महाराष्ट्र में 12 केस दर्ज, लोगों से करोड़ों की ठगी

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  मलेशिया की क्यू नेट कंपनी पर महाराष्ट्र में  करीब 12 प्रकरण दर्ज है। यह कंपनी कई लोगों को को करोड़ों से चपत लगा चुकी है। कंपनी के एजेंट लोगों को झांसे में लेने के बाद उसे पहले  विदेश की सैर कराते थे, ताकि  कोई शक न हो। मेंबरशिप के नाम पर 3 लाख रुपए लिए जाते थे। यह रकम विदेश ले जाने पर खर्च की जाती थी। शेष रकम कंपनी के लोग अापस में बंदरबांट करते थे। मेंबर बनने वाले व्यक्ति को दूसरे मेंबर बनाने की तैयारी में लगा दिया जाता था। गिरोह का मुखिया आशीष लुणावत है। किशोर भंडारकर उसका दाहिना हाथ था। वह नागपुर और विदर्भ का कारोबार देखता था। आशीष, किशोर और अन्य आरोपियों की खोजबीन के लिए दो दस्ते बनाए गए हैं। यह जानकारी  आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग की उपायुक्त श्वेता खेडकर ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में दी । 

मुख्य रूप से मलेशिया की है कंपनी
उन्होंने बताया कि क्यू नेट कंपनी मुख्य रुप से मलेशिया की है। इस कंपनी के नाम पर महाराष्ट्र में चेन मार्केटिंग का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो चुका है। इस गिरोह के मुख्य आरोपी आशीष लुणावत और किशोर भंडारकर फरार हैं। इन दोनों के अलावा आरोपी मंगेश चिकारे, उसकी पत्नी ऋतुजा चिकारे और श्रीकांत रामटेके फरार हैं। इन सभी फरार आरोपियों की तलाश के लिए नागपुर की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने दो दस्ते बनाए हैं। यह दस्ते आरोपियों की नागपुर, चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा और बुलढाणा में खोजबीन कर चुके हैं। आरोपियों की तलाश में दस्ता मुंबई भी भेजा गया है। मुख्य आरोपी आशीष मुंबई के जिस आलीशान फ्लैट में रहता था, वहां से गायब हो चुका है। क्यू नेट कंपनी के नाम पर चेन मार्केटिंग का कारोबार करने वाले इस गिरोह में शामिल आरोपी डॉ. कविता अविनाश खोंड, प्रशांत दत्तात्रय धार्मिक, उसकी पत्नी मृणाल धार्मिक, प्रशांत श्यामराव डाखोले आैर उसकी पत्नी  प्रज्ञा डाखोले को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।    

17 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ले चुका है
आशीष लुणावत बेहद शातिर है। वह अब तक विदेशों में 17 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ले चुका है। सेमिनार का आयोजन ऐसे होटलों में किया जाता था कि, वहां की चकाचौंध देखकर किसी के मन में यह ख्याल तक नहीं आता था कि कंपनी उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है। एक बार कंपनी के नाम पर मेंबर बनने वाले को विदेश की सैर कराने ले जाने पर वह 3 लाख रुपए देकर मेंबर तो बन जाता था। पैसे कमाने के लालच में दूसरे मेंबर को इस चेन मार्केटिंग से जोड़ेने में जुट जाता था। भारत में अलग-अलग स्थानों पर क्यू नेट कंपनी के नाम से यह गोरखधंधा चल रहा है। नागपुर में इस कंपनी की करतूत उजागर होने पर अब लोग सजग हो गए हैं। अभी तक आर्थिक अपराध शाखा पुलिस के पास करीब 10 शिकायतकर्ता आ चुकेे हैं। 

15 करोड़ की धोखाधड़ी! 
श्वेता खेडकर का मानना है कि संभवत: नागपुर में करीब 15 करोड के आस-पास धोखाधड़ी की गई है। अभी तक कई पीड़ित सामने आने से कतरा रहे हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कार्यालय व मकान की तलाशी ले चुकी है। क्यू नेट कंपनी के इस गोरखधंधे का पर्दाफाश होने के बाद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग  ने 2 डॉक्टरों सहित 10 आरोपियों के खिलाफ धंतोली थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों में डॉ. कविता खोंड, मृणाल धार्मिक, प्रशांत धार्मिक, आशीष लुणावत, किशोर भंडारकर, मंगेश चिकारे, ऋतुजा चिकारे, प्रशांत डाखोले (डाखोडे), प्रज्ञा डाखोले आैर श्रीकांत रामटेके शामिल हैं। इन आरोपियों ने कुछ वर्ष पहले ही क्यू नेट नामक कंपनी शुरू की थी। कंपनी का सदस्य बनते ही देश-विदेश के पर्यटन स्थलों, रिसॉर्ट, शॉपिंग, कॉर्पोरेट फायनांस, टेलीकम्युनिकेशन, ई-कॉमर्स, लाइफ स्टाइल के साथ ही विविध कंपनियों के उत्पादनों की जानकारी दी जाती है। कंपनी की क्यू वीआईपी क्लब मेंबरशिप लेने के लिए सुविधा में बडी छूट व नि:शुल्क भेंटवस्तु देने का भी प्रलोभन दिया जाता है। क्यू नेट कंपनी के नाम पर निवेशकों का फर्जी मेल आईडी, अकाऊंट तैयार करते थे। 
 

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