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सीपीईसी के तहत चीन-पाकिस्तान साल 2030 तक रहेंगे आर्थिक साझेदार

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पाकिस्तान के योजना मंत्री एहसान इकबाल और चीनी राजदूत याओ जिंग ने इस्लामाबाद में दीर्घकालिक सीपीईसी योजना को सार्वजनिक किया।

पाकिस्तान व चीन ने सोमवार को चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की दीर्घकालिक योजना का सार्वजनिक रूप से अनावरण किया। सीपीईसी के लिए दीर्घकालिक योजना पहले ही बन चुकी थी लेकिन सोमवार को इसे सार्वजनिक करते हुए बताया गया कि इस योजना में किन-किन योजनाओं को शामिल किया है।

पाकिस्तान के योजना मंत्री एहसान इकबाल और पाकिस्तान में चीनी राजदूत याओ जिंग ने इस्लामाबाद में एक समारोह के दौरान दीर्घकालिक सीपीईसी योजना को सार्वजनिक किया।

दीर्घकालिक योजना में बताया गया कि चीन व पाकिस्तान साल 2030 तक आर्थिक साझेदार रहेंगे। पाकिस्तान में बुनियादी ढ़ांचे से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी तक के क्षेत्रों में चीन व पाकिस्तान द्वारा साल 2030 तक मिलकर आर्थिक विकास व सहयोग किया जाएगा। यह पहली बार हुआ है जब चीन व पाकिस्तान ने सीपीईसी की दीर्घकालिक योजना को सार्वजनिक किया है।

सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में ऋण शर्तों की जानकारी नहीं

सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में परियोजनाओं, निवेश व ऋण से संबंधित महत्वपूर्ण शर्तों के बारे में विशिष्ट जानकारी नहीं दी है। साथ ही पाकिस्तान में पहले से चल रही विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए विवरण प्रदान भी नहीं किया है।

इस दीर्घकालिक योजना के तहत सड़क व रेल संरचना, सूचना नेटवर्क के बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, व्यापार और औद्योगिक पार्क, कृषि, गरीबी उन्मूलन और पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों का पाकिस्तान में विकास करना शामिल हुआ है। इसमे ग्वादर बंदरगाह का विकास करना भी शामिल है।

इस योजना के तहत मंत्री एहसान इकबाल ने संकेत दिए है कि बहुत जल्द चीन व पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह चीनी मुद्रा युआन को जगह दी जा सकती है।

मंत्री ने कहा है कि चीनी मुद्रा रेनमिनबी (युआन) को अपनाने पर पाकिस्तान के हितों में कोई टकराव नहीं होगा। हम अभी अमेरिकी डॉलर की जगह रेनमिनबी के उपयोग करने की जांच कर रहे है। संभावना है कि बहुत जल्दी इसका उपयोग किया जा सकेगा।

 

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