Rajesh Khanna Souten Film: 1983 में रिलीज हुई 'सौतन', जिसने राजेश खन्ना के करियर में जान फूंक दी

Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : vidya    Thu, Aug 10, 2023, 12:14



मुंबईः हिंदी सिनेमा में पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) एक दौर में बॉलीवुड पर राज (ruled Bollywood) करते थे. उनका स्टारडम (stardom) ऐसा था कि उन्हें लेकर एक कहावत प्रचलित थी. ये कहावत थी 'ऊपर आका और नीचे काका(upar aaka and down below kaka)'. जी हां, 70 के दशक में राजेश खन्ना का कुछ ऐसा ही स्टारडम था, वह जिस फिल्म में हाथ रख देते उसका हिट होना तय माना जाता था. उनके साथ काम करने के लिए उनके घर के बाहर निर्माता-निर्देशकों की लाइन लगी होती थी. हर कोई उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने के लिए घंटों उनके घर के बाहर इंतजार करता था. यही नहीं, ये फिल्ममेकर्स (filmmakers) राजेश खन्ना को अपनी फिल्म में साइन करने के लिए उन्हें मुंहमांगी कीमत देते थे.
लेकिन, काका को जब कभी कोई फिल्म पसंद नहीं आती थी, तो वो इसे ना कहने में भी देरी नहीं लगाते थे. ऐसा ही कुछ उन्होंने निर्माता-निर्देशक सावन कुमार टाक की फिल्म के साथ भी किया. लेकिन, जैसे ही राजेश खन्ना सितारे अर्श से फर्श पर आने लगे, यानी उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं, उन्होंने खुद सावन कुमार टाक (Sawan Kumar Tak) को फोन करके उनकी फिल्म में काम करने की बात कही. जिसके बाद राजेश खन्ना के करियर को फिर उड़ान मिली. ये फिल्म थी 'सौतन', जिसे करने से कभी राजेश खन्ना इनकार कर चुके थे. लेकिन हमेशा निर्माता-निर्देशकों से घिरे रहने वाले राजेश खन्ना की फिल्में जब एक-एक कर लगातार फ्लॉप होने लगीं तो उन्हें फिर सालों बाद उस फिल्म की याद आई, जिसे करने से वह कभी इनकार कर चुके थे. जब सावन कुमार टाक 'सौतन' का ऑफर लेकर राजेश खन्ना के पास पहुंचे थे, तब सुपरस्टार एक के बाद एक हिट दे रहे थे. लेकिन, उनके पास डेट्स की समस्या थी. ऐसे में उन्होंने सावन कुमार टाक से कहा- 'फिलहाल मेरे पास डेट्स नहीं हैं.' लेकिन, 80 के दशक में राजेश खन्ना की कई फिल्में फ्लॉप होने लगीं. इनमें 'धर्म कांटा', '50-50' और 'राजपूत' जैसी फिल्में शामिल थीं. तब राजेश खन्ना के साथ वही हाल हुआ 'जब कामयाबी कदम चूमती है, काम की कोई कमी नहीं होती, लेकिन वक्त बदलते ही जमाना आंख दिखाने लगता है.'
फ्लॉप होती फिल्मों के चलते काका का हाथ भी खाली हो गया. ऐसे में उन्हें फिर सावन कुमार टाक की याद आई. उन्होंने खुद निर्माता-निर्देशक को फोन किया और कहा - 'मेरी डायरी में डेट खाली है, बताओ कब फिल्म की शूटिंग शुरू करना है?' सावन कुमार ने जवाब दिया- 'एक साथ बहुत सारी डेट्स देनी होंगी.' राजेश खन्ना ने कहा- 'जितनी चाहिए, तुम ले लो.'
राजेश खन्ना का जवाब सुनकर सावन कुमार खुश हो गए और फिर कहानी पर काम शुरू किया. जिसके बाद 1983 में रिलीज हुई 'सौतन', जिसने फिर राजेश खन्ना के करियर में जान फूंक दी.


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